गाजीपुर बॉर्डर पर यूपी पुलिस ने किया फ्लैग मार्च, सिंघु सीमा भी हुई सील

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राजधानी दिल्ली से सटे उत्तर प्रदेश के गाज़ीपुर बॉर्डर पर यूपी पुलिस ने फ्लैग मार्च किया ।भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत के नेतृत्व में किसानों का दल यहां धरने पर बैठा है। एडीजी, आईजी, डीएम, एसएसपी समेत भारी पुलिस बल गाजीपुर बॉर्डर पहुंचा। उधर, यूपी गेट पर 41वीं वाहिनी पीएसी में अधिकारियों की बैठक हुई।

एडीजी, आईजी, एसएसपी, डीएम इस बैठक में मौजूद रहे। यहां प्रशासन ने  आगे की रणनीति बनाई है। माना जा रहा है कि किसानों को यूपी गेट छोड़ने का अल्टीमेटम दिया जा सकता है। यूपी गेट पर पुलिस और पीएसी के साथ-साथ आरआरएफ और आरएएफ की टुकड़िया भी तैनात की गईं हैं।

गाजियाबाद पुलिस-प्रशासन ने यूपी गेट पर फोर्स बढ़ा दी है। अलग-अलग टुकड़ियों की जिम्मेदारी अलग-अलग अधिकारियों को सौंपी गई है। भाकियू के पंचायत घर पर पुलिस वीडियो कैमरे के जरिए हर गतिविधि पर नजर रख रही है। वहीं गाजियाबाद में सभी थानों में पुलिस को अलर्ट रहने के लिए कहा गया है। हर थाना पुलिस को निर्देश दिया गया है कि बॉडी प्रोटेक्टर और हेलमेट के साथ तैयार रहें। यूपी गेट पहुंचने से 15 मिनट पहले निर्देश दिया जाएगा।

बता दें कि किसान आंदोलन में शामिल किसानों का अब बिजली कटने के बाद खाने-पीने और अन्य कामों के लिए जरूरी पानी की सप्लाई बंद कर दी गई है। इसके साथ ही गाजियाबाद नगर निगम यहां से अपने मोबाइल शौचालयों को भी वापस ले गई है। इस पर भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि प्रशासन ने आंदोलन स्थल पर पानी बंद कर दिया है, जिससे किसान परेशान होकर यहां से चले जाएं। इसके बाद उन्होंने कहा कि यह आंदोलन लंबा चलेगा। दिल्ली पुलिस द्वारा नोटिस मिलने को लेकर कहा कि वकील द्वारा दिल्ली पुलिस के सभी सवालों का जवाब दिया जाएगा।

इससे पहले दिल्ली पुलिस ने आज एनएच-24 पर दिल्ली से गाजियाबाद जाने वाला रास्ता खुलवाया। इसके बाद इस रूट पर ट्रैफिक सामान्य हो गया है।

दूसरी ओर सिंघु बॉर्डर (दिल्ली-हरियाणा बॉर्डर) पर पुलिस ने प्रदर्शकारियों को एक तरफ से दूसरी तरफ आने से रोकने के लिए की बैरिकेडिंग कर दी गई है। दरअसल सिंघु बॉर्डर पर सरकार समर्थक लोग, जिन्हें स्थानीय निवासी बताया जा रहा है, सिंघु बॉर्डर पहुंचकर किसान आंदोलन के खिलाफ़ नारेबाजी कर रहे हैं। प्रदर्शनकारियों ने मांग की है कि तुरंत हाइवे खाली किया जाए। किसान आंदोलन के खिलाफ प्रदर्शन करने वालों में हिंदू सेना संगठन और स्थानीय नागरिक थे, जो तिरंगे के साथ आए थे।

जब गांव वालों की ओर से यहां पर प्रदर्शन किया गया, तो किसान प्रदर्शनकारियों ने भी नारेबाजी शुरू कर दी। किसानों की ओर से जय जवान-जय किसान के नारे लगाए गए। एक वक्त ऐसा मौका भी आया, जब नारेबाजी करने वाले दोनों पक्ष आमने-सामने आ गए। हालांकि, कुछ वक्त बाद ही किसान विरोधी प्रदर्शनकारी लौट गए। वहीं टिकरी बॉर्डर पर भी पुलिस बलों की संख्या बढ़ा दी गई है।

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