लखनऊ। भाकपा (माले) ने कहा है कि मुख्यमंत्री योगी के बुलडोजर न्याय को सुप्रीम कोर्ट ने कानून का आईना दिखाया है।
सड़क चौड़ीकरण के नाम पर महाराजगंज जिले में बुलडोजर चलाकर घर को ध्वस्त कर देने को अराजक व गैरकानूनी कार्रवाई मानते हुए सरकार पर 25 लाख रुपये का न सिर्फ जुर्माना लगाया और इसे भवनस्वामी को देने के लिए कहा,
बल्कि मनमानी कार्रवाई करने वाले अधिकारियों के खिलाफ एक महीने के भीतर जांच व अनुशासनात्मक कार्रवाई के निर्देश भी दिए हैं।
राज्य सचिव सुधाकर यादव ने बुधवार को जारी बयान में कहा कि शीर्ष अदालत के आदेश के बाद योगी के विध्वंसकारी बुलडोजर का पहिया थमना चाहिए। क्योंकि प्रदेश में बुलडोजर सिर्फ घरों पर ही नहीं, संविधान और लोकतंत्र पर भी चल रहा है।
बहराइच में सड़क चौड़ीकरण के नाम पर 23 घरों पर बुलडोजर चलाने की सरकार की योजना है। सरकार नफरत की राजनीति कर रही है। बहराइच हिंसा की आड़ में समुदाय विशेष को निशाना बनाया जा रहा है।
इलाहाबाद हाई कोर्ट ने भी इस पर आज टिप्पणी की और चुनिंदा रुप से कार्रवाई करने को मना किया। बहराइच मामले पर हुई सुनवाई में उच्च न्यायालय ने कई सवाल कर सरकार की घेरेबंदी की।
माले नेता ने कहा कि न सिर्फ बहराइच में 23 घरों के ध्वस्तीकरण पर स्थायी विराम लगना चाहिए, बल्कि लखनऊ के अकबरनगर में बुल्डोजर कार्रवाई के प्रभावितों को भी मुआवजा मिलना चाहिए।
(भाकपा माले द्वारा जारी।)
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