कलीम के समर्थन में एकजुट हुईं अहम हस्तियां, सीएए की मुखालफत करने पर अहमदाबाद पुलिस ने भेजा है तड़ीपार का नोटिस

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अहमदाबाद। कलीम सिद्दीकी के पक्ष में देश भर की सिविल सोसाइटी के लोग एकजुट हो रहे हैं। इतिहासकार राम चंद्र गुहा, एमनेस्टी इंटरनेशनल के पूर्व चेयरमैन आकार पटेल, पूर्व अंबेस्डर मधुर भदूरी, मैग्सेसे अवार्ड से सम्मानित संदीप पांडेय और विधायक जिग्नेश मेवाणी समेत बहुत सी जानी मानी हस्तियों ने सिद्दीकी के समर्थन में ऑनलाइन पिटीशन पर हस्ताक्षर किए। नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में आंदोलन चलाने के मामले में अहमदाबाद पुलिस ने जनचौक संवाददाता कलीम सिद्दीकी को तड़ीपार का कारण बताओ नोटिस जारी किया है।

अहमदाबाद के ‘शाहीन बाग’ को समर्थन देने इतिहासकार रामचंद्र गुहा अहमदाबाद भी आए थे। यहां गुहा ने कहा था, “दिल्ली से लेकर अहमदाबाद के शाहीन बाग की महिलाएं इतिहास बना रही हैं। मैं इतिहासकार हूं। शाहीन बाग की बहनों का इतिहास मैं खुद लिखूंगा।”

नागरिकता संसोधन बिल और NRC के विरोध में छिड़े आंदोलन की ही ताक़त थी जो यूनाइटेड नेशन सहित विश्व के शक्तिशाली देशों ने इस कानून की निंदा की। भारत के इतिहास में पहली बार मुस्लिम महिलाओं को इतनी बड़ी संख्या में आंदोलन करते देखा गया। यहां तक कि अंग्रेज़ों के खिलाफ आज़ादी की लड़ाई में भी इतनी संख्या में कभी भी महिलाएं सड़क पर नहीं उतरीं।

परंतु सरकार अब उन सभी आंदोलनकारियों को पुलिस के माध्यम से प्रताड़ित कर रही है। दिल्ली, यूपी में उन महिलाओं को भी सरकारें जेल में डालने से नहीं चूक रही हैं जो सीएए के खिलाफ आंदोलनों में सक्रिय थीं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के गृह राज्य में भी नागरिकता संसोधन कानून के खिलाफ बड़ा आंदोलन हुआ था। जो दो महीने चला और कोरोना आपदा के कारण 14 मार्च को बंद करना पड़ा था। अहमदाबाद के अजीत मील में “शाहीन बाग” बनाया गया था।

पिछले महीने की 17 तारीख को अहमदाबाद पुलिस की A डिविजन ने अजीत मिल धरने के मुख्य आयोजक कलीम सिद्दीकी को कारण बताओ नोटिस भेज कर ACP एमए पटेल ने पूछा है, “आपके क्रिमिनल रिकॉर्ड को देखते हुए गुजरात के चार जिलों से क्यों न तड़ीपार कर दिया जाए।”

नोटिस में दो FIR का ज़िक्र है। एक में सिद्दीकी को कोर्ट द्वारा निर्दोष छोड़ दिया गया है, जबकि दूसरी FIR नागरिकता संसोधन कानून के विरोध में हुए आंदोलन के समय दर्ज हुई थी। इसक अलावा जून महीने में दस गुप्त गवाह की गवाही है, जिसको आधार बनाया गया है।

पिटीशन पर हस्ताक्षर करने वालों में हर्ष मंदर, गोपीनाथ कन्नन, घनश्याम शाह, नताशा बधवार, कविता कृष्नन, सेड्रिक प्रकाश, निकिता सूद, निर्जरी सिन्हा, शमशुल इस्लाम, उर्विश् कोठारी, ज़ोया हसन, ज़किया सुमन आदि शामिल हैं।

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