सर्व सेवा संघ पर कब्जे के विरोध में शास्त्री घाट पर प्रतिरोध सभा

वाराणसी। बनारस में वरुणा के किनारे राजघाट पर स्थित सर्व सेवा संघ पर मोदी सरकार ने 22 जुलाई, 2023 को कब्जा कर लिया था। उस दिन सुबह करीब 6.30 पर चार-पांच सौ पुलिसकर्मियों के साथ वाराणसी प्रशासन के आलाधिकारियों ने परिसर में रह रहे लोगों का सामान उठाकर बाहर फेंक दिया। सारे कार्यालय और आवास को खाली करा लिया गया। सर्वोदय प्रकाशन की लाखों किताबों को सड़क पर फेंक दिया गया। मोदी सरकार सर्व सेवा संघ परिसर में स्थित भवनों को ध्वस्त कर मॉल और शॉपिंग कॉम्प्लेक्स बनाएंगी। इस तरह गांधी-विनोबा और जयप्रकाश नारायण की विरासत पर बुलडोजर चलाए जाने की तैयारी है।

22 जुलाई, 2023 से ही सर्व सेवा संघ पर सरकारी कब्जे के विरोध में धरना-प्रदर्शन चल रहा है। इस कड़ी में 9 अगस्त को अगस्त क्रांति के अवसर पर काशी के पराड़कर भवन में देश के कोने-कोने से आए गांधी-जेपी को मानने वालों ने प्रतिरोध सम्मेलन किया। आज यानि गुरुवार को शास्त्री घाट पर एक प्रतिरोध सभा किया जा रहा है। बनारस में पानी बरस रहा है। लेकिन सरकार के गांधी-विनोबा-जेपी की विरासत पर कब्जा के विरोध में हजारों लोग भीगते हुए सभा स्थल पर मौजूद हैं।

शास्त्री घाट पर प्रतिरोध सभा शुरू हो गया है। मंच पर डॉ सुनीलम, योगेंद्र यादव, प्रो. आनंद कुमार, मेधा पाटेकर और अन्य लोग स्थान ले लिए हैं। बनारस में पानी बरस रहा है। सभा स्थल पर बारिश और धूप से बचने के लिए टेंट लगाया गया है। गांधी-विनोबा-जेपी की विरासत पर कब्जा के विरोध में हजारों लोग भीगते हुए सभा स्थल पर मौजूद हैं।

शास्त्री घाट पर किसान, छात्र और युवाओं समेत महिलाओं की भी भारी संख्या मौजूद है।

मंच पर जाने के पहले भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत के साथ सेल्फी लेता एक जवान।

मंच पर गांधीवादी-समाजवादी कार्यकर्ता अफलातून। अफलातून गांधी जी के निजी सचिव रहे महादेव देसाई पौत्र हैं।

मंच पर प्रो. आनंद कुमार, राकेश टिकैत, सर्व सेवा संघ के अध्यक्ष चंदन पाल, मेधा पाटेकर और योगेंद्र यादव।

गांधी-विनोबा-जेपी की विरासत को बचाने के लिए आए किसान-मजदूर।

शास्त्री घाट पर आयोजित प्रतिरोध सभा में महिलाओं की उल्लेखनीय भागीदारी।

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