अफगानिस्तान में भूकंप से 2 हजार लोगों की मौत, मलबे में दबे शवों को निकालने में जुटे राहतकर्मी

नई दिल्ली। अफगानिस्तान में शनिवार दोपहर को आए भूकंप के तेज झटकों से वहां के कई शहर और कई गांवों में भीषण तबाही देखने को मिल रही है। लेकिन इस भूकंप ने अफगानिस्तान के अलावा दुनिया भर के देशों को डरा दिया है। मिली जानकारी के मुताबिक अब तक 2000 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है, और सैकड़ों घर जमींदोज हो गए हैं। मलबे में दबे लोगों को निकालने का काम जारी है।

भूकंप ने सबसे ज्यादा तबाही अफगानिस्तान के हेरात प्रांत में मचाई है। जहां रिक्टर पैमाने पर भूकंप की तीव्रता 6.3 थी। लोगों की मानें तो अफगानिस्तान में भूकंप के पांच झटके महसूस किए गए।

अफगानिस्तान के राष्ट्रीय आपदा प्राधिकरण के प्रवक्ता मोहम्मद अब्दुल्ला जान ने कहा कि हेरात प्रांत के ज़ेंडा जान जिले के चार गांवों को भूकंप और उसके बाद के झटकों से सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है। जिसकी वजह से 465 घर नष्ट हो गए वहीं 135 अन्य घर क्षतिग्रस्त हो गए।

उन्होंने शनिवार को कहा था कि भूकंप में लगभग 100 लोग मारे गए हैं। बाद में संयुक्त राष्ट्र ने 320 मौतों का प्रारंभिक आंकड़ा दिया था, हालाँकि, बाद में उसने कहा कि मौत के आंकड़े और बढ़ सकते हैं। इस समय भी कई लोग ढही हुई इमारतों के नीचे फंसे हो सकते हैं।

संयुक्त राज्य भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण ने जानकारी देते हुए कहा कि भूकंप का केंद्र हेरात शहर से लगभग 40 किलोमीटर दूर उत्तर पश्चिम में था। हेरात प्रांत ईरान की सीमा से सटा हुआ है। स्थानीय मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, भूकंप पास के अफगान प्रांतों फराह और बादगीस में भी महसूस किया गया। जहां घरों को बड़े पैमाने पर नुकसान पहुंचने की भी खबरें हैं।

अफगानिस्तान के हेरात शहर में भूकंप की वजह से टेलीफोन कनेक्शन भी ठप हो गए हैं, जिसके कारण भूकंप प्रभावित इलाकों में राहत कार्य करना मुश्किल हो रहा है।

दरअसल, शनिवार को पश्चिमी अफगानिस्तान के हेरात शहर में 6.3 तीव्रता के शक्तिशाली भूकंप और उसके बाद आए तेज झटकों की वजह से दो हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो गई है।

तालिबान ने स्थानीय संगठनों से आग्रह किया कि वे जल्द से जल्द भूकंप प्रभावित इलाकों में पहुंचें ताकि घायलों को अस्पताल ले जाया जा सके, बेघरों को आश्रय दिया जा सके और जीवित बचे लोगों तक राहत सामग्री पहुंचाई जा सके। उन्होंने कहा कि ‘सुरक्षा एजेंसियों को मलबे में फंसे लोगों को निकालने के लिए अपने सभी संसाधनों और सुविधाओं का इस्तेमाल करना चाहिए’।

वही आर्थिक मामलों के लिए तालिबान द्वारा नियुक्त उप-प्रधानमंत्री अब्दुल गनी बरादर ने हेरात और बदगीस में मृतकों और घायलों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त की।

सूचना और संस्कृति मंत्रालय के प्रवक्ता अब्दुल वाहिद रेयान ने भी तत्काल मदद की अपील करते हुए कहा कि ‘लगभग छह गांव नष्ट हो गए हैं और सैकड़ों नागरिक मलबे के नीचे दब गए हैं’।

तालिबान के प्रवक्ता सुहैल शाहीन ने अल जज़ीरा को बताया कि हेरात प्रांत में 6.3 तीव्रता के भूकंप के बाद कई लोग लापता हैं और मलबे में फंसे लोगों को बचाने के लिए बचाव अभियान जारी है। शाहीन ने कहा कि आपदा प्रभावित क्षेत्रों में तंबू, चिकित्सा और खाद्य सामग्री की तत्काल आवश्यकता है, उन्होंने स्थानीय व्यापारियों और गैर सरकारी संगठनों से भी जरूरतमंद लोगों की मदद के लिए आगे आने की अपील की है।

संयुक्त राष्ट्र एजेंसी ने एक्स पर लिखा, ‘चूंकि भूकंप से मौतों और हताहतों की रिपोर्ट जारी है, टीमें अस्पतालों में घायलों के इलाज में सहायता कर रही हैं और अतिरिक्त जरूरतों का आकलन कर रही हैं। डब्ल्यूएचओ द्वारा भेजी गई एंबुलेंस प्रभावित लोगों को ले जा रही हैं, जिनमें अधिकतर महिलाएं और बच्चे शामिल हैं।’

इससे पहले भी जून 2022 में, पूर्वी अफगानिस्तान के एक ऊबड़-खाबड़, पहाड़ी क्षेत्र में एक जोरदार भूकंप आया था, जिसमें पत्थर और मिट्टी-ईंटों से बने घर जमींदोज हो गए थे। इस भूकंप के ठीक पहले यह दो दशकों में अफगानिस्तान का सबसे घातक भूकंप माना जाता था, जिसमें कम से कम 1,000 लोग मारे गए और लगभग 1,500 लोग घायल हो गए थे।

(जनचौक की रिपोर्ट।)

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