क्या बगावत की राह पर हैं वसुंधरा?

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नई दिल्ली। राजस्थान में बीजेपी किसको मुख्यमंत्री बनाएगी इसको लेकर कयासों का बाजार गर्म है। राजस्थान के पार्टी प्रभारी अरुण सिंह ने इस मसले पर पहली बार अपना मुंह खोला है। उन्होंने कहा है कि संसदीय बोर्ड जिसका नाम तय करेगा वह सबको स्वीकार्य होगा। इस बीच पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के घर पर विधायकों के मिलने का सिलसिला जारी है।

कहा जा रहा कि मुख्यमंत्री की इस दौड़ में वसुंधरा सबसे आगे हैं। सूबे में हुए विधानसभा चुनाव में बीजेपी को 199 में से 115 सीटें मिली हैं। आज सुबह जैसे ही अरुण सिंह पार्टी राज्य अध्यक्ष सीपी जोशी के घर पहुंचे तो पत्रकारों ने उनसे होने वाले मुख्यमंत्री के बारे में पूछ लिया। उन्होंने कहा कि “संसदीय बोर्ड का फैसला सभी को स्वीकार्य होगा।” उसके बाद सिंह और सीपी जोशी दोनों तमाम दूसरे विधायकों के साथ बीजेपी हेडक्वार्टर गए।

दूसरी तरफ कहा जा रहा कि राजे कैंप ने 50 से ज्यादा विधायकों के समर्थन का दावा किया है। और ये सभी विधायक वसुंधरा के आवास पर जाकर उनमें अपना भरोसा भी जता चुके हैं। द टेलिग्राफ के मुताबिक इनमें से कुछ ने आज भी मुलाकात की है।

हालांकि कई विधायकों ने इसे औपचारिक भेंट बताया है। इनमें से कुछ ने हिंट दिया कि अपने पिछले दो कार्यकालों के दौरान कामकाज के लिहाज से अगले मुख्यमंत्री के लिए राजे सबसे सुयोग्य चेहरा हैं।

नसीराबाद क्षेत्र के एमएलए रामस्वरूप लांबा ने कहा कि “बीजेपी राजस्थान की सत्ता में पीएम मोदी और वसुंधरा राजे द्वारा किए गए कामों के चलते वापस लौटी है।”

यह पूछे जाने पर कि क्या बीजेपी विधायक मुख्यमंत्री के पद के लिए राजे का समर्थन करेंगे तो उन्होंने कहा कि विधायक उनके साथ हैं।

मालवीय नगर के विधायक कालीचरण सर्राफ ने कहा कि मुख्यमंत्री कौन होगा इसका फैसला पार्टी के बड़े नेता करेंगे। इसके साथ ही उन्होंने आगे जोड़ा कि राजे सभी विधायकों को स्वीकार्य हैं।

सोमवार की रात को वसुंधरा का आवास छोड़ने के समय उन्होंने कहा कि “विधायक दल की बैठक होगी और फिर संसदीय बोर्ड फैसला करेगा।”

वसुंधरा राजे से मिलने वाले विधायकों में बाबू सिंह राठौर, प्रेम चंद बैरवा, गोविंद रानीपुरिया, कालू लाल मीना, केके विश्नोई, प्रताप सिंह सिंघवी, गोपीचंद मीना, बहादुर सिंह कोली, शंकर सिंह रावत, मंजू बाघमार, विजय सिंह चौधरी, पुष्पेंद्र सिंह और शत्रुघन गौतम समेत ढेर सारे विधायक शामिल हैं।

मंगलवार यानि आज जोगाराम पटेल, अरुण आमरा, अर्जुन गर्ग, संजीव बेनीवाल और अजय सिंह किलक ने उनके आवास पर जाकर उनसे मुलाकात की।

पार्टी सूत्रों के मुताबिक अरुण सिंह और सीपी जोशी की सोमवार को दिल्ली में पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात हुई थी।

राजे राजस्थान की दो बार 2003-2008 और 2013 से 2018 मुख्यमंत्री रह चुकी हैं। हालांकि इसके पहले के चुनावों में वह मुख्यमंत्री का चेहरा हुआ करती थीं लेकिन इस बार के चुनाव में उन्हें पीछे रखा गया। और चुनाव प्रचार भी उनका अपने समर्थक प्रत्याशियों तक ही सीमित रहा। और सूबे में पूरे चुनाव प्रचार अभियान का नेतृत्व पीएम मोदी ने किया।

2018 में बीजेपी की हार के बाद पार्टी का अंदरूनी गति विज्ञान ही बदल गया। और वसुंधरा को बिल्कुल किनारे लगा दिया गया। और अब जबकि पार्टी फिर से सत्ता में लौट आयी है उनके समर्थक इस बात की उम्मीद कर रहे हैं कि एक बार फिर उन्हें मुख्यमंत्री बनाया जाएगा।    

(जनचौक ब्यूरो की रिपोर्ट।)

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