झारखंड में धनबाद के बैंक मोड़ टेलीफोन एक्सचेंज रोड स्थित सीसी हाजरा मेमोरियल हॉस्पिटल में 27 जनवरी की रात लगभग डेढ़ बजे शॉर्ट सर्किट से लगी आग इतनी भयावह रही कि इसके धुएं की चपेट में आकर पांच लोग अपनी जान गवां बैठे। मृतकों में डा. विकास हाजरा, उनकी पत्नी डा. प्रेमा हाजरा, भगना सोहेल कंगारू, खाना बनाने वाली तारा एवं डा. विकास के दो अतिथि शामिल हैं।
इस घटना का एक द्रवित करने वाला पहलू यह रहा कि डॉक्टर हाजरा परिवार के यहां हर साल सरस्वती पूजा समारोह बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता था। इस वर्ष भी भव्य आयोजन हुआ था। घटना के बाद सारा हर्ष गम में बदल गया और प्रतिमा विसर्जन की जगह हाजरा हॉस्पिटल परिसर से एक साथ पांच अर्थियां उठीं।
घटना के बारे में अस्पताल के गार्ड बंटी व इलेक्ट्रीशियन अनिल ने बताया कि रात के लगभग दो बजे घर के ऊपर से कुक तारा देवी अपनी जान बचाने के लिए जोर-जोर से चिल्ला रही थीं।

चर्चा है कि देर रात को आग लगी। कहा जा रहा है शॉट सर्किट से आग लगी। हालांकि पुलिस हर बिंदु पर जांच कर रही है। CCTV भी खंगाला जा रहा है।
अभी तक कोयलांचल की खबरों में भूमिगत आग की चर्चा पूरी दुनिया में होती रही है, लेकिन इस घटना ने कोयलांचल में आग की घटना से भी ज्यादा क्षेत्र को झकझोर दिया है। हाजरा हॉस्पिटल ने दो मशहूर डॉक्टर विकास हाजरा और उनकी धर्मपत्नी प्रेमा हाजरा को हमेशा के लिए छीन लिया। वहीं डॉक्टर दंपति के अलावा दाई तारा, भांजा सोहेल, गांव से आए पंडित जी की इस हादसे में दर्दनाक मौत हुई है। जबकि एक अन्य व्यक्ति जिंदगी और मौत से जूझ रहा है।
प्रशासन ने मेडिकल बोर्ड का गठन किया है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने गहरा दुख प्रकट किया है तथा पूरे मामले की जांच करने को कहा है।

इसके अलावा इसी परिसर में उनके भाई समीर हाजरा भी रहते हैं। मरीज भी रहते हैं। ऐसे में अगर दमकल एक्टिव नहीं होता तो केजुअलिटी और बढ़ती।
जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन के शीर्ष अधिकारी घटनास्थल का दौरा कर चुके हैं। सांसद, विधायक, नेता, पत्रकार और पुलिस का आना जाना लगातार जारी है।
सरस्वती पूजा के कारण अतिथि भी आए थे। अस्पताल में 24 घंटे स्टाफ रहते हैं।
डॉ दंपति विकास व प्रेमा हाजरा के बेटे चंडीगढ़ से चल चुके हैं। वे वहां मेडिकल की पढ़ाई कर रहा है जबकि बेटी काठमांडू, नेपाल से निकली है। वह भी मेडिकल की छात्रा है। अन्य रिश्तेदार भी पहुंच चुके हैं। अंतिम संस्कार आज हो रहा है।

चर्चा यह है कि विकास हाजरा की पत्नी प्रेमा हाजरा कर्नाटक की थीं और देवगौड़ा परिवार से निकटता रही है।
डॉ विकास हाजरा का मीडिया से भी गहरा लगाव रहा है। उन्होंने आवाज 7 डेज डेली, 7 डेज साप्ताहिक समेत एक टीवी चैनल शुरू किया था। बाद में सब बंद हो गए। आवाज 7 डेज न्यूज डिजिटल फॉर्मेट पर उनके आग्रह पर उत्तम मुखर्जी और कमल त्रिवेदी खुद के स्तर से वर्क फ्रॉम होम निकालते थे।
डॉ सीसी हाजरा की चार बेटी और दो बेटे हैं। डॉ विकास हाजरा उन्हीं का बेटा है। छोटे का नाम डॉ समीर हाजरा है। हॉस्पिटल के संचालन में विकास हाजरा की अहम भूमिका रहती थी।
बता दें कि के. वोरा ग्रुप ने डॉ. चंडीचरण हाजरा को 1954 में धनबाद लाया था। वह दौर था जब गुजराती समाज की धनबाद में तूती बोलती थी। के. वोरा के पास कोयला खानों की लंबी फेहरिस्त थी। रामकृष्ण परम हंस के इलाके कामारपुकुर, जयरामवाटी से उमेद वोरा ने आम लोगों की निशुल्क चिकित्सा के लिए उन्हें लाया था। धनबाद में एसएसएलएनटी अर्थात लक्ष्मी नारायण ट्रस्ट की सेवा की उस दौर में खूब चर्चा होती थी। डा चंडी चरण अर्थात सीसी हाजरा वहां सेवा देने लगे।

धनबाद में मेडिकल कॉलेज PMCH वर्तमान SNMMCH की स्थापना में डा सीसी हाजरा की अहम भूमिका रही। गुजराती समाज ने यह कॉलेज खुलवाया था।
बताया जाता है कि हाजरा हॉस्पिटल में बीती रात शॉर्ट सर्किट होने से भीषण आग लगी। जहां हादसे में 5 लोग मौत के आगोश में समा गये। वहीं 9 लोगों को रेस्क्यू कर बचा लिया गया। सभी को पाटलिपुत्र नर्सिंग होम में भर्ती कराया गया है। SSP संजीव कुमार ने बताया कि आग कैसे लगी है इसकी जांच की जा रही है।
घटना के संबंध में बताया जाता है कि डॉक्टर विकास हाजरा, अस्पताल के स्टॉफ और मरीज गहरी नींद में सोये थे। तभी रात करीब डेढ़ बजे हॉस्पिटल के दूसरे तल्ले में आग लग गयी। आग लगने से वहां अफरा-तफरी का माहौल पैदा हो गया। आग की लपटें इतनी तेज थीं कि उसने पूरे हॉस्पिटल को अपने आगोश में ले लिया। आग लगने से पूरी इमारत में धुंआ भर गया।

दम घुटने से प्रेमा हाजरा, विकास हाजरा, विकास हाजरा का भांजा, दाई तारा देवी, गांव से आये पंडित जी और एक कुत्ते की मौत हो गयी। लोगों ने आगजनी की सूचना पुलिस और फायर बिग्रेड को दी। सूचना पाकर पुलिस और दमकल की 6 गाड़ियां घटनास्थल पर पहुंची और आग पर काबू पाया। अग्निशमन विभाग के कर्मचारियों ने 9 लोगों को रेस्क्यू कर बाहर निकाला।
अचानक उठी आग की लपट देख जब लोग बाहर निकले, तो देखा कि कॉरिडोर से पूरा धुंआ आ रहा है। ऊपर चढ़कर गार्ड व इलेक्ट्रीशियन बंटी और अनिल ने लोगों को बचाने की काफी कोशिशें की, लेकिन लपटें इतनी तेज थीं कि इनके लिए ऐसा करना मुमकिन नहीं हो पा रहा था। फिर हेलमेट पहनकर जैसे-तैसे ये लोग अंदर गए, तो देखा कि अपने कमरे के बेड पर डॉक्टर प्रेमा हाजरा बेहोश पड़ी थीं। वहीं विकास हाजरा बाथटब में बेहोश थे।
इलेक्ट्रीशियन अनिल ने बताया कि जैसे ही उसने प्रेमा हाजरा को पकड़कर नीचे लाने की कोशिश की, तो उनके शरीर की चमड़ी निकलकर उसके हाथों में आ गई। गर्मी के कारण उनका पूरा बदन झुलस गया था। उसके बाद हॉस्पिटल के दूसरे गार्ड व इलेक्ट्रीशियन ने मिलकर सभी को नीचे लाकर पाटलिपुत्र अस्पताल पहुंचाया। इसी दौरान इन लोगों ने बैंक मोड़ थाना व अग्निशमन विभाग को भी सूचना दी थी। अग्निशमन विभाग भी सूचना के आधे घंटे के अंदर मौके पर पहुंचकर अपना काम शुरू कर दिया। हालांकि, लगभग 3 घंटे कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया गया।

दमकल की टीम अस्पताल से सटे एक अपार्टमेंट में भी आग बुझाने के काम में जुट गई। किसी तरह टीम के सदस्य डॉ. हाजरा के घर के अंदर तक पहुंचे। उस वक्त तक डॉ. विकास हाजरा की सांसें चल रही थीं। उन्हें वहां से निकालकर हाजरा अस्पताल पहुंचाया गया जहां उनका प्राथमिक उपचार कराया गया। इसके बाद एसएनएमएमसीएच ले जाया गया। इस दौरान रास्ते में ही उन्होंने दम तोड़ दिया। आग बुझाने में दमकल कर्मी मनीष कुमार भी झुलस गए हैं। इधर डीएसपी विधि व्यवस्था अरविंद कुमार सिन्हा, बैंक मोड़ थानेदार पीके सिंह समेत बैंक मोड़ थाना की टीम भी बचाव कार्य में लगी रही।
इस दुर्घटना में डॉक्टर समीर हाजरा भाग्यशाली रहे। वह दूसरे तले पर थे, लेकिन उनके कमरे तक जहरीला धुंआ नहीं पहुंचा।

हाजरा हॉस्पिटल हादसे पर सीएम हेमंत सोरेन ने दुख जताते हुए ट्वीट कर लिखा कि धनबाद स्थित हाजरा मेमोरियल अस्पताल में देर रात लगी आग से प्रसिद्ध डॉक्टर दंपति डॉ विकास और डॉ प्रेमा हाजरा समेत अन्य लोगों की मृत्यु की खबर से मन व्यथित है। परमात्मा दिवंगत आत्माओं को शांति प्रदान कर शोकाकुल परिवारजनों को दुःख की यह विकट घड़ी सहन करने की शक्ति दे।
वहीं स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने ट्वीट कर धनबाद डीसी को मामले का संज्ञान लेते हुए आवश्यक कार्यवाही करने का निर्देश दिया। साथ ही घायलों के बेहतर इलाज की व्यवस्था सुनिश्चित करने का निर्देश दिया। इस आग जनी में दंपति डॉक्टर और अन्य लोगों की मौत पर संवेदना भी प्रकट की।
(झारखंड से वरिष्ठ पत्रकार विशद कुमार की रिपोर्ट।)
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