देश भर में फैलता जा रहा साइबर ठगों का जाल

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15 सितंबर को हूबहू मेरी आवाज और स्टाइल में एक फोन मेरे नागपुर के पुराने सहकर्मी बीके काबरा के पास आया। जिसमें उसने कहा पूना में मेरे किसी मित्र का एक्सीडेंट हो गया है। मेरे अकाउंट में अभी पैसे नहीं हैं तो आप बीस हजार रुपये एक नंबर पर भेज दीजिए। एक दो दिन में पचास हजार रुपये आपके अकाउंट में आ जायेंगे। अभी बीस हजार एक नंबर दे रहा हूं उसपर फोन पे कर दीजिए। काबरा जी को संदेह हुआ उन्हाेंने पैसे देने से मना कर दिया। लेकिन यह संभव है ठीक मेरी आवाज और स्टाइल में किसी और मित्र के पास फोन आए तो उसे साफ मना कर दें। मेरी आवाज की कॉपी संभवतः AI द्वारा की गई होगी। आप भी सावधान रहें।

देश में बीते कुछ बरसों के दौरान फाइनेंशियल फ्रॉड के मामलों में तेजी आई है। लोकल सर्किल्स के एक ताजा सर्वे में दावा किया गया है कि बीते 3 साल में 47 फीसदी भारतीयों ने एक या ज्यादा फाइनेंशियल फ्रॉड का सामना किया है। यानी कि देश की आधी आबादी इस वक्त साइबर ठगों की पहुंच में हैं। जो किसी न किसी तरह से लोगों को चूना लगा रहे हैं। इस सर्वे में ये भी कहा गया कि इनमें UPI और क्रेडिट कार्ड से जुड़ी फाइनेंशियल फ्रॉड सबसे आम हैं। आधे से ज्यादा लोगों को क्रेडिट कार्ड पर अनऑथराइज्ड चार्ज लगाए जाने का सामना करना पड़ा है।

स्पष्ट है भारत में साइबर अपराध में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। 2024 में मई तक प्रतिदिन औसतन 7,000 से अधिक शिकायतें दर्ज की जा रही हैं। यह जानकारी भारतीय साइबर अपराध समन्वय समिति के सीईओ ने दी। उन्हाेंने बताया कि भारत को निशाना बनाने वाले अधिकांश साइबर धोखेबाज दक्षिण पूर्व एशिया के प्रमुख स्थानों से काम कर रहे हैं।

पिछले 3 साल में मिले डेटा के आधार पर लोकलसर्किल्स ने कहा है कि 10 में से 6 भारतीय फाइनेंशियल फ्रॉड की सूचना रेगुलेटर्स या लॉ एनफोर्समेंट एजेंसियों को नहीं देते हैं। सर्वे में शामिल लोगों में से 43 फीसदी ने क्रेडिट कार्ड पर फ्रॉड वाले ट्रांजैक्शन की बात कही है। 36 फीसदी ने कहा कि उनके साथ फ्रॉड वाला UPI ट्रांजैक्शन हुआ है। क्रेडिट कार्ड फ्रॉड के बारे में 53 फीसदी लोगों ने अनऑथराइज्ड चार्ज के बारे में बात की है।

वहीं RBI के डेटा की बात करें तो 2023-24 में फ्रॉड के मामले 166 फीसदी की बढ़ोतरी के साथ 36 हजार से भी ज्यादा रहे हैं। हालांकि इनमें शामिल रकम 2022-23 के मुकाबले के मुकाबले आधी यानी 13 हजार 930 करोड़ रुपए रही है। साइबर फ्रॉड के मामले में समस्या ये है कि ये शातिर हर बार कोई नया तरीका खोज लाते हैं। इसके अलावा कस्टम्स विभाग के नाम पर किए जा रहा पुराना ठगी फॉर्मूला अभी भी जारी है।

दरअसल, बीते कुछ समय में कस्टम विभाग का अधिकारी बनकर ठगने के काफी मामले सामने आए हैं। ये जालसाज कूरियर कर्मचारी या अधिकारी बनकर अनजान लोगों को कॉल, टेक्स्ट मैसेज या ई-मेल के जरिए निशाना बनाते हैं। ये लोग दावा करते हैं कि आपका कोई पैकेज या पार्सल आया है, जो कस्टम डिपार्टमेंट में अटक गया है। इसे हासिल करने के लिए पहले कस्टम्स ड्यूटी या टैक्स चुकाना होगा।

इसके बाद जालसाजों का ही कोई साथी कस्टम्स या दूसरी लॉ एनफोर्समेंट एजेंसी का अधिकारी बनकर ऐसे सामान के लिए कस्टम्स ड्यूटी मांगता है। इसके अलावा विदेश से आए पैकेज या पार्सल में ड्रग्स, नकली पासपोर्ट या कोई गैरकानूनी चीज के नाम पर जुर्माना और जेल की धमकी देकर भी वसूली करता है। CBIC ने जनता को जागरूक करने के लिए सोशल मीडिया पर कैंपेन चलाने के साथ ही विज्ञापन देने भी शुरु किए हैं।

इन धोखेबाजों से निपटने के लिए आई4सी विंग ने विभिन्न कानून प्रवर्तन एजेंसियों और उसकी टीम के प्रयासों की मदद से पिछले चार महीनों (जनवरी से अप्रैल) में लगभग 3.25 लाख बैंक खाते फ्रीज किए है। इसके अतिरिक्त 5.3 लाख सिम कार्ड ब्लॉक किए। व्हाट्सएप ग्रुप सहित 3,401 सोशल मीडिया अकाउंट भी फ्रीज किए गए हैं।

CBIC ने लोगों से कहा है कि पार्सल का ऑर्डर ना करने वाले ऐसे फोन को स्कैम समझें। वैसे भी कस्टम डिपार्टमेंट कभी फोन करके चार्ज नहीं मांगता। आधार, OTP, बैंक अकाउंट नंबर, क्रेडिट या डेबिट कार्ड की डिटेल को कभी भी किसी अनजान या संदिग्ध कॉल पर नहीं बतानी चाहिए। इसके अलावा इस तरह की स्कैम कॉल पर जितना कम बात करेंगे, उतना ही अच्छा होगा। पुलिस को तुरंत सूचना भी देनी चाहिए।

(शैलेन्द्र चौहान लेखक-साहित्यकार हैं)

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Rakesh Garg
Rakesh Garg
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25 days ago

Cyber fraud ke case mai Bank talla maraye hai
In last days this happened with me ,where I am ex bank manager after that Punjab and Sindh bank didn’t take any acttion.
after lodging complaint with 1930 ,next day Our Incharge of Police Station
send me in my branch with Two police constable ,and within seconds they sent mail to there head and in hours my money recovered.

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