पश्चिम बंगालः सीपीएम के बाद कांग्रेस ने भी रैलियां की स्थगित, कोरोना गाइड लाइन का बाकी दलों पर असर नहीं

देश में एक तरफ कोरोना है तो दूसरी तरफ बंगाल विधानसभा चुनाव है। दोनों ही चीज़ों ने प्रत्येक व्यक्ति का धयान अपनी ओर खींचा है। देश में लगातार बढ़ते कोरोना केस और मौत के आंकड़ों को देखते हुए कल राहुल गांधी ने बंगाल में होने वाली सभी रैलियों को रद्द कर दिया है। इससे पहले कोरोना के कारण गंभीर होती स्थिति के बीच पिछले सप्ताह सीपीआईएम ने राज्य में बाकी बचे चरणों के चुनाव के लिए बड़ी रैलियां करने से साफ मना कर दिया। सीपीआईएम ने ट्विटर पर इसकी जानकारी देते हुए कहा कि कोरोना के मद्देनजर सभी बड़ी रैलियां रद्द की जाती हैं। अब से बाकी के बचे सभी प्रत्याशी डोर टू डोर जाकर प्रचार करेंगे। इसमें भी कोरोना के लिए जारी गाइडलाइन का पालन किया जाएगा।

बाकी पार्टियां कर रही हैं रैलियां
पश्चिम बर्दवान की सभी नौ सीटों के लिए 26 अप्रैल को मत डाला जाएगा, जिसके लिए सभी पार्टियों के प्रत्याशी जोरशोर से चुनाव प्रचार कर रहे हैं। राज्य के कानून मंत्री मलय घटक आसनसोल नार्थ से तृणमूल प्रत्याशी हैं। वह कोरोना के नियमों का बिना पालन किये लगभग हर रोज अपने समर्थकों को लेकर रोड शो, रैलियां कर रहे हैं। ऐसा ही हाल लगभग बाकी पार्टियों का हैं। एक्टर सायनी घोष भी तृणमूल की प्रत्याशी हैं। बंगाली नववर्ष के दिन वह अपने समर्थकों के साथ रोड शो कर रही थीं। इस दौरान सायनी ने मास्क भी नहीं लगाया था। जबकि इसी दौरान आसनसोल साउथ विधानसभा क्षेत्र में स्थित सेल कारखाने में एक साथ कई कर्मचारी संक्रमित हुए थे।

वहीं दूसरी ओर सीपीआईएम ने जब से अपने प्रत्यशियों के लिए डोर टू डोर का विकल्प दिया है। वह लगातार इस पर डटे हुए हैं। रानीगंज विधानसभा से सीपीआईएम के उम्मीदवार हेमंत प्रभाकर से जब हमने इस बारे में बात की तो उन्होंने बताया कि वह कोरोना की गाइडलाइन का पालन करते हुए लोगों से डोर-टू-डोर मिल रहे हैं, जिससे लोग और वह स्वयं सुरक्षित रहें। वहीं जामुड़िया से प्रत्याशी आइशी घोष भी लोगों से डोर-टू-डोर मिल रही हैं। इस एलान के पहले से भी आइशी गांव-गांव जाकर लोगों से मिलकर उनकी परेशानियां सुन रही हैं।

(पश्चिम बंगाल से पूनम मसीह की रिपोर्ट।)

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