मणिपुर के चुराचांदपुर से एनआईए ने एक शख्स को किया गिरफ्तार, ‘भारत के खिलाफ युद्ध छेड़ने’ के अभियान में सक्रिय होने का आरोप

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नई दिल्ली। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने शनिवार को म्यांमार और बांग्लादेश स्थित आतंकी संगठनों द्वारा मणिपुर में मौजूदा जातीय अशांति का फायदा उठाते हुए भारत सरकार के खिलाफ “युद्ध छेड़ने” की अंतरराष्ट्रीय साजिश के मामले में एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है। आरोपी की पहचान सेमिनलुन गैंगटे के रूप में हुई है। 51 वर्षीय सेमिनलुन गैंगटे को पहाड़ी जिला चुराचांदपुर से गिरफ्तार किया गया है। चुराचांदपुर मणिपुर का अतिसंवेदनशील इलाका है और वॉर जोन में तब्दील हो चुका है। यह मामला 19 जुलाई को नई दिल्ली में एनआईए की ओर से स्वत: संज्ञान लेते हुए दर्ज किया गया था।

उनकी पत्नी मंग्शी सेमिनलुन ने द हिंदू को बताया कि उनके पति को फुलजंग इलाके से गिरफ्तार किया गया था। उसने बताया कि “अशांति से पहले, वह क्वाक्टा के एक निजी स्कूल में अंग्रेजी पढ़ाते थे। मई में हिंसा शुरू होने के बाद, वह चुराचांदपुर में एक गोदाम में काम कर रहे थे और क्वाक्टा में रहने वाले मालिक कमालुद्दीन के लिए माल की ढुलाई करते थे।” मणिपुर पुलिस के मुताबिक वह क्वाक्टा बम विस्फोट मामले में मुख्य आरोपियों में से एक है। 21 जून को बिष्णुपुर के क्वाक्टा में खड़ी एक एसयूवी में विस्फोट होने से तीन नागरिक घायल हो गए थे।

जहां चुराचांदपुर के पहाड़ी जिले में कुकी-ज़ो समुदाय का वर्चस्व है, वहीं घाटी में बिष्णुपुर में मैतेई का वर्चस्व है। 3 मई को राज्य में हिंसा भड़कने के बाद से अंतर-जिला सीमा या “बफ़र ज़ोन” में दोनों समुदायों के बीच लगातार हिंसक झड़पें हुई हैं। जिसमें कम से कम 175 लोग मारे गए हैं। क्वाक्टा में मैतेई पंगलों या मुसलमानों का वर्चस्व है।

एनआईए का कहना है कि कि म्यांमार और बांग्लादेश में स्थित उग्रवादी समूहों ने विभिन्न जातीय समूहों के संघर्ष के बीच दरार पैदा करने और उनके खिलाफ युद्ध छेड़ने के इरादे से हिंसा में शामिल होने के लिए भारत में उग्रवादी नेताओं के एक वर्ग के साथ साजिश रची है। “और इस उद्देश्य के लिए, उपरोक्त नेतृत्व हथियार, गोला-बारूद और दूसरी तरह के आतंकवादी हार्डवेयर की खरीद के लिए धन मुहैया करा रहा है, जिन्हें सीमा पार से और साथ ही भारत के पूर्वोत्तर राज्यों में सक्रिय आतंकवादी संगठनों से प्राप्त किया जा रहा है।”

गिरफ्तारी के बाद आरोपी सेमिनलुन गैंगटे को दिल्ली लाया गया जहां उसे न्यायिक अदालत में पेश किया जाएगा। इंफाल हवाई अड्डे से दिल्ली के लिए उड़ान भरने की अनुमति मांगने के लिए एनआईए की ओर से नागरिक उड्डयन सुरक्षा ब्यूरो (बीसीएएस) को सौंपे गए दस्तावेज़ में, एजेंसी ने कहा कि मामला “चिन-कुकी-मिज़ो आतंकवादी समूहों द्वारा अन्य चिन-कुकी-मिज़ो के साथ साजिश से संबंधित है।”

म्यांमार और बांग्लादेश में स्थित कुकी-मिज़ो उग्रवादी भारत, बांग्लादेश और म्यांमार के क्षेत्रों को अलग करके भारत के चिन-कुकी मिज़ो जनजातियों के लिए एक अलग राज्य बनाने और सरकार के खिलाफ युद्ध छेड़ने के इरादे से आतंकवादी हमले करके हिंसा में शामिल हो रहे हैं।

इससे पहले 23 सितंबर को एनआईए ने एम. आनंद सिंह को इंफाल से गिरफ्तार किया था। एजेंसी ने आरोप लगाया कि म्यांमार स्थित विद्रोही समूहों और प्रतिबंधित आतंकवादी संगठनों के नेता सुरक्षा बलों और प्रतिद्वंद्वी जातीय समूहों पर हमले करने के लिए अपनी ताकत बढ़ाने के लिए जमीनी कार्यकर्ताओं, कैडर और समर्थकों की भर्ती कर रहे थे।

एनआईए ने कहा था कि, “इस उद्देश्य के लिए, उपरोक्त नेतृत्व गैरकानूनी तरीकों से हथियार, गोला-बारूद और विस्फोटक इकट्ठा कर रहा है, जिसमें सरकारी सुविधाओं और संसाधनों की लूट भी शामिल है।” 16 सितंबर को जब पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार किया तब इम्फाल में जबरदस्त ड्रामा देखने को मिला और कई प्रदर्शनकारियों ने उसकी रिहाई की मांग को लेकर पोरोम्पैट पुलिस स्टेशन पर धावा बोल दिया। पुलिस ने कहा था कि सिंह उन पांच लोगों में शामिल थे जिन्हें अत्याधुनिक हथियारों के साथ गिरफ्तार किया गया था। जब उन्हें गिरफ़्तार किया गया तो वे पुलिस की वर्दी में थे।

(‘द हिंदू’ में प्रकाशित खबर पर आधारित।)

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