लखनऊ। यूपी पुलिस ने सीएए विरोधी आंदोलन के एक और एक्टिविस्ट को गिरफ्तार कर लिया। शरजील उस्मानी को उनके घर आजमगढ़ से उठाया गया। उस्मानी एएमयू के छात्र नेता हैं और सीएए विरोधी आंदोलन में सक्रिय थे। आयशा राणा ने बीती रात आठ बजे किए गए अपने एक ट्वीट में बताया कि “कुछ देर पहले पांच अज्ञात लोग जो यूपी क्राइम ब्रांच से होने का दावा कर रहे थे अवैध तरीके से शरजील उस्मानी को गिरफ्तार कर लिए। उनके पास कोई वारंट नहीं था, किसी तरह की पावती नहीं, गिरफ्तारी का मेमो नहीं था और परिवार को भी कोई सूचना नहीं दी गयी थी। उनके लैपटाप, मोबाइल और किताबों को भी पुलिस अपने साथ लेते गयी।”
रिहाई मंच ने एएमयू छात्र नेता शरजील उस्मानी को आजमगढ़ से उठाए जाने पर सवाल उठाते हुए कहा कि यूपी सरकार पुलिसकर्मियों के हत्यारे विकास दुबे जैसे व्यक्ति की गिरफ्तारी से ज्यादा लोकतांत्रिक आवाज़ों को कैद करना उसका प्रमुख एजेंडा बन गया है।
शरजील जैसे युवा जो संविधान, लोकतंत्र की आवाज़ों को बुलंद करते हैं वो इस दौर में सरकार की आंख की किरकिरी बन गए हैं। क्योंकि सरकार सिर्फ शिक्षा के पाठ्यक्रम से धर्म निरपेक्षता, लोकतांत्रिक अधिकार, संघवाद, नागरिकता और सोशल मूवमेंट को नहीं हटा रही है बल्कि इसे देश के इतिहास से भी मिटाने की कोशिश कर रही है।
रिहाई मंच बाबा साहेब डॉ. भीमराव अम्बेडकर के संवैधानिक मूल्यों के लिए लड़ने वालों के साथ खड़ा रहेगा। रिहाई मंच शरजील उस्मानी कि तत्काल रिहाई कि मांग करता है।
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