अरुंधति रॉय को वाक्लाव हैवेल सेंटर का ‘डिस्टर्बिंग दि पीस’ पुरस्कार

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नई दिल्ली। मशहूर लेखिका अरुंधति रॉय को अमेरिका आधारित ‘डिस्टर्बिंग दि पीस’ अवार्ड से सम्मानित किया गया है। साल 2024 का यह पुरस्कार गैरलाभकारी संगठन वाक्लाव हैवेल सेंटर की ओर से दिया गया है। अरुंधति रॉय के साथ यह पुरस्कार एक ईरानी महिला टूमाज सालेही को संयुक्त रूप से दिया गया है। सालेही को ईरान सरकार के खिलाफ होने वाले राजनीतिक प्रदर्शनों के गीत लिखने के लिए जाना जाता है।

जूरी सदस्य सलिल त्रिपाठी ने पुरस्कार की घोषणा करते हुए कहा कि रॉय भारत के हाशिये पर रहने वाले और वंचित लोगों के लिए आवाज उठाती हैं। उन्होंने कहा कि बुकर पुरस्कार विजेता लेखिका उन लोगों की आवाज उठाती हैं जिनकी जमीनें बड़े व्यवसायों के लिए ले ली गयी हैं, जो भारत की नाभिकीय नीतियों का विरोध करते हैं, जो दलितों के लिए बोलते हैं, और जो आत्म निर्णय की लड़ाई लड़ते हैं जिनसे पीड़ितों को आसानी होती है और पीड़ितों को सहूलियत मुहैया करायी जाती है।

वाक्लाव हैवेल सेंटर हर साल एक साहसिक विरोधी को पुरस्कृत करता है। इसके साथ ही मानवाधिकार के लिए लड़ने वाले वैश्विक लेखकों को प्रकाश में लाना चाहता है। पुरस्कार वाक्लाव हैवेल के नाम से दिया जाता है, जो एक लेखक और राजनीतिक प्रतिरोधी थे जो बाद में चेकोस्लोवाकिया के राष्ट्रपति भी बने। और इसी के साथ वह चेक गणराज्य के पहले राष्ट्रपति थे।

इस पुरस्कार के तहत 4.19 लाख रुपये दिए जाते हैं। साथ ही उसे व्यक्तिगत तौर पर समर्थन माना जाता है जो अपने भीतर हैवेल की विरासत को समेटा हुआ है। और उन ढेर सारे दुनिया भर के लेखकों की निगाह में भी आता है जो मानवाधिकारों के उल्लंघन के खिलाफ लड़ रहे हैं।

जून महीने में रॉय को 2024 का ‘पेन पिंटर’ पुरस्कार भी मिला था। जिसे 2009 में नोबेल पुरस्कार विजेता और नाटक लेखक हैरोल्ड पिंटर की याद में स्थापित किया गया था। 

(स्क्रोल से अनुवाद किया गया है।)

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