नई दिल्ली। आज दिल्ली विश्वविद्यालय में अंग्रेजी के प्रोफेसर हेनी बाबू एमटी को एनआईए ने भीमा कोरेगांव मामले में गिरफ्तार कर लिया। टाइम्स आफ इंडिया के मुताबिक बाबू को बुधवार को मुंबई में एनआईए कोर्ट में पेश किया जाएगा।
23 जुलाई से ही मुंबई में एनआईए उनसे पूछताछ कर रही थी। इस मामले में गिरफ्तार किए गए वो 12 वें शख्स हैं।
वैसे हेनी बाबू नोएडा के सी-2101, हाइड पार्क, सेक्टर-78 स्थित आवास में रहते हैं। इसके पहले सम्मन के जरिए एनआईए ने उन्हें पूछताछ के लिए मुंबई बुलाया था। महामारी के बीच इस तरह से मुंबई बुलाए जाने पर हेनी बाबू ने नाराजगी जाहिर की थी। स्क्रोल से बातचीत में उन्होंने कहा था कि ऐसे समय जबकि नोएडा से दिल्ली जाना मुश्किल हो रहा है तब एनआईए उनको मुंबई बुला रही है। यह सीधा-सीधा उत्पीड़न है।
प्रोफेसर हेनी बाबू एमटी की गिरफ्तारी का विरोध करते हुए दिल्ली यूनिवर्सिटी टीचर्स एसोसिएशन (डूटा) ने इसे बौद्धिक आजादी और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर हमला बताया।
मालूम हो कि 10 सितंबर 2019 को भी प्रोफेसर हेनी बाबू एमटी के आवास पर पूणे पुलिस ने छापा मारा था और उनका लैपटाॅप व मोबाईल फोन जब्त कर लिया था। साथ ही उनके सोशल मीडिया एकाउंट व ईमेल का इस्तेमाल करने पर रोक लगा दिया था। हाल-फिलहाल 15 जुलाई 2020 को उन्हें एनआईए ने अपने मुम्बई कार्यालय में बतौर गवाह बुलाया भी था। उन पर आरोप था कि भीमा कोरेगांव मामले में जेल में बंद राजनीतिक बंदियों के लिए काम कर रहे मानवाधिकार कार्यकर्ता रोना विल्सन व सुरेन्द्र गाडलिंग से इनका प्रगाढ़ संबंध है।
प्रोफेसर हेनी बाबू एमटी एन्टी-कास्ट मूवमेंट व मानवाधिकार कार्यकर्ताओं के बीच एक जाना-माना चेहरा है। ये ‘कमेटी फाॅर द डिफेंस एंड रिलीज ऑफ डाॅक्टर जीएन सांईबाबा’ के सक्रिय सदस्य भी हैं।
मालूम हो कि भीमा कोरेगांव मामले में यह तीसरे फेज की गिरफ्तारी की शुरुआत है, इससे पहले अप्रैल और अगस्त 2018 में दो फेज में कुल 9 बुद्धिजीवियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था और बाद में 14 अप्रैल 2020 को आनंद तेलतुंबड़े एवं गौतम नवलखा को इसी मामले में न्यायालय में समर्पण करना पड़ा।
तीसरे फेज में फिर से गिरफ्तारी शुरु होने के बाद यह आशंका भी बढ़ गयी है कि अभी और भी गिरफ्तारियां हो सकती हैं, क्योंकि इसी मामले में तेलंगाना के एक पत्रकार क्रांथि टेकुला को भी एनआईए ने 13 जुलाई 2020 को मुम्बई के कार्यकाल में बुलाया था और उनके भी घर पर 2018 में छापा पड़ चुका है।
प्रोफेसर हेनी बाबू एमटी की गिरफ्तारी का चौतरफा विरोध सोशल साइट्स पर प्रारंभ हो गया है और सभी लोग उनके साथ-साथ भीमा कोरेगांव मामले में फंसाये गये तमाम बुद्धिजीवियों की रिहाई की मांग कर रहे हैं।
(स्वतंत्र पत्रकार रुपेश कुमार सिंह की रिपोर्ट।)
+ There are no comments
Add yours