कांस्टेबल चेतन सिंह बर्खास्त, कई और मामलों में भी लगे थे उस पर आरोप

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नई दिल्ली। जयपुर-मुंबई सेंट्रल सुपरफास्ट एक्सप्रेस में 31 जुलाई को एक वरिष्ठ सहकर्मी और तीन यात्रियों की कथित तौर पर गोली मारकर हत्या करने वाले आरपीएफ के कांस्टेबल चेतन सिंह चौधरी को सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है। इसके साथ ही यह तथ्य भी उजागर हुआ है कि चेतन सिंह का रिकॉर्ड खराब रहा है। इससे पहले भी सेवा के दौरान वह कई लोगों से मार-पीट जैसी घटनाओं को अंजाम देता रहा है। लेकिन पहले कई बार उसे चेतावनी देकर और यूनिट तबादला करके मामले को रफा-दफा कर दिया जाता रहा था। 

चेतन सिंह की बर्खास्तगी का आदेश 14 अगस्त को आरपीएफ के वरिष्ठ मंडल सुरक्षा आयुक्त, मुंबई सेंट्रल द्वारा जारी किया गया था। चेतन सिंह के बर्खास्तगी के निर्णय को आते-आते करीब 15 दिन का समय लग गया और अभी भी इस मामले को लेकर जांच जारी है।  

‘द इंडियन एक्सप्रेस’ की जांच पड़ताल के मुताबिक चेतन सिंह जिसने आरपीएफ एएसआई टीकाराम मीना और 3 यात्रियों अब्दुल कादर, सैयद सैफुद्दीन और असगर अब्बास शेख की कथित तौर पर गोली मारकर हत्या कर दी थी, सेवा के दौरान आरपीएफ पोस्ट पर एक मुस्लिम व्यक्ति के साथ कथित उत्पीड़न से जुड़े “नफरत मामले” सहित कम से कम तीन घटनाओं में शामिल होने का पिछला रिकॉर्ड है।

सूत्रों के मुताबिक इन तीनों घटनाओं में पूछताछ के बाद चेतन सिंह को विभागीय कार्रवाई का सामना करना पड़ा था। इसके बारे में पूछे जाने पर, पश्चिम रेलवे के महानिरीक्षक-सह-प्रधान मुख्य सुरक्षा आयुक्त, पी सी सिन्हा ने जांच जारी होने का हवाला देते हुए टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। जारी जांच से परिचित एक सूत्र ने कहा कि चौधरी उस समय पूछताछ के विषय थे जब वह 2017 में उज्जैन में आरपीएफ डॉग स्क्वायड में तैनात थे।

सूत्रों ने बताया कि “18 फरवरी, 2017 को, जब वह ऑफ-ड्यूटी था और सिविल ड्रेस पहने हुए था, वह वाहिद खान नाम के एक व्यक्ति को चौकी पर लाया और कथित तौर पर बिना किसी कारण के उसके साथ मारपीट की और उसे परेशान किया। जब उसके वरिष्ठ अधिकारियों को इसके बारे में पता चला, तो उन्होंने जांच का आदेश दिया और बाद में उसे इस कृत्य के लिए दंडित भी किया गया।”

एक और मामले के बारे में बताते हुए, सूत्र ने कहा कि 2011 की एक अन्य घटना में, चेतन सिंह ने हरियाणा के जगाधरी में तैनाती के दौरान एक सहकर्मी के एटीएम कार्ड का उपयोग करके कथित तौर पर 25,000 रुपये निकाले जिसके बाद उस पर जांच शुरू की गई थी।

तीसरी घटना में, चेतन सिंह ने गुजरात के भावनगर में अपनी पोस्टिंग के दौरान एक सहकर्मी के साथ कथित तौर पर मारपीट की, सूत्र ने कहा कि विभागीय जांच के बाद चेतन सिंह को दूसरी यूनिट में स्थानांतरित कर दिया गया था।

31 जुलाई की घटना के बाद से आरपीएफ जांच टीम ने सेवा के दौरान उसके व्यवहार और आचरण का विश्लेषण करने के लिए चेतन सिंह के वर्तमान और पूर्व दोनों सहकर्मियों और वरिष्ठ अधिकारियों के बयान को पहले ही दर्ज कर लिया था।

बुधवार को, ‘द इंडियन एक्सप्रेस’ ने ये खुलासा किया था कि ट्रेन हत्याओं की जांच कर रहे जांचकर्ताओं को बताया गया है कि चेतन सिंह ने कथित तौर पर बुर्का पहने एक महिला यात्री को धमकी दी और बंदूक की नोक पर उसे ‘जय माता दी’ कहने के लिए मजबूर किया था।

पुलिस सूत्रों के मुताबिक मामले की जांच कर रही रेलवे पुलिस (जीआरपी), बोरीवली ने महिला की पहचान की और उसका बयान दर्ज किया। उसे मुख्य गवाह बनाया गया है। सूत्रों ने बताया कि पूरा घटनाक्रम ट्रेन में लगे सीसीटीवी कैमरे में भी कैद हो गया था।

(‘द इंडियन एक्सप्रेस’ की खबर पर आधारित।)

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