बिहार में प्रदर्शन।

ग्रामीण और प्रवासी मज़दूरों की माँगों के समर्थन में उतरा खेग्रामस, धरने पर बैठे हज़ारों मजदूर और उनके नेता

पटना। अखिल भारतीय खेत एवं ग्रामीण मज़दूर सभा (खेग्रामस) और मनरेगा मज़दूर सभा के संयुक्त तत्वावधान में आज पूरे देश में मांग दिवस मनाया गया। इस दरम्यान कार्यालयों और घरों में हज़ारों मज़दूर अपनी मांगों के साथ धरने पर बैठे और मांगों से सम्बंधित नारे लगाये गए।

खेग्रामस के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व सांसद रामेश्वर प्रसाद एवं खेग्रामस के राष्ट्रीय महासचिव धीरेन्द्र झा ने सँयुक्त बयान में कहा कि कोरोना लॉकडाउन ने ग्रामीण गरीबों-मज़दूरों को भुखमरी के कगार पर धकेल दिया है, वहीं मनरेगा मज़दूरों से न्यूनतम से भी कम मज़दूरी पर काम लेने का सरकारी आदेश निर्गत है।

धीरेंद्र झा ने मांग दिवस के मांगों को लेकर पटना में खेग्रामस कार्यालय में धरना दिया व अपनी बात रखते हुए कहा कि 10 हजार रुपये गुजारा भत्ता, सभी मजदूरों को 3 महीना का राशन व दैनिक मजदूरी 500 रुपये करने की गारंटी सरकार अविलम्ब करे। उनके साथ मनरेगा मजदूर सभा के राज्य सचिव कॉमरेड दिलीप सिंह भी धरना पर बैठे।

मज़दूर नेताओं ने कहा है कि राशन में महज़ चावल-गेहूं दिया जा रहा है जबकि भोजन के अन्य जरूरी सामान खरीदने की स्थिति में एक बड़ी आबादी नहीं है।उन्होंने कहा कि सभी गरीबों-मज़दूरों को तीन महीने का राशन और प्रति परिवार 10 हज़ार रुपये गुजारा भत्ता मिलना चाहिए। मनरेगा को कोरोना राहत अभियान सहित तमाम कृषि कार्यों से जोड़ना चाहिए और उन्हें 500 रुपये दैनिक मज़दूरी और 200 दिन काम मिलना चाहिए।

आज के कार्यक्रम में खेग्रामस नेता सह विधायक सत्यदेव राम, महबूब आलम, बीरेंद्र गुप्ता, गोपाल रविदास, जीबछ पासवान, अकलू पासवान, उपेंद्र पासवान, कामता सिंह, पंकज सिंह, दिलीप सिंह, शत्रुघ्न सहनी, जयनारायण यादव आदि राज्य के विभिन्न हिस्से में अभियान में शामिल हुए। 

कॉमरेड राजाराम सिंह ने कहा कि आज का धरना हर ग्राम में फसलों की न्यूनतम समर्थन मूल्य पर सरकारी खरीद की गारंटी करने; प्राकृतिक आपदा, आगजनी और लॉकडाउन से बर्बाद फसलों का 25 हजार रुपये प्रति एकड़ मुआवजा देने; बिजली के निजीकरण की मुहिम पर तत्काल रोक लगाने;  कोरोना, लॉक डाउन में भूख व पुलिस दमन से हुई मौतों पर 20 लाख रुपया मुआवजा देने; नफरत नहीं भाईचारा को मजबूत करने; कोरोना को पराजित करने; जिला स्तर पर कोरोना की नि: शुल्क जांच व इलाज, आईसीयू वार्ड व वेंटिलेटर का प्रबन्ध करने आदि मांगों पर की गई थी।

उन्होंने कहा कि पूरे बिहार में लगभग सौ केंद्रों पर आज का कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसमें हजारों किसानों ने तख्तियों के साथ धरना दिया और ईमेल के जरिये अपनी मांग प्रधानमंत्री तक पहुंचाने की कोशिश की है। हमें उम्मीद है कि इन मांगों पर अविलम्ब कार्रवाई होगी और किसानों को राहत दी जाएगी।

(प्रेस विज्ञप्ति पर आधारित ख़बर।)

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