Sunday, April 28, 2024

पानी-पानी हुई दिल्ली: स्कूल-कॉलेज बंद, कई इलाके बेहाल

नई दिल्ली। दिल्ली में यमुना नदी का जलस्तर लगातार बढ़ने के कारण दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए) की बैठक के बाद कई अहम फैसले लिए गये हैं। बुधवार को ही यमुना नदी का जलस्तर पिछले चार दशक के रिकॉर्ड को पार कर गया था, लेकिन गुरुवार सुबह जब पानी लाल किला, अंतरराज्यीय बस अड्डा, कश्मीरी गेट सहित राजभवन जाने वाली सड़क पर आ गया, तो राज्य सरकार और उप-राज्यपाल को तत्काल डीडीएमए की बैठक बुलाकर स्थिति का जायजा लेकर फैसला लेना पड़ा है। बता दें कि यमुना खतरे के निशान से 3 मीटर ऊपर बह रही है। कई इलाके पानी में डूब चुके हैं और कई इलाकों में पानी घुटनों से ऊपर आ चुका है।

बुधवार तक यमुना के किनारे बसे लोगों को दिल्ली प्रशासन जलस्तर के बढ़ने के मद्देनजर हटा रहा था, लेकिन अब पानी स्थायी मकानों तक में प्रवेश कर चुका है, लिहाजा लोग अपने घरों को ताला लगाकर पलायन कर रहे हैं। फिलहाल एनडीआरएफ की 12 टीमें राहत और बचाव कार्य में जुटी हुई हैं। इसके साथ ही 2,700 राहत शिविर भी बनाये गये हैं।

यहां तक कि दिल्ली मेट्रो ने यमुना बैंक मेट्रो स्टेशन को प्रवेश और निकासी के लिए बंद कर दिया है, क्योंकि मेट्रो स्टेशन आने-जाने का मार्ग बाढ़ के पानी में समा चुका है। दिल्ली मेट्रो के आधिकारिक हैंडल से ट्वीट कर जानकारी दी गई है कि, “यमुना के बढ़ते जल स्तर के कारण एहतियात के तौर पर नदी पर बने सभी चार मेट्रो पुलों से ट्रेनें 30 किमी प्रति घंटे की रफ्तार तक प्रतिबंधित कर दी गई रफ्तार से गुजर रही हैं। सभी कॉरिडोर पर सेवाएं सामान्य रूप से बहाल हैं।”

यमुना में जलस्तर बढ़ने के बारे में सुपरिंटेंडेंट इंजीनियर आरएस मित्तल का कहना है, “कल पानी का स्तर कम होने लगा था, लेकिन कल रात से इसमें फिर बढ़ोत्तरी होने लगी है। ऐसा लगता है कि फिलहाल यह स्तर जल्द नीचे जाने वाला नहीं है।”

उधर पंजाब और हरियाणा में भी बाढ़ से प्रभावित इलाकों में राहत और बचाव का काम तेज कर दिया गया है। दोनों राज्यों में बारिश और बाढ़ ने सामान्य जनजीवन को बड़े पैमाने पर पंगु बना डाला है। पंजाब में स्कूलों की छुट्टियों को एक बार फिर से बढ़ाकर 16 जुलाई तक कर दिया गया है। हरियाणा में मंत्री अनिल विज का निजी आवास तक बाढ़ की चपेट में आ चुका है। दिल्ली में उप-राजपाल के आवास से बाढ़ का पानी मात्र 500 मीटर दूरी पर आ चुका है। 

दिल्ली में सबसे अधिक प्रभावित इलाके यमुना बाजार, मजनू का टीला, निगम बोध घाट, मोनेस्ट्री मार्केट, वजीराबाद, गीता कॉलोनी और शाहदरा के इलाके बताये जा रहे हैं। लेकिन कुछ इलाकों को अब सबसे बड़ी दिक्कत पीने के पानी को लेकर होने जा रही है। खबर आ रही है कि दिल्ली सरकार ने तीन वाटर ट्रीटमेंट प्लांट्स- वजीराबाद, चन्द्रावल और ओखला को फिलहाल बंद कर दिया है। इसकी वजह से दिल्ली की करीब 25% आबादी को कुछ दिनों के लिए पीने के पानी से मरहूम होना पड़ सकता है। पुरानी दिल्ली, उत्तरी और दक्षिणी दिल्ली में पीने के पानी का संकट काफी बढ़ने वाला है।

मुखर्जी नगर इलाके में भी सीवर ब्लॉक होने की वजह से कई सोसाइटी में पानी भर गया है।

राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के लिए गठित दिल्ली डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी (डीडीएमए) की आज हुई बैठक के बाद दिल्ली के उप-राज्यपाल वीके सक्सेना और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने मीडिया को जानकारी दी है कि, रविवार तक सभी स्कूल, कॉलेज और विश्वविद्यालयों को बंद रखने के निर्देश दिए गये हैं। जो सरकारी दफ्तर आवश्यक सेवाओं के अंतर्गत नहीं आते हैं, उन्हें भी निर्देश जारी किये गये हैं कि रविवार तक कार्यालय आने के बजाय वर्क फ्रॉम होम करें।

मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने इस बात की जानकारी देते हुए कहा है कि भारी वाहनों को भी दिल्ली के भीतर प्रवेश पर रोक लगा दी गई है, सिर्फ आवश्यक सेवाओं में लगे भारी वाहनों को ही प्रवेश की इजाजत मिलेगी। दिल्ली में बाहरी राज्यों से प्रवेश द्वार को सील किया जा रहा है। इसके लिए सिंघु बॉर्डर, बदरपुर बॉर्डर, लोनी बॉर्डर और चिल्ला बॉर्डर सील कर दिए गये हैं। फिलहाल 20,000 लोग राहत कैंप में रह रहे हैं। 50 नावों को राहत कार्य में तैनात किया गया है।

केजरीवाल ने पत्रकारों के साथ अपनी बातचीत में कहा है कि हरियाणा में कोई जलाशय न होने के कारण वहां से पानी लगातार छोड़ा जा रहा है। आज भी पानी छोड़ा गया है, इसलिए आशंका है कि जलस्तर अभी और बढ़ेगा, और उसके बाद इसमें कमी आएगी। फिलहाल आज और कल शाम तक जलस्तर बढ़ने की आशंका जताई जा रही है।

दिल्ली से सटे नोएडा में भी भारी बारिश की आशंका को देखते हुए जिलाधिकारी ने सभी स्‍कूलों को शुक्रवार को बंद रखने का आदेश दिया है। पीने के पानी की किल्लत गाजियाबाद में भी देखी जा रही है। यहां पर राजनगर एक्सटेंशन में एक हाउसिंग सोसाइटी में गंदा पानी पीने से 87 बच्चे बीमार हो गये हैं। बताया जा रहा है कि पीने के पानी में सीवर का पानी मिल जाने से कुल 200 लोग बीमार हो गये हैं।

भारी बारिश और जलभराव के कारण दिल्ली और आसपास के इलाके में 3 करोड़ लोगों के सामने दूषित पानी, मलेरिया, पेचिश और हैजा जैसे रोगों का खतरा काफी बढ़ गया है। यदि शुक्रवार के बाद यमुना का जलस्तर घटता भी है, तब भी निचले इलाकों में जल-जमाव की समस्या को हल कर पाना संभव नहीं होगा।

फिलहाल तो लोग सोशल मीडिया पर तरह-तरह से प्रतिक्रिया दे रहे हैं, और मीम बना रहे हैं। लेकिन असम और बिहार में हर साल आने वाली बाढ़ का नजारा बाद में भी अपने गहरे निशान छोड़ जाता है, उसके बारे में महानगर की बड़ी आबादी को अहसास नहीं है।

(रविंद्र पटवाल जनचौक की संपादकीय टीम के सदस्य हैं।)

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