थम नहीं रहा बीजेपी में इस्तीफों का सिलसिला

आज गुरुवार को भी दो भाजपा विधायकों ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। आज गुरुवार की सुबह पहले शिकोहाबाद से भाजपा विधायक मुकेश वर्मा ने इस्तीफा दिया। कुछ देर बाद ही औरैया के बिधूना विधानसभा क्षेत्र से भारतीय जनता पार्टी के विधायक विनय शाक्य ने भी इस्तीफा दे दिया। बीते कुछ दिनों में भाजपा से इस्तीफा देने वाले वह आठवें विधायक हैं।

उन्होंने भी स्वामी प्रसाद मौर्य को अपना समर्थन दिया है। शाक्य ने गुरुवार को यूपी बीजेपी चीफ स्वतंत्र देव सिंह को भेजे इस्तीफे में कहा है कि भाजपा सरकार द्वारा 5 वर्ष के कार्यकाल में दलित, पिछड़ों और अल्पसंख्यक समुदाय के नेताओं व जनप्रतिनिधियों को कोई तवज्जो नहीं दी गई और ना उन्हें उचित सम्मान दिया गया।

स्वतंत्र देव सिंह को भेजी चिट्ठी में विनय शाक्य ने कहा कि ‘प्रदेश सरकार द्वारा दलितों, पिछड़ों, किसानों व बेरोज़गार नौजवानों और छोटे-लघु एवं मध्यम श्रेणी के व्यापारियों की भी घोर उपेक्षा की गई है। प्रदेश सरकार के ऐसे रवैये के कारण मैं भाजपा की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देता हूं। स्वामी प्रसाद मौर्य, शोषित और पीड़ितों की आवाज़ हैं, मैं उनके साथ हूं। बीते दिनों विनय शाक्य की बेटी रिया शाक्य ने एक वीडियो जारी कर कहा था कि उनके पिता का चाचा ने अपहरण कर लिया है।

इस्तीफा देने के बाद विधायक मुकेश वर्मा ने स्वामी प्रसाद मौर्य को अपना नेता बताया और कहा, ”मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य शोषित, पीड़ितों की आवाज़ हैं और वह हमारे नेता हैं मैं उनके साथ हूं।”

त्यागपत्र में अंकित तारीख के मुताबिक, वर्मा ने ये इस्तीफा दो दिन पहले लिखा था। मुकेश वर्मा ने यूपी भाजपा प्रमुख स्वतंत्रदेव सिंह और राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को भेजे अपने इस्तीफे में कहा है, ”भाजपा सरकार द्वारा 5 वर्ष के कार्यकाल में दलित, पिछड़ों और अल्पसंख्यक समुदाय के नेताओं व जनप्रतिनिधियों को कोई तवज्जो नहीं दी गई व दलित, पिछड़ों किसानों व बेरोज़गारों की उपेक्षा की गई। इस कारण मैं भारतीय जनता पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देता हूं।”

इससे पहले गुरुवार को ही फ़िरोज़ाबाद के शिकोहाबाद से विधायक मुकेश वर्मा ने भी स्वामी प्रसाद मौर्य को समर्थन देते हुए इस्तीफा दिया। वर्मा ने कहा- ‘हमारे साथ 100 विधायक हैं और भाजपा को रोज इंजेक्शन लगेंगे। उन्होंने कहा कि बीजेपी अगड़ों की पार्टी है और वहां दलितों और पिछड़ों का सम्मान नहीं है। वर्मा ने दावा किया कि पिछड़ों को टारगेट करके नौकरी नहीं लगने दी। वर्मा ने कहा ‘भाजपा दलित, अल्पसंख्यक और पिछड़ा विरोधी है।

मुकेश वर्मा और विनय शाक्य के आलवा इस्तीफा देने वाले विधायकों में बिल्हौर से भगवती प्रसाद सागर, शाहजहांपुर से रोशन लाल वर्मा, अवतार सिंह भड़ाना, ब्रजेश प्रजापति ने भी यूपी के बीजेपी अध्यक्ष को इस्तीफा सौंप दिया है।

(जनचौक ब्यूरो की रिपोर्ट।)

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