नई दिल्ली। सिखों के लिए करतारपुर कोरिडोर खोलने के बाद पाकिस्तान ने अब पाकिस्तान में बसे हिंदुओं के लिए एक नई पहल की है। इसके तहत उसने भारत से110 देवी देवताओं की मूर्तियों को आयात किया है। शंकर, कृष्ण और गणेश समेत इन तमाम देवी देवताओं की मूर्तियां इस समय कराची एयरपोर्ट पर बक्सों में बंद हैं।
पाकिस्तानी मीडिया से आयी खबरों में बताया गया है कि चूंकि भारत और पाकिस्तान के बीच इस समय व्यापार बंद है लिहाजा उन्हें देश के भीतर ले जाना मुश्किल हो रहा है और उसके लिए पाकिस्तान के वाणिज्य मंत्रालय को पाक सरकार की कैबिनेट की मंजूरी हासिल करनी है। इस सिलसिले में पाकिस्तान हिंदू कौंसिल ने पहल की है और उसने इससे संबंधित पत्र पाक प्रधानमंत्री इमरान खान को लिखा है। बताया जा रहा है कि इमरान खान इसकी मंजूरी देने के लिए तैयार हो गए हैं।
कुल मूर्तियों का वजन 134 कुंतल बताया जा रहा है। आपको बता दें कि ये मूर्तियां भारत से सीधे पाकिस्तान नहीं गयी हैं बल्कि इन्हें पहले भारत से श्रीलंका ले जाया गया और उसके बाद उन्हें वहां से कराची भेज दिया गया। ऐसा दोनों देशों के बीच जारी व्यापार संबंधी पाबंदियों के चलते हुआ है। दरअसल इस समय भारत और पाकिस्तान के बीच जीवन रक्षक दवाओं को छोड़कर ज्यादातर व्यापार पर प्रतिबंध लगा है। लेकिन पाकिस्तान दुनिया में अपनी छवि को दुरुस्त करने के लिए उससे संबंधित तमाम चीजों पर पहल कर रहा है।
करतारपुर कोरिडोर उसी का एक हिस्सा था। बताते हैं कि पाकिस्तान में पिछले दिनों एक मंदिर का जर्णोद्धार कर उसमें दीवाली मनायी गयी थी। और उसमें सरकार ने बढ़-चढ़ कर भूमिका निभायी थी। पाकिस्तानी हिंदू कौंसिल के जरिये मंगाई गई इन मूर्तियों और फिर इस पर सरकार की मंजूरी उसी दिशा में एक कदम है।
पाक यूट्यूब चैनल साज के एक वरिष्ठ पत्रकार ने बताया कि इन सभी मूर्तियों को हिंदुओं के बीच मुफ्त में बांटा जाना है। इनकी कोई कीमत नहीं ली जाएगी। दरअसल पाकिस्तान की पिछले दिनों छवि न केवल हिंदू विरोधी बल्कि धार्मिक तौर पर कट्टर, तालिबानी और आतंकवाद समर्थक बन गयी थी। पाकिस्तान लगातार उस छवि से निकलने की कोशिश कर रहा है। पाक सरकार की इस नई पहल को भी उसी दिशा में उठाए गए कदम के तौर पर देखा जा रहा है। बताया गया है कि छह कार्टन में कराची एयरपोर्ट पर रखी गयी इन मूर्तियों को जल्द ही जगह-जगह स्थापित कर दिया जाएगा।
और यह काम केवल एक दिशा में नहीं हो रहा है। अभी दो दिनों पहले आतंकवादी कार्रवाइयों में शामिल रहे हाफिज सई को 11 साल की सजा दिलवाकर पाकिस्तान ने मुस्लिम समुदाय के भीतर के कट्टर तत्वों को भी यह संदेश दे दिया है कि उसे इस तरह की किसी भी विचारधारा और सोच से परहेज है। लिहाजा कहा जा सकता है कि सचमुच में एक नया पाकिस्तान बनने की तरफ अग्रसर है।
एक ऐसे मौके पर जब भारत मे धर्म के नाम पर तांडव हो रहा है। अल्पसंख्यकों और उसमें भी खासकर मुसलमानों को निशाना बनाया जा रहा है। तब पाकिस्तान की यह नई छवि दुनिया में उसे नई इज्जत दिलाने के लिए आधार का काम कर रही है।
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