UN Front

हर कश्मीरी की निगाह संयुक्त राष्ट्र और 27 सितंबर पर!

श्रीनगर से लौटकर । तरह-तरह की आशंकाओं, दुश्वारियों, गम, गुस्सा और तनाव से घिरे तथा सुरक्षा बलों से अटे पड़े कश्मीर में इस समय हर शख्स की निगाहें संयुक्त राष्ट्र पर लगी हैं। सभी की जुबान पर एक ही सवाल है कि 27 सितंबर को वहां क्या होगा और उसके बाद घाटी में क्या होगा। वैसे तो संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) के हर सालाना अधिवेशन में कश्मीर का मसला गूंजता है। हालांकि इससे होता-जाता कुछ नहीं है, फिर भी रस्म अदायगी के तौर पर किसी न किसी बहाने भारत और पाकिस्तान की ओर से यह मसला चर्चा में आ ही जाता है। भारत की ओर से जहां इस मुद्दे पर आतंकवाद को लेकर पाकिस्तान को घेरा जाता है, वहीं पाकिस्तान कश्मीरियों के आत्मनिर्णय और उनके मानवाधिकारों का राग अलापता है। यह सिलसिला लगभग उतना ही पुराना है, जितना पुराना कश्मीर मसला है।

लेकिन इस बार मामला थोड़ा अलग है। जम्मू-कश्मीर को संविधान के अनुच्छेद 370 के तहत हासिल विशेष राज्य का दर्जा खत्म किए जाने के भारत सरकार के फैसले से इस मसले का अनौपचारिक तौर पर अंतरराष्ट्रीयकरण हो चुका है। अमेरिका और चीन जैसी महाशक्तियां भी इस मामले में खुल कर दिलचस्पी ले रही हैं। इस समय संयुक्त राष्ट्र महासभा का अधिवेशन जारी है, जिसमें भाग लेने के लिए भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान न्यूयॉर्क में मौजूद हैं। आज इस अधिवेशन में पहले भारतीय प्रधानमंत्री का और फिर पाकिस्तानी प्रधानमंत्री का भाषण होगा।

कश्मीर की दीवारों पर लिखे गए अलगाववादी नारे।

कश्मीर घाटी में हर छोटा-बड़ा दुकानदार हो, होटलों में काम करने वाले कर्मचारी हों, हाउस बोट और शिकारा मालिक हों, स्थानीय पत्रकार, छात्र या अन्य कोई आदमी हो, जिस किसी से भी घाटी के मौजूदा हालात पर कुछ भी पूछा, सबने एक ही जवाब दिया- ‘देखते हैं 27 सितंबर को यूएन में क्या होता है!’ हालांकि सभी को मालूम है कि यूएनजीए में हर साल यह मसला उठता है, लेकिन सभी का कहना है कि इस बार इसलिए अलग है क्योंकि वहां मोदी और इमरान खान जो कुछ बोलेंगे, उससे हमारी लड़ाई की आगे की शक्ल और कश्मीर का मुस्तकबिल तय होगा।

(अनिल जैन वरिष्ठ पत्रकार हैं और यह रिपोर्ट उन्होंने कश्मीर दौरे से लौटने के बाद लिखी है।)

0 0 votes
Article Rating
Subscribe
Notify of
guest
0 Comments
Inline Feedbacks
View all comments