छत्तीसगढ़ः हाथरस की घटना के खिलाफ महिलाओं ने किया प्रदर्शन, सरकार और पुलिस की भूमिका पर उठाए सवाल

रायपुर। अखिल भारतीय क्रन्तिकारी महिला संगठन (AIRWO) की सदस्यों ने बेलटुकरी (राजिम) में प्रदर्शन किया। महिलाओं ने हाथरस सामूहिक बलात्कार की घटना के लिए उत्तर प्रदेश सरकार को जिम्मेदार ठहराया है। साथ ही रात ढाई बजे मृतिका के अंतिम संस्कार कराने के उत्तर प्रदेश सरकार के फैसले की निंदा की है।

प्रदर्शन करने वाली महिलाओं ने कहा कि उत्तर प्रदेश में संघ परिवार के मार्गदर्शन में चलने वाली घोर जनविरोधी अत्याचारी बीजेपी सरकार के राज में न्याय-व्यवस्था को ताख पर रख दिया गया है। योगी राज में तथाकथित उच्च जाति के दबंग वर्ग लगातार दलितों, आदिवासियों, महिलाओं और अल्पसंख्यकों पर जुल्म ढा रहे हैं। साफ तौर पर कहा जाए तो उत्तर प्रदेश की सरकार ने हाशिये पर रहने वाले वर्गों-समुदायों के खिलाफ पुलिस प्रशासन के जरिए दमन अभियान चला रखा हुआ है।

पिछले एक माह के दौरान मात्र एक जिला बहराइच में ही दलित समुदाय की लड़कियों पर यौन अत्याचार बलात्कार के कई घटनाएं हो चुकी हैं। उत्तर प्रदेश के महिला और अनुसूचित जाति जनजाति आयोग एवं केंद सरकार के उक्त दोनों आयोग मूक-बधिर बन कर मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री की तारीफ करते रहते हैं। इस तथाकथित रामराज्य में दलितों, उत्पीड़ितों, महिलाओं, अल्पसंख्यकों, गरीबों मेहनतकशों का जीवन सबसे ज्यादा असुरक्षित और सबसे ज्यादा संकट में है।

महिलाओं ने कहा कि राज्य में योगी सरकार ने जन सुरक्षा के नाम पर पुलिस को निरंकुश बनने की खुली छूट दे रखी है, जिसके तहत विरोधियों को बिना किसी वारंट और तलाशी के गिरफ्तार करने की छूट दी जा रही है। अखिल भारतीय क्रांतिकारी महिला सगंठन ने जघन्य और बर्बर घटना के लिए प्रदेश सरकार को दोषी बताते हुए निंदा की है। साथ ही पीड़िता के परिजनों को पूर्ण सुरक्षा और क्षतिपूर्ति सुनिश्चित करने के साथ-साथ यह भी मांग की है कि बलात्कारियों को कठोर दंड दिया जाए और दोषी पुलिसकर्मियों पर सख्त कार्रवाई की जाए।

प्रदर्शन में संतोषी साहू, संगीता, अनीता, संतोषी साहू, मैना बाई, रेवती, चुम्मन बाई, बिमला, सेवती बाई, पूनम साहू आदि सम्मिलित हुए।

(जनचौक संवाददाता तामेश्वर सिन्हा की रिपोर्ट।)

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