नई दिल्ली। एक विवादास्पद बयान के बाद रणवीर अलाहाबादिया अलियास बीयर बाइसेप्स पूरे देश में चर्चा का विषय बन गए हैं। रणवीर ने ’इंडिया गॉट लेटेंट ’ के अपने प्रोग्राम में कुछ ऐसा कहा जिससे बवाल मच गया और देश कि तमाम बड़ी मीडिया ने उसे दिखाते हुए उसे भारतीय संस्कृति के विरोध में बताया। रणवीर ने अपने उस विवादास्पद बयान में कहा कि “ या तो तुम हर रोज अपने पेरेंट्स को सेक्स करते हुए देखोगे या खुद उसमें शामिल होगे और उसे हमेशा के लिए खत्म करोगे”। जी हां यही वो बयान था जिसके बाद पूरे देश में चारों तरफ से धमकियां दी जाने लगी और उनके सहित उनके परिवार को खत्म करने की बात की जाने लगी।
इस बयान के बाद महाराष्ट्र और असम- दो जगहों पर रणवीर के खिलाफ मुकदमे दर्ज किए गए। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार जय राजपुताना संघ द्वारा एक तीसरा मामला भी दायर किया गया है जिसे महाराष्ट्र के खेर पुलिस थाने में स्थानांतरित कर दिया गया है जहां पर इस मामले की जांच चल रही है। पुलिस के अनुसार भारतीय न्याय संहिता के कुछ धाराओं के साथ, इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी एक्ट के अंतर्गत भी मुकदमे दर्ज किए गए हैं। भारतीय न्याय संहिता की धारा 294, किसी भी प्रकार की अश्लील सामग्री या डिजिटल सामग्री को किसी भी माध्यम से दिखाना जिसकी प्रकृति यौन विचारोत्तेजक, अर्थात जो यौनिक विचारों को उत्तेजित करे या लोगों की नैतिकताओं व व्यवहारों को नुकसान पहुंचाए इस धारा के अंतर्गत जुर्म माना जायेगा।
वहीं यह मामला सुप्रीम कोर्ट में तब पहुंच गया जब रणवीर अपने ऊपर बढ़ती धमकियों की वजह से सुरक्षा प्रदान करने को लेकर सुप्रीम कोर्ट में गुहार लगाई। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें कुछ शर्तों के साथ सुरक्षा मुहैया करने की बात की है, परन्तु उसके अलावा भी जो सुप्रीम कोर्ट ने कहा उसपर गौर करने की आवश्यकता है। डी वाई चंद्रचूड़ के बेटे अभिनव चंद्रचूड़, जो रणवीर के वकील हैं उनसे कोर्ट ने पूछा कि “क्या आप इस तरह की भाषा का बचाव करते हैं?” अभिनव ने इस बात को स्वीकारते हुए कि भाषा जिसका प्रयोग रणवीर ने किया है वह “निराशाजनक” है परन्तु क्या यह यह इस स्टार पर है जहां पर आपराधिक मुकदमा चलाया जाना चाहिए, इसपर अभिनव ने प्रश्न उठाए।
सर्वोच्च न्यायालय ने अभिनय चंद्रचूड़ द्वारा उठाए गए अपूर्व अरोड़ा मामले पर टिपण्णी करते हुए यह पूछा कि “क्या अपूर्व अरोड़ा मामले में न्यायालय ने कुछ भी बोलने की आजादी दे दी है?” इस मामले में न्यायालय ने “मॉरल डीसेंसी कम्युनिटी टेस्ट” की बात की है जिसमें न्यायालय ने इस बात को स्पष्ट किया है कि इस टेस्ट का मानक यह है कि “ क्या कोई सामग्री दिखाई या प्रसारित की जा रही है वह लोगों के मस्तिष्क को भ्रष्ट करेगी।”
परन्तु यह रणवीर अलाहाबादिया कोई एक दिन में भी विकसित नहीं हुआ है। इससे पहले भी इसने अपने इस प्रोग्राम पर एक महिला से स्पष्ट शब्दों में अश्लील बातें की हैं जिसमें उसने महिला का बुरे तरीके से वास्तुकरण किया है और एक पुरुषवादी समाज में स्थापित जुमले को चरितार्थ करने का प्रयास किया जिसमें यह बोला जाता है कि “पैसे से सब मिलता है।” परन्तु बड़ा सवाल क्या है कि इस देश का मामला क्या बना? यह की कोई मां-बाप या पारिवारिक संबंध पर ऐसे कैसे बोल सकता है यह तो अश्लीलता की श्रेणी में आता है परन्तु वह जो महिला विरोधी बयान दिया गया है उसको लेकर देश निर्मल है। यहां पर भी संघ ही अपना एजेंडा सेट कर रहा है और सारा देश वही बोल रहा है जो हमारा शासक वर्ग उनसे सुनना चाहता है।
इस वीडियो से पहले रणवीर एक पॉपुलर यूट्यूबर के रूप में विख्यात था। इसने सबसे पहले लगातार 3 सालों तक लगभग केवल हेल्थ और प्रोटीन सप्लीमेंट्स से जुड़े वीडियो बनाते हुए काफी फॉलोवर्स हासिल कर लिए थे। फिर 2017–18 के आस पास रणवीर ने एक छिपे तौर पर मौजूदा हिंदुत्ववादी प्रचार वाला वीडियो बनाने शुरू किए, जिसमें अक्षय कुमार के इंटरव्यू से लेकर “ईसा मसीह के भारत के अंदर ट्रेनिंग” लेने जैसे वीडियो वायरल होने शुरू हुए। इन वीडियो को स्थापित मानक बनाने के लिए इनके प्रोग्राम में हिंदुत्व प्रोपेगंडा के बड़े और चर्चित चेहरे लगातार इन प्रोग्राम्स में आते रहे और उस जनता के बीच में रणवीर को स्थापित किया जहां उन्हें ऐसे इंसान को पैठ बनानी थी।
इनके वीडियो में इसने इतिहास के हर उस विवादास्पद मुद्दों को उठाया जहां से हिंदुत्ववादी अपने इतिहास को दोबारा लिखने की बात करता है। मेधा बी के साथ अपने इंटरव्यू में बीयर बाइसेप्स एक क्षेत्र की तरह मेधा से हिंदुत्ववादी इतिहास को सुन रहा है और मेधा भी अपने तरीके का इतिहास बताने में लगी पड़ी हैं कि शिवाजी को ये ’शिवराय’ बुलाती हैं क्योंकि इतना बड़ा नाम लेना मुश्किल है और राय का मतलब राजा है। शिवाजी के मुख्य काम को छोड़कर तमाम तरह के मनगढ़ंत कहानी पर इस पूरे कार्यक्रम को बनाया गया।
वहीं एक दूसरे वीडियो में वह रामी निरंजन देसाई का इंटरव्यू लेते हुए नजर आ रहे हैं जहां रामी पूरे वीडियो में पूर्व में जाकर सरकारों को सात राज्यों कि अनदेखी की बात करती हैं और तमाम तरह के राष्ट्रवादी आंदोलनों को अलगाववादी आंदोलन बता कर सारी बातों का सामान्यीकरण करती हैं। बड़ी आश्चर्य की बात नहीं है कि रामी के विचारों को ट्विटर पर “भारत मैतेई ग्रुप” नामक चैनल द्वारा सबसे ज्यादा प्रसारित किया जाता है और रामी एंथ्रोपोलॉजी और आइडेंटिटी पर अपने काम को करके आई हैं।
“हिंदुत्व का कुल ड्यूड” बैकफायर (आत्मघात) कर बैठा है। परिवार तो केंद्रीय पक्ष है और उसने उसी पर हमला कर दिया। परन्तु रणवीर के राजनीतिक ताल्लुकातों के अलावा अन्य चेहरों की बात करें तो आज के समय में इंटरनेट पर लाइक्स और उसपर सजी मार्केट ने लोगों के वास्तुकरण को बढ़ावा दिया है और लोगों ने इसे पैसे कमाने के एक साधन के रूप में देखा है। यह महज एक पारिवारिक मुद्दा या देश की संस्कृति का मुद्दा न होकर एक व्यापक मुद्दा है जिसपर गौर करने की जरूरत हैं।
(निशांत आनंद स्वतंत्र टिप्पणीकार हैं)