भारत बंद के तहत पंजाब में प्रदर्शन।

सड़कें, हाईवे, रेलवे जाम!’भारत बंद’ में लाखों किसान सड़कों पर, जगह-जगह बल का प्रयोग

संसद को बंधक बनाकर सरकार द्वारा बनाए गए किसान विरोधी कानून के खिलाफ़ आज भारत बंद है। 31 भारतीय किसान यूनियनें और 250 से अधिक किसान संगठन सड़कों पर हैं। ग़ज़ब ये कि किसान विरोधी बिल लाने वाली भारतीय जनता पार्टी की अपनी किसान संगठन भारतीय किसान संघ भी अपनी सरकार के लाए तीन किसान कानूनों को ‘धोखा’ बताते हुए आज भारत बंद को सफल बनाने के लिए सड़कों पर है। किसानों का ‘रास्ता रोको’ और ‘रेल रोको’ आंदोलन से आम जनजीवन पर असर दिख रहा है। कई सड़कें, कई हाईवे और रेल मार्ग पूरी तरह से बंद हैं। हालांकि कई जगह पुलिस द्वारा प्रदर्शनकारियों के खिलाफ़ बल का प्रय़ोग किया गया है। 

किसान अमृतसर दिल्ली हाईवे रोककर बैठे हुए हैं। हाईवे रोक कर बैठे किसानों पर वॉटर कैनन से हमला किया गया है। कर्नाटक स्टेट फार्मर्स एसोसिएशन के सदस्य बोमनहल्ली के नजदीक कर्नाटक-तमिलनाड़ु हाईवे रोककर बैठे हुए हैं। दिल्ली उत्तर प्रदेश बॉर्डर प्वाइंट पर चिल्ला क्षेत्र में प्रदर्शनरत किसानों पर पुलिस ने बल का प्रयोग किया है।

राष्ट्रीय जनता दल के अध्यक्ष तेजस्वी यादव ट्रैक्टर पर बैठकर खुद किसानों के विरोध में शामिल होकर भारत बंद की अपील को सफल बनाने में लगे हुए हैं।

पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, कर्नाटक, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, राजस्थान, उत्तराखंड और बिहार में किसानों का व्यापक विरोध प्रदर्शन देखने को मिल रहा है।

थम गए रेल के पहिए

देश भर में रेल के पहिए थम गए। कई रूटों पर सरकार को डायवर्जन करना पड़ा है। किसानों के प्रदर्शन एवं ‘भारत बंद’ को देखते हुए सरकार ने एहतियाती कदम उठाए हैं। प्रदर्शन को देखते हुए 13 ट्रेनों के मार्ग में बदलाव किया गया है। अंबाला रेलवे स्टेशन के निदेशक बीएस गिल ने बताया कि हम पंजाब में ट्रेनों के आवागमन से बच रहे हैं।

पंजाब में किसानों के प्रदर्शन का नेतृत्व किसान मजदूर संघर्ष समिति कर रही है। समिति ने ‘रेल रोको’ आंदोलन चलाया है। समिति का यह अभियान 24 सितंबर से 26 सितंबर तक चलेगा।

अकाली दल भी आज पूरे पंजाब में 3 घंटे के चक्का जाम में शामिल हुई है। उत्तर प्रदेश में भी किसान गांव, कस्बों और शहरों में चक्का जाम करके बैठे हुए हैं। 

हर राज्य में किसान संगठन अपने हिसाब से तैयारी कर रहे हैं- कहीं चक्का जाम तो कही विरोध सभाएं, तो कहीं रेल रोको आंदोलन हो रहा है। लेकिन चक्का जाम का एलान पूरे देश के लिए किया गया है।

विपक्षी पार्टियां आई किसानों के साथ

कांग्रेस, समाजवादी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी, लेफ्ट, तृणमूल कांग्रेस, डीएमके एवं टीआरएस सहित करीब 18 पार्टियों ने किसान विरोधी बिल के खिलाफ़ भारत बंद को अपना समर्थन दिया है। 

कांग्रेस पार्टी ने साफ कहा कि उनके लाखों कार्यकर्ता किसानों के विरोध-प्रदर्शन में शामिल होंगे। कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि मोदी सरकार किसानों के खेत पर लात मार रही है, जो किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। कांग्रेस पूरी तरह किसानों के हित में खड़ी है और भारत बंद का समर्थन कर रही है। देश के हर राज्य में विरोध प्रदर्शन किया जाएगा।

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने भारत बंद के मौके पर ट्वीट कर किसानों के आंदोलन को समर्थन दिया है।

समाजवादी पार्टी ने भी भारत बंद में किसानों को समर्थन किया है। सपा ने कहा है कि उनके कार्यकर्ता प्रदेश भर में किसानों के समर्थन में उतरेंगे। 

आरजेडी नेता तेजसेवी यादव सुबह 9 बजे किसानों के विरोध प्रदर्शन में शामिल होते हुए पार्टी कार्यालय गए।

वहीं पंजाब में आम आदमी पार्टी पूरी तरह किसानों के समर्थन में उतरी है। 

ट्रेड यूनियन और डॉक्टर एसोसिएशन आए किसानों के समर्थन में

NTUC, AITUC, TUCC, सीटू, एटक एवं हिंद मजदूर सभा सहित 10 केंद्रीय ट्रेड यूनियन किसानों के साथ अपनी एकजुटता जाहिर करते हुए भारत बंद को सफल बनाने के लिए आज किसानों के साथ सड़कों पर हैं। 

वहीं डॉक्टर एसोसिएशन ने भी भारत बंद का समर्थन करते हुए किसान विरोधी कानूनों का विरोध किया है।

#BharatBandh ट्विटर पर सुबह से ही 1 नंबर पर ट्रेंड कर रहा 

#BharatBandh सुबह से ही नंबर एक पर ट्रेंड कर रहा है। ये ट्रेंड बताता है कि इस देश की युवा आवाम किसानों के साथ है। और आज का ‘भारत बंद’ किस हद तक सफल रहा है।  

किसानों की मांग

अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति के संयोजक वीएम सिंह का कहना है-, “हमारी बात बस इतनी सी है कि बिल में किसानों के प्रोटेक्शन की कोई बात नहीं है। हम चाहते हैं कि सरकार एमएसपी से कम पर ख़रीद को अपराध घोषित करे और एमएसपी पर सरकारी ख़रीद लागू रहे। बस मूलत: हमारी यही दो माँगें हैं”।

छत्तीसगढ़ में किसान गांवों-गांवों में प्रदर्शन कर रहे हैं।

पंजाब के मानसा में अखिल भारतीय किसान महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष कामरेड रुलदू सिंह ने किसानों के बन्द व रैली को संबोधित किया।

मजदूर किसान मंच ने मोदी सरकार के किसान विरोधी विधेयकों के खिलाफ पूरे उत्तर प्रदेश में आज सुबह से ही विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया है। सोनभद्र, मिर्जापुर, चंदौली, सीतापुर, आगरा, लखीमपुर खीरी, हरदोई, बाराबंकी, गोंडा आदि जिलों में गांव-गांव किसानों, मजदूरों और आदिवासियों ने मोदी सरकार और अध्यादेशों का पुतला फूंक कर अपना विरोध जाहिर किया। प्रदेश में इलाहाबाद समेत कई जिलों में युवा मंच के कार्यकर्ता भी इन विरोध प्रदर्शनों में किसानों के समर्थन में उतरे हैं।

ऑल इंडिया पीपुल्स फ्रंट के राष्ट्रीय प्रवक्ता व पूर्व आईजी एसआर दारापुरी ने किसानों के आंदोलन का समर्थन करते हुए जारी बयान में कहा कि मोदी सरकार वित्तीय पूंजी की चाकरी में लगी हुई है और लगातार किसान, मजदूर, नौजवान विरोधी कार्रवाई कर रही हैं।

संसद को बंधक बनाकर भले ही इस सरकार ने किसान विरोधी विधेयकों को पास करा लिया हो लेकिन उसे गांव-गांव किसानों के प्रतिरोध का सामना करना पड़ेगा। देश में आरएसएस-भाजपा की मोदी सरकार से पैदा हो रहा आक्रोश देश में एक नई जन राजनीति का आधार भी तैयार करेगा।

(जनचौक के विशेष संवाददाता सुशील मानव की रिपोर्ट।)

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