प्रतीकात्मक फ़ोटो।

सुप्रीम कोर्ट पहुँचा छात्रों के किराया माफ़ी का मुद्दा

नई दिल्ली। अपने गांव घर से दूर रहकर पढ़ाई कर रहे छात्रों के लॉकडाउन तक रूम किराया माफ़ी का मुद्दा ‘युवा हल्ला बोल’ ने अब सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा दिया है। ‘युवा हल्ला बोल’ का कहना कि वह लगातार बेरोज़गार छात्रों के किराया माफ़ी मुहिम के ज़रिए केंद्र और राज्य सरकारों का ध्यान आकर्षित कर रहा है।

‘युवा हल्ला बोल’ के द्वारा चलाया गया #NoRentForStudents दो दिन ट्वीटर पर ट्रेंड किया जिसमें 25000 से ज्यादा ट्वीट भी हुए। इसके बाद संगठन ने चेंज डॉट ऑर्ग पर एक ऑनलाइन पेटिशन के जरिये हस्ताक्षर अभियान चलाया जिसमें हज़ारों छात्रों ने अपना समर्थन किया है। छात्र और बेरोज़गार युवाओं समेत कई कलाकार, पत्रकार, साहित्यकार और राजनीतिक कार्यकर्ताओं ने भी ‘युवा हल्ला बोल’ की इस मुहिम का साथ दिया।

‘युवा हल्ला बोल’ लीगल टीम की शोभा प्रभाकर ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट में दायर पेटिशन के माध्यम से मांग की गई है कि केंद्र सरकार सभी राज्यों और जिला प्रशासनों को निर्देश दे कि लॉकडाउन की मार झेल रहे छात्रों का किराया माफ हो। साथ ही, केंद्र सरकार एक रेंट पूल फंड बनाये जिसके जरिये उन मकान मालिकों की मदद की जा सके जिनका गुज़ारा किराए से ही चलता है।

बताते चलें कि ‘युवा हल्ला बोल’ लगातार बेरोज़गारी और उससे जुड़ी समस्याओं पर आंदोलन करता आया है। ‘युवा हल्ला बोल’ का दावा है कि उसकी मुहिम के बाद ही महाराष्ट्र और दिल्ली सरकार ने मकान मालिकों को किराया न वसूलने का आदेश ज़ारी किया है।

आंदोलन का नेतृत्व कर रहे नेताओं का कहना है कि देश एक महामारी से गुज़र रहा है और सभी कारोबार बंद पड़े हैं ऐसे में मध्यम और निम्न मध्यम वर्ग से आने वाले छात्रों के लिए यह दोहरी मार है। पहले तो उन्हें खुद को घर से दूर रहकर खुद को सुरक्षित रख अपने खाने-पीने का इंतज़ाम करना है तो वहीं दूसरी तरफ़ मकान मालिकों के किराए को लेकर लगातार दबाव बढ़ रहा है। ऐसे में कई बेरोज़गार छात्रों के लिए इस कठिन दौर में शहर में रहकर अपनी शिक्षा जारी रखना बहुत मुश्किल होता जा रहा है।

‘युवा हल्ला बोल’ के नेशनल कोऑर्डिनेटर गोविंद मिश्रा ने बताया कि उनकी हेल्पलाइन पर लगातार मदद की गुहार आ रही है। बड़ी संख्या में ‘युवा हल्ला बोल’ के साथी इन समस्याओं का समाधान करने में कामयाब हुए हैं पर देशभर में इस तरह की मदद के लिए सरकारी आदेश बेहद ज़रूरी है। उन्होंने कहा कि जिस तरह महाराष्ट्र सरकार ने आदेश जारी किया, उसी तरह अन्य राज्य भी आदेश जारी करें।

(प्रेस विज्ञप्ति पर आधारित।)

0 0 votes
Article Rating
Subscribe
Notify of
guest
0 Comments
Inline Feedbacks
View all comments