धनबाद जज हत्याकांड में सीबीआई जांच नौ दिन चले अढ़ाई कोस सरीखी

झारखंड के धनबाद में जज उत्तम आनंद की मौत के मामले की जांच सीबीआई कर रही है, लेकिन दो माह गुजरने के बाद भी सीबीआई की प्रगति शून्य है। अभी तक सीबीआई को इस मामले में कोई सुराग हाथ नहीं लगा है। वास्तव में सीबीआई की सारी तेजी राजनीतिक मामलों में रहती है, जब इस तरह का ब्लाइंड केस सामने आता है तो सीबीआई की जाँच की रफ़्तार नौ दिन चले अढ़ाई कोस सरीखी हो जाती है।    

धनबाद के न्यायाधीश उत्तम आनंद की मौत के मामले की जांच पर झारखण्ड हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस डॉ. रवि रंजन और जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद की खंडपीठ ने कड़ी नाराजगी जताई है। खंडपीठ ने 23 सितंबर को सीबीआई के जोनल डायरेक्टर को कोर्ट में हाजिर होने का आदेश दिया है। खंडपीठ ने गुरुवार को मामले की सुनवाई की। सुनवाई के दौरान उन्होंने कहा कि सीबीआई हर सप्ताह प्रगति रिपोर्ट दे रही है, लेकिन उसमें कुछ भी नया नहीं है। हर बार स्टीरियो टाइप रिपोर्ट दायर कर रही है। यह संतोषजनक नहीं है। न्यायिक अधिकारी की हत्या हुई है। हमें परिणाम चाहिए।

खंडपीठ ने कहा कि परिस्थितियां बता रहीं हैं कि दिनदहाड़े एक न्यायिक अधिकारी की हत्या की गई है। सीबीआई अभी भी सिर्फ दो लोगों से आगे नहीं बढ़ सकी है। ऑटो चालक ने धक्का मारकर जज की हत्या क्यों की? यह राज अभी तक हल क्यों नहीं हो सका है? खंडपीठ ने कहा कि यह पहला मामला है जिसमें ऑटो को हत्या के लिए हथियार के रूप में प्रयोग किया गया है, ताकि जांच एजेंसियां उलझ जाएं। सीसीटीवी फुटेज देखने से यह साफ होता है कि ऑटो वाले ने जानबूझकर जज को धक्का मारा है।

खंडपीठ ने कहा कि एक न्यायिक पदाधिकारी की दिनदहाड़े हत्या की गई है। कोर्ट यह स्पष्ट करना चाहती है कि उसे जल्द से जल्द इस मामले में परिणाम चाहिए। सिर्फ रिपोर्ट से काम नहीं चलेगा। अभी तक सीबीआई सिर्फ दो लोगों से आगे नहीं बढ़ पाई है। खंडपीठ ने आशंका व्यक्त की कि कहीं यह मामला मर्डर मिस्ट्री बनकर न रह जाए।

खंडपीठ ने कहा कि हमें जांच पर भरोसा है। उसके प्रोफेशनल तरीके के जांच पर किसी प्रकार का सवाल नहीं उठा रहे हैं, लेकिन अभी तक इस मामले में कोई अहम जानकारी नहीं मिल पाई है कि आखिर जज की हत्या के पीछे मकसद क्या है और षड्यंत्र किसने किया है।उच्चतम न्यायालय  के निर्देश पर हाईकोर्ट इस मामले के हर सप्ताह समीक्षा कर रही है, लेकिन अभी तक सीबीआई मामले से जुड़ी कोई अहम जानकारी नहीं दे पाई है।

इससे पहले उच्चतम न्यायालय ने सीबीआई को आदेश दिया था कि वह हर हफ्ते जांच स्थिति हाईकोर्ट के समक्ष रखे, ताकि पता चल सके कि जांच कहां तक पहुंची है। पिछली सुनवाई के दौरान देश के चीफ जस्टिस एनवी रमना ने सीबीआई और जांच एजेंसी को लेकर सख्त टिप्पणी की थी और कहा था कि जजों की शिकायत के मामले में जांच एजेंसी मदद नहीं कर रही है।

खंडपीठ ने कहा कि मामले में ऑटो को हत्या के लिए हथियार के रूप में प्रयुक्त करने की आशंका जतायी जा रही है। सीसीटीवी फुटेज देखने से यह स्पष्ट होता है कि ऑटो वाले ने जानबूझकर जज को धक्का मारा है। खंडपीठ ने कहा कि उन्हें सीबीआई जांच पर भरोसा है और उसके प्रोफेशनल तरीके के जांच पर किसी प्रकार का सवाल नहीं उठा रहे हैं। लेकिन अभी तक इस मामले में कोई अहम जानकारी नहीं मिल पाई है कि आखिर जज की हत्या के पीछे उद्देश्य क्या है और षड्यंत्र किसने किया है।

धनबाद के अपर जिला जज उत्तम आनंद की मौत28 जुलाई को मॉर्निंग वॉक के दौरान धनबाद के रणधीर वर्मा चौक के पास ऑटो से टक्कर लगने के बाद हो गई थी। पहले इस मामले को महज एक दुर्घटना माना जा रहा था, लेकिन सीसीटीवी फुटेज में सामने आया कि एक ऑटोरिक्शा ने जानबूझ कर जज को टक्कर मारी थी। मामले में उच्चतम न्यायालय ने भी संज्ञान लिया था और हाईकोर्ट ने भी संज्ञान लिया था। उच्चतम न्यायालय ने झारखंड हाई कोर्ट को मामले की जांच की मॉनिटरिंग करने का निर्देश दिया है। इस मामले की जांच सीबीआई कर रही है।

(जेपी सिंह वरिष्ठ पत्रकार हैं और आजकल इलाहाबाद में रहते हैं।)

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