ग्राउंड रिपोर्ट: बेरोजगारी भत्ते के रजिस्ट्रेशन में लंबी लाइन, अप्रैल के पहले सप्ताह तक महिलाएं आगे

दुर्ग(छत्तीसगढ़)। छत्तीसगढ़ में वित्तीय वर्ष 2023-24 का बजट मार्च महीने के पहले सप्ताह में पेश किया गया। बजट में एक महत्वपूर्ण घोषणा की गई, जिसके अनुसार प्रदेश के 18 से 35 साल तक के बेरोजगार युवाओं को 2500 रुपए बेरोजगारी भत्ता दिया जाएगा। इस घोषणा के बाद से ही छत्तीसगढ़ में बेरोजगार युवाओं का रोजगार कार्यालय के बाहर पंजीयन के लिए लंबी लाइन लग रही है।

लगातार बढ़ती गर्मी और बारिश के बीच जनचौक की टीम ने दुर्ग जिला रोजगार कार्यालय का दौरा किया। जहां 18 से 35 साल के युवा डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन कराने के लिए आए थे। राज्य सरकार द्वारा बेरोजगारी भत्ता के लिए दिए गए विज्ञापन के अनुसार यह भत्ता उन्हें ही दिया जाएगा जिनका पंजीयन साल 2021 से पहले हुआ है।

पंजीयन कराने में महिलाएं आगे

जिला रोजगार कार्यालय के बाहर युवाओं की एक लंबी लाइन है। इस आस में कि आज नहीं तो कल ये भी इसके लिए एलिजेबल होंगे। दुर्ग जिला रोजगार कार्यालय में रजिस्ट्रेशन के लिए तीन खिड़कियां हैं। जिसमें दो महिलाओं के लिए और एक पुरुषों के लिए। इन तीन खिड़कियों में लोगों की लाइन भरी पड़ी थी। पुरुषों से ज्यादा महिलाएं यहां रजिस्ट्रेशन कराने के लिए आई थी। जिसमें कई शादीशुदा भी थी।
रिसेप्शन पर बात करने पर पता चला कि ग्रेजुएशन (स्नातक) और पोस्ट ग्रेजुएशन (परास्नातक) किए हुए बेरोजगार युवाओं की संख्या ज्यादा है। जिस दिन जनचौक की टीम जिला रोजगार कार्यालय गई थी, उसी दिन पीएचडी की हुई युवती, रजिस्ट्रेशन कराने के लिए आई थी।

रोजगार जिला कार्यालय आई कुछ युवतियों से हमने बात करने की कोशिश की। लेकिन युवतियां इसके लिए राजी नहीं हुई। हमने तीन सहेलियों के एक ग्रुप से बात करने की कोशिश की। दो युवतियों ने नाम ना बताने की शर्त पर बताया कि उन्होंने पिछले साल ग्रेजुएशन पूरा किया है। पिछले साल से ही प्रतियोगिता परीक्षाओं की तैयारी कर रही हैं। इसमें एक ने पोस्ट ग्रेजुएशन पास की है। तीनों ही समाजशास्त्र की छात्राएं रही हैं।

सरकार द्वारा बेरोजगारी भत्ता पर उनकी राय पूछने पर वह कहती हैं कि एक अच्छी पहल है। लेकिन नौकरी ज्यादा जरुरी है। एक ने हमें बताया कि लड़कियां बड़ी मुश्किल से यहां तक पहुंच पाती हैं। उस पर प्रतियोगिता परीक्षाओं की तैयारी करो तो उसमें कई तरह की परेशानियां होती हैं। एक बड़ी परेशानी तो यह है कि परीक्षा केंद्र (एग्जाम सेंटर) बहुत दूर होता है, कई बार हमलोग परीक्षा देने ही नहीं जा पाते हैं। वह बताती हैं कि एक बार मेरे साथ भी यह परेशानी हुई थी। इसलिए मेरे हिसाब से बेरोजगारी भत्ते को सरकार की एक अच्छी पहल कहा जा सकता है, लेकिन युवाओं को नौकरी की ज्यादा जरुरत है। ताकि वह उनका भविष्य ज्यादा सुरक्षित हो पाए।

बेरोजगारी भत्ते से कुछ तो फायदा जरूर होगा

छोटी सोनकर दुर्ग जिले में ही रहती हैं। वह सोशियोलॉजी में एमए करने के साथ-साथ प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी कर रही हैं। छोटी के पिता नहीं हैं और मां सब्जी की रेहड़ी से अपना घर चलाती हैं। वह कहती हैं कि मैं मम्मी की सब्जी की रेहड़ी में उनकी मदद करती हूं उससे ही हमारा घर चलता है। एक बड़ी बहन है उसकी शादी हो गई हैं।

छोटी ने साल 2015-16 से रोजगार भत्ते के लिए पंजीयन कराया था। प्रतिवर्ष वह इसका नवीनीकरण करवाती हैं। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा बेरोजगारी भत्ता 2500 देने के बारे में जब हमने उनसे पूछा तो वह कहती हैं कि इस घोषणा से कई युवाओं की कुछ परेशानी तो कम होगी ही।

छोटी का कहना है कि फिलहाल तो हमें कुछ नहीं मिल रहा है। अगर सरकार बेरोजगारों को भत्ता देगी तो कम से कम पढ़ाई की जरुरतें तो पूरी हो ही जाएंगी। वह कहती हैं कि फिलहाल मुझे एक फॉर्म भरने के लिए भी अपनी मम्मी से पैसे लेने पड़ते हैं। अगर पैसे मिलेंगे तो मैं कम से कम प्रतियोगिता परीक्षा के लिए फॉर्म तो भर पाऊंगी, इतना ही नहीं फोन रिचॉर्ज के बारे में भी नहीं सोचना पड़ेगा। आजकल सारी चीजें इंटरनेट पर मौजूद हैं। अगर फोन में नेट रहेगा तो पढ़ने के लिए ज्यादा सुविधा मिलती है। इसलिए मेरा मानना है कि कुछ नहीं मिलने से तो अच्छा है कुछ मिले।

एक बदलाव की उम्मीद

पुरुषों की एक लंबी लाइन के बीच भी कुछ जानकारी मांग रहे थे, कुछ तो रजिस्ट्रेशन के लिए अपनी बारी आने का इंतजार कर रहे थे। डिलेस्वर सिंह देशमुख भी उनमें से एक हैं। जो यहां सरकार द्वारा दिए जाने वाले बेरोजगारी भत्ता की जानकारी लेने के साथ कुछ डॉक्यूमेंट लेकर आए थे, ताकि उसे जमा कर सकें।

डिलेस्वर (29) ने साल 2107 में पंजीयन कराया था। जो 2020 में एक्सप्रायर हो गया। वह कहते हैं कि उसके बाद कोरोना के कारण दोबारा रजिस्ट्रेशन नहीं करा पाए इसलिए अभी दोबारा आएं है। उन्हें उम्मीद है कि इस बेरोजगारी भत्ता से शायद उनकी जिदंगी में बदलाव आए।

डिलेस्वर एमए पास हैं और इस वक्त इलेक्ट्रीशियन के तौर पर काम करते हैं। वह कहते हैं कि मैंने पहले एसएससी और अन्य प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी की थी, एग्जाम भी दिए लेकिन कुछ हो नहीं पाया। मेरे पिताजी की भी मृत्यु भी हो गई थी। इसलिए मेरे सिर पर घर का पूरा बोझ आ गया। जिसके कारण मुझे बीच में ही सारी चीजें छोड़नी पड़ी।

वह कहते हैं लंबे समय से तो सरकारी नौकरियों की परीक्षा नहीं हुई हैं। बेरोजगारी भत्ता से युवाओं को बहुत ज्यादा फायदा नहीं होने वाला है। इसलिए सरकार को चाहिए की वह नौकरियां निकाले। जिससे मेरे जैसे युवाओं के पास जो भी थोड़ा बहुत समय बचा है। उसमें हम सरकारी नौकरी के लिए कुछ कर पाए।

सरकारी नौकरी के इंतजार में युवा

दीपक भी एमकॉम किए हुए हैं। लंबे समय से पुलिस की तैयारी कर रहे हैं। वह कहते हैं कि राज्य की स्थिति ऐसी है कि आरक्षण बिल के कारण लंबे समय से कई परीक्षा नहीं हुई है। वह बताते हैं कि प्री की परीक्षा हो गई है लेकिन मेन्स के पेपर नहीं हो रहे हैं। धीरे-धीरे हमारी उम्र भी खत्म हो जाएगी। पुलिस की नौकरी पाने के लिए सारा ध्यान इस पर ही लगा दिया। कोई और प्रोफेशनल कोर्स भी नहीं किया जिससे की कोई दूसरी नौकरी की जाए।

वह कहते हैं कि सरकार द्वारा दिए जाने वाले 2500 रुपए से युवाओं का कुछ दिन ही भला होगा। लेकिन लॉग टर्म के हिसाब से देखा जाए तो इतने पैसे से कितने दिन जिदंगी चलेगी। इसलिए जरुरी है कि सरकार परीक्षाओं को संपन्न कराए और नौकरी दें। जिससे युवाओं का भविष्य सुरक्षित हो।

एक अप्रैल से शुरू हुआ आवेदन

छह मार्च को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बजट के दौरान मासिक 2500 रुपए बेरोजगारी भत्ता देने का ऐलान किया था। जिसके बाद एक अप्रैल से भत्ते के लिए ऑनलाइन आवेदन शुरु हुए। सरकार की घोषणा के बाद से ही बेरोजगारी भत्ते के लिए पंजीयन कराने और रजिस्ट्रेशन के लिए कार्यालय में लंबी लाइन लगने लगी।

जिला रोजगार कार्यालय दुर्ग के बाहर का हाल यह है कि आसपास कोई साइबर कैफे नहीं है। पप्पू निषाद ने एक पेड़ के नीचे ही साइबर कैफे का एक सेटऑप लगा दिया है। ताकि लोगों का ज्यादा परेशानी न हो।

एक पेड़ के नीचे पूरा कंम्पूटर का सेटअप लेकर बैठे पप्पू ने हमसे बताया कि एक अप्रैल से बेरोजगारी भत्ता के लिए ऑनलाइन आवेदन शुरू हुआ है। मार्च महीने में मुख्यमंत्री की घोषणा के बाद से ही युवा थोड़ा ज्यादा एक्टिव तरीके से पंजीयन (रजिस्ट्रेशन) करवा रहे हैं।

अब यहां दो सेटअप लगे होने के बाद भी प्रतिदिन दोनों जगहों में लगभग 60 लोग पंजीयन करा रहे हैं। यह स्थिति तब है जब अक्सर सर्वर डाउन रहता है। क्योंकि जब सर्वर डाउन रहता तब हमलोग यहां से चले जाते हैं जब आ जाता है तब अपना सारा सेटअप लेकर आ जाते हैं।

पप्पू से हमने पूछा कि कौन ज्यादा पंजीयन करवा रहे हैं, इसका जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि फिलहाल महिलाओं की संख्या ज्यादा है। जिन्हें पता चल है कि 2500 प्रति माह बेरोजगारी भत्ता मिलेगा।
बेरोजगारी भत्ता पाने के लिए कौन पात्र है के सवाल पर पप्पू कहते हैं जिन लोगों को पंजीयन 31 मार्च 2021 से पहले का है उन्होंने वैसे अभी तक 10 लोगों का भत्ते के लिए अप्लाई किया है। वैसे नए पंजीयन करने वालों की संख्या ज्यादा है।

दुर्ग छत्तीसगढ़ का एक बड़ा जिले होने के साथ-साथ पास में ही भिलाई एक औद्योगिक शहर है। दुर्ग जिला रोजगार कार्यालय के आंकड़े के अनुसार मुख्यमंत्री की घोषणा के बाद से ही लोगों में इसके लेकर थोड़ी जागरुकता आई है। वैसे कार्यालय में प्रतिदिन 30 से 35 की उम्र के 700 से 800 लोग ऑनलाइन पंजीयन कराने के बाद रजिस्ट्रेशन कराने के लिए आते हैं।

जिला रोजगार कार्यलय से मिली जानकारी के अनुसार मार्च महीने में 1873 महिलाएं, 1534 पुरुष और एक थर्ड जेंडर का पंजीयन हुआ था। अप्रैल महीने के पहले सप्ताह तक नए रजिस्ट्रेशन में 179 महिलाएं, 117 पुरुषों ने रजिस्ट्रेशन कराया।

भत्ता उन्हीं लोगों का मिलेगा जिनका रजिस्ट्रेशन दो साल पहले हुआ था। घोषणा के बाद जिले में मार्च के महीने में 410 रजिस्ट्रेशन का रीन्यूवल किया गया। जबकि 5522 नए रजिस्ट्रेशन, 587 री रजिस्ट्रेशन किए गए। मार्च के महीने तक जिले में 100,618 जीवित पंजीयन है। जिसमें से 1680 लोगों को बेरोजगारी भत्ता के लिए आवेदन किया है।

रजिस्ट्रेशन कराने के लिए बढ़ी संख्या

जिला रोजगार कार्यालय के डिप्टी डायरेक्टर आरके कुर्रे से हमने इस बारे में बात की तो उन्होंने बताया कि पूरे राज्य में सबसे ज्यादा रजिस्ट्रेशन दुर्ग जिले में ही होते हैं। फिलहाल यहां जो लंबी लाइन लगी है इसमें री-रजिस्ट्रेशन, क्वालिफिकेशन अपडेट और अन्य कामों के लिए आए हैं।

वहीं दुर्ग जिले में भत्ते के लिए पात्र युवाओं की संख्या अप्रैल महीने के पहले सप्ताह तक 1500 से 1550 तक का रजिस्ट्रेशन हुआ है। आपको बता दें राज्य में रजिस्ट्रेशन 1 अप्रैल से शुरू हुआ है। आर.के. कुर्रे कहते हैं कि रजिस्ट्रेशन जो कर रहे हैं जरुरी नहीं है कि उन्हें भत्ता मिलेगा ही, इसके लिए एक कमेटी बनी है, वहां भी जांच होने के बाद ही पता चला पाएगा कि कितने लोग भत्ते के लिए पात्र हैं।

मार्च महीने में सिर्फ एक और अप्रैल के पहले सप्ताह तक एक भी ट्रांसजेंडर का रजिस्ट्रेशन नहीं होने पर मितवा फाउंडेशन की फाउंडर विद्या राजपूत से हमने इस कमी के बारे में बात की। विद्या लंबे समय से ट्रांसजेंडर के अधिकारों के लिए छत्तीसगढ़ में लड़ रही हैं। बेरोजगारी भत्ते पर हमसे बात करते हुए उन्होंने कहा कि सरकार की इस घोषणा का हमारा समुदाय को कोई लाभ नहीं मिल पाएगा। इसका सबसे बड़ा कारण है इसकी जटिल प्रक्रिया।

वह कहती हैं कि कई ट्रांसजेंडर ऐसे हैं जो अपने घर से भागकर हमारे पास आते हैं। कई ऐसे हैं जिनको घर से निकाल दिया गया है। ऐसे में डॉक्यूमेंट के नाम पर ऐसी बहुत सारी चीजें है जो उनके पास नहीं है। जिसके कारण वह इस लाभ से वंचित रहा जाएगा।

वह कहती हैं कि सरकार को 2500 रुपए की घोषणा की बजाए कोई रोजगार कौशल देना चाहिए। ताकि समुदाय के लोग आगे बढ़ पाए और आर्थिक रुप से मजबूत हो पाए। वह कहती हैं कि इतनी महंगाई में 2500 में जीवन चला पाना मुश्किल है। इसलिए समुदाय के लोगों को रोजगार दिया जाए।

बेरोजगारी भत्ता के लिए योग्यता

  •  आवेदक मान्यता प्राप्त बोर्ड से न्यूनतम हायर सेकंडरी (12वीं) उत्तीर्ण हो।
  • 1 अप्रैल 2023 से दो वर्ष पहले का रोजगार कार्यालय का पंजीयन हो। यानि की रजिस्ट्रेशन दो वर्ष पुराना होना चाहिए।
  • आवेदक का कोई भी आय का स्त्रोत न हो, परिवार की कुल वार्षिक आय 2,50,00 हो।
  • एक परिवार में से एक ही सदस्य को इसका लाभ मिलेगा।
  • आवेदक छत्तीसगढ़ का मूल निवासी हो।

इस साल छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। कई लोग बजट में ऐलान किए गए इस भत्ते को चुनाव से भी जोड़ कर देख रहे हैं। कांग्रेस ने साल 2018 के विधानसभा चुनाव के दौरान अपनी घोषणापत्र में बेरोजगारी भत्ते का जिक्र किया था। लेकिन इसे देने का ऐलान साल 2023 में किया गया है।

(छत्तीसगढ़ से पूनम मसीह की रिपोर्ट।)

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