समीर वानखेड़े के पिता के मानहानि केस पर नवाब मलिक ने हाईकोर्ट में दिया जवाब

महाराष्ट्र के मंत्री नवाब मलिक ने मंगलवार को बॉम्बे हाई कोर्ट को बताया कि एनसीबी के जोनल डायरेक्टर समीर वानखेड़े के पिता ध्यानदेव वानखेड़े की ओर से उनके खिलाफ दायर मानहानि का मुकदमा गड़बड़ी को छिपाने का एक प्रयास है। इसके साथ-साथ नवाब मलिक ने यह भी दावा किया है कि वानखेड़े के खिलाफ उनका कोई भी बयान झूठा नहीं है। मलिक ने अपने बयान से जुड़े कुछ सबूत भी कोर्ट को दिए हैं।

दरअसल, समीर वानखेड़े के पिता ध्यानदेव वानखेड़े ने मलिक के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर कर 1.25 करोड़ रुपए का हर्जाना मांगा है और साथ ही एनसीपी नेता मलिक को वानखेड़े के खिलाफ कोई भी ऐसी गलत बयानबाजी नहीं करने की मांग की है जो कि उनके परिवार को बदनाम करे या फिर प्रतिष्ठा को नुकसान पहुचाए।

महाराष्ट्र के कैबिनेट मंत्री नवाब मलिक ने बॉम्बे हाईकोर्ट में नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) के जोनल डायरेक्टर समीर वानखेड़े के पिता द्वारा दायर 1.25 करोड़ मानहानि के मुकदमे पर अपना जवाब दाखिल किया है। मलिक ने मुकदमे का जवाब देने के लिए सोमवार को उच्च न्यायालय के निर्देशों के अनुपालन में जवाब दाखिल किया। उन्होंने जवाब में कहा कि सिविल प्रक्रिया संहिता के आदेश 1 नियम 8 का अनुपालन नहीं किया गया है। ध्यानदेव वानखेड़े द्वारा दायर मुकदमे में दावा किया गया कि उन्हें और उनके परिवार के सदस्यों को बदनाम किया गया और उन्होंने परिवार के सदस्यों की ओर से राहत मांगी। इसे देखते हुए मलिक ने अपने जवाब में कहा है कि वाद प्रतिनिधि के तौर पर दायर किया गया है। हालांकि, उन्होंने तर्क दिया है कि नागरिक प्रक्रिया संहिता के आदेश 1 नियम 8 के प्रावधानों, जो प्रतिनिधि क्षमता में दाखिल करने से पहले पूर्व अनुमति लेना अनिवार्य बनाता है, का पालन नहीं किया गया है।

वानखेड़े के पिता ने शिकायत की है कि उनकी बेटी यास्मीन खान और बेटे पर नवाब मालिक ने आरोप लगाये हैं। नवाब मालिक ने जवाब में कहा है कि वानखेड़े परिवार के सदस्यों ने अभी तक उनके खिलाफ कोई कानूनी कार्यवाही शुरू नहीं की। मलिक ने अपने जवाब में कहा कि उन्होंने अपने दावों के समर्थन में बहुत सारे दस्तावेजी सबूत पेश किए, जिसे मानहानि कारक कहा जा रहा है। उन्होंने कहा कि परीक्षण के चरण में इसकी सत्यता और स्वीकार्यता की जांच की जा सकती है। मलिक ने तर्क दिया है कि अतिरिक्त अंतरिम राहत के उद्देश्य से, वानखेड़े के पिता को यह प्रदर्शित करना चाहिए कि कैसे बयान मानहानिकारक, निंदात्मक या अपमानजनक हैं, जिसे वह अपने मुकदमे में प्रदर्शित करने में विफल रहे हैं।

नवाब मलिक ने अपने हलफनामे में कोर्ट को बताया है कि उनके द्वार दिया गया कोई भी बयान गलत नहीं है और उनके द्वारा पेश किए गए सबूतों ने सरकारी तंत्र को समीर वानखेड़े के खिलाफ सुधारात्मक कदम उठाने में मदद की है, जो कि हाल में कुछ हाई प्रोफाइल ड्रग्स मामले को संभाल रहे थे, जिसमें बॉलीवुड अभिनेता शाहरुख खान का बेटा आर्यन खान भी शामिल है।

मलिक की ओर से दायर हलफनामे में कहा गया है कि समीर वानखेड़े विजिलेंस इंक्वायरी का सामना कर रहे हैं और नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) के डायरेक्टर ने समीर वानखेड़े के नेतृत्व वाली मुंबई यूनिट से कुल छह मामले की जांच को दिल्ली में ट्रांसफर कर दिए हैं। एनसीपी नेता ने कहा कि इस प्रकार से समीर वानखेड़े के खिलाफ कार्रवाई शुरू करना प्रतिवादी (मलिक) की ओर से पेश किए गए सबूतों की प्रामाणिकता को दर्शाता है।

हलफनामे में कहा गया है कि वादी (ध्यानदेव वानखेड़े), यह मुकदमा दायर करके, भारतीय संविधान के अनुच्छेद 19 के तहत प्रतिवादी को दी गई अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को दबाने की कोशिश कर रहे हैं, जिसका इस्तेमाल प्रतिवादी जनता की भलाई के लिए किया है। मानहानि का मुकदमा ध्यानदेव वानखेड़े के बेटे समीर वानखेड़े की ओर से की गई ‘अवैधताओं’ को छिपाने के प्रयास के अलावा और कुछ नहीं है। मलिक ने कोर्ट से मानहानि के मुकदमे को खारिज करने की मांग करते हुए कहा कि यह सुनवाई योग्य नहीं है क्योंकि वादी न केवल अपने लिए बल्कि अपने परिवार के सदस्यों के लिए भी राहत की मांग कर रहा है।

इसके पहले बॉम्बे हाईकोर्ट ने सोमवार को महाराष्ट्र के मंत्री एवं राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) नेता नवाब मलिक को समीर वानखेड़े के पिता ध्यानदेव द्वारा दायर मानहानि के एक मुकदमे के जवाब में हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया था। जस्टिस माधव जामदार की अवकाशकालीन पीठ ने मलिक को मंगलवार तक अपना हलफनामा दाखिल करने का निर्देश देने के साथ ही इस मामले को बुधवार के लिए सूचीबद्ध कर दिया है ।

जस्टिस जामदार ने कहा था कि आप (मलिक) कल तक अपना जवाब दाखिल करें। यदि आप ट्विटर पर जवाब दे सकते हैं तो आप यहां भी जवाब दे सकते हैं।उन्होंने वादी (ध्यानदेव वानखेड़े) के खिलाफ कोई और बयान देने से मलिक पर रोक लगाने का आदेश जारी किये बगैर यह निर्देश दिया था ।

ध्यानदेव ने अपने मुकदमे के जरिये मलिक से सवा करोड़ रुपये की क्षतिपूर्ति की मांग की है। उन्होंने आरोप लगाया है कि मलिक ने उनके बेटे समीर वानखेड़े और परिवार के खिलाफ संवाददाता सम्मेलन तथा सोशल मीडिया के जरिये मानहानिकारक टिप्पणियां की हैं। वाद के जरिये मलिक के बयानों को मानहानिकारक घोषित करने और राकांपा नेता को उनके सोशल मीडिया अकाउंट सहित मीडिया में बयान जारी करने या उसे प्रकाशित कराने पर स्थायी रोक लगाने का अनुरोध किया गया है। वाद के जरिये मलिक को अपने अब तक के सारे मानहानिकारक बयान वापस लेने और वादी तथा उनके परिजनों के खिलाफ पोस्ट किये गये अपने सारे ट्वीट मिटाने का भी निर्देश देने की मांग की गई है।

उल्लेखनीय है कि समीर वानखेड़े ने पिछले महीने मुंबई तट के पास एक क्रूज जहाज पर मारे गये छापे का नेतृत्व किया था। क्रूज ड्रग्स मामले के सिलसिले में शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान और 19 अन्य को बाद में गिरफ्तार किया गया था। मलिक ने बार बार क्रूज ड्रग्स मामला ‘फर्जी’ होने का दावा करने के साथ ही एनसीबी के अधिकारी पर अनेक गंभीर आरोप लगाये हैं।

इस बीच, एनसीबी अधिकारी समीर वानखेड़े के पिता ध्यानदेव वानखेड़े ने नवाब मलिक के खिलाफ एसी-एसटी एक्ट के तहत शिकायत दर्ज कराई है और एफआईआर दर्ज करने की मांग की है। बता दें कि इससे पहले वानखेड़े फैमिली ने एनसीपी के नेता नवाब मलिक पर बॉम्बे हाईकोर्ट में 100 करोड़ का मानहानि का मुकदमा ठोका है, जिस पर उन्हें आज जवाब दाखिल करना है।

एनसीबी अधिकारी समीर वानखेड़े के पिता ध्यानदेव के वानखेड़े ने ओशिवारा के अस्टिटेंट कमिश्नर ऑफ पुलिस यानी सहायक पुलिस आयुक्त के पास महाराष्ट्र के मंत्री नवाब मलिक के खिलाफ अनुसूचित जाति/ अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम के तहत कथित तौर पर अपने परिवार की जाति के बारे में झूठे आरोप लगाने के लिए शिकायत दर्ज कराई है। वानखेड़े फैमिली की मांग है कि मलिक के खिलाफ एफआईआर दर्ज हो।

(जेपी सिंह वरिष्ठ पत्रकार हैं और आजकल इलाहाबाद में रहते हैं।)

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