हमें सरकार की जरूरत है। बहुत बुरी तरह से। जो हमारे पास है नहीं। सांस हमारे हाथ से निकलती जा…
“हम मानवता के ख़िलाफ़ अपराधों के गवाह बन रहे हैं”
उत्तर प्रदेश में 2017 में सांप्रदायिक रूप से एक बहुत ही बंटे हुए चुनावी अभियान के दौरान भारत के प्रधानमंत्री…
जुझारू तरीके से लड़ा जाए और खूबसूरत तरीके से जीता जाए, नफरत के खिलाफ मुहब्बत की लड़ाई: अरुंधति
(कल पुणे में एलगार परिषद की बैठक आयोजित की गयी थी। जिसमें तमाम बुद्धिजीवियों, सामाजिक कार्यकर्ताओं, मानवाधिकार कर्मियों के साथ…
किताब को पाठ्यक्रम में बनाए रखने के लिए लड़ना मेरा कर्तव्य नहीं: अरुंधति रॉय
नई दिल्ली।(मशहूर लेखिका अरुंधति रॉय की किताब ‘वाकिंग विद द कॉमरेड्स’ को तमिलनाडु के मनोमणियम सुंदरानर विश्वविद्यालय के पाठ्यक्रम से…
साजिशों की सत्ता और आजाद लोकतंत्र की गुलाम ज़िंदगियां
जब दीवाली करीब आ रही है, और हिंदू लोग अपने राज्य में (और उस नए भव्य मंदिर में, जो अयोध्या…
भारत के लिए शर्म का दिन
क्या ऐसा हो सकता है कि पांच अगस्त, 2020 का दिन वास्तव में वह नहीं है जो इसे समझा जा…
हम तंगदिल, क्रूर और कमजोर दिमाग के लोगों से शासित हैं : अपने दोस्त साई बाबा को लिखे खत में अरुंधति राय
(मशहूर लेखिका अरुंधति राय ने नागपुर सेंट्रल जेल में बंद प्रोफेसर जीएन साई बाबा को खत लिखा है जिसमें उन्होंने…
हम खुद एक ऐसे बीमार समाज में रहते हैं, जिसमें भाईचारे और एकजुटता की भावनाओं के लिए कोई जगह नहीं है: अरुंधति
(विश्व प्रसिद्ध लेखिका अरुंधति रॉय ने दलित कैमरा पोर्टल को एक लंबा साक्षात्कार दिया है। इसमें उन्होंने अमेरिका और यूरोप…
राज करने वाले मर चुके हैं, जो चाहिए छीन कर लेना होगा: अरुंधति
(विश्व-प्रसिद्ध लेखिका, प्रखर विचारक और एक्टिविस्ट अरुंधति रॉय कोरोना महामारी के दौर में दुनिया भर के सत्ता वर्ग द्वारा रचे…
लॉक डाउन के बाद हमें जवाबदेही का पूरा हिसाब-किताब चाहिए: अरुंधति रॉय
लॉकडाउन के बाद मुझे सबसे ज्यादा किस चीज़ की उम्मीद होनी चाहिए? सबसे पहले मुझे बहुत बारीकी से तैयार किया गया…