अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के नाम पर लूट मची हुई है। एक दिन के भीतर दो करोड़ की जमीन के 18.5 करोड़ में बिकने का मामला अभी शांत भी नहीं हुआ था कि एक और घोटाला सामने आ गया है। बताया जा रहा है कि अयोध्या के मेयर के भतीजे ने पहले 20 लाख की एक जमीन खरीदी और फिर उसे राम मंदिर ट्रस्ट को 2.5 करोड़ में बेच दिया। भला इससे बड़ा मुनाफा किसी और पेशे में हो सकता है? यहां तक कि सट्टे के लिए जाना जाने वाला शेयर मार्केट भी इतना लाभ नहीं दे सकता। बीजेपी-संघ और वीएचपी से जुड़े नेताओं और उनके सगे संबंधियों, परिचितों, रिश्तेदारों के लिए तो मंदिर निर्माण न हुआ लाटरी हो गयी। एक रुपये लगाओ और एक हजार से लाख गुना पाओ। इतने खुलासे के बाद भी संघ कुछ सुनने के लिए तैयार नहीं है। दरअसल उसकी चमड़ी बहुत मोटी है। और चंपत राय ने जिस अहंकार के साथ पूरे घोटाले को खारिज किया है। उसका यह जिंदा सबूत है। इसी मसले पर पेश है तन्मय के तरकश का एक और तीर।

(तन्मय त्यागी कार्टूनिस्ट हैं। और आजकल दिल्ली में रहते हैं।)
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