Friday, April 26, 2024

अरुंधति रॉय

दिखावे बहुत हो चुके ! अब ज़रूरत है दिल, दिमाग और जवाबदेही से योजना बनाने की: अरुंधति रॉय

भारतीय अभिजात मीडिया और सत्ता-प्रतिष्ठान की बेनाम प्रवासी मजदूरों की  आकस्मिक और हृदय को छू जाने वाली त्रासदी की खोज के बारे में मैं रोज़ पढ़-सुन रही हूँ। ऐसा लगता हैं ये सब टीकाकार समकालीन इतिहास के साथ-साथ अनेक...

यह वैश्विक महामारी एक नई दुनिया का प्रवेश द्वार है: अरुंधति रॉय

अंग्रेजी में “वायरल होना" (किसी वीडियो, संदेश आदि का फैलना) शब्द को सुनते ही अब किसको थोड़ी सिहरन नहीं होगी? दरवाजे के हैंडल, गत्ते का डिब्बा या सब्जी का थैला देखते ही किसकी कल्पना में उन अदृश्य छींटों के...

लोगों से पटी हिंदुस्तान की सड़कें ही दे सकती हैं सब कुछ खत्म न होने का भरोसा

भारत सरकार को बांग्लादेश के मुक्ति युद्ध में अपनी भूमिका पर बहुत फख्र है। तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने पाकिस्तान के सहयोगी देश चीन और अमेरिका की धमकियों की परवाह नहीं की और नरसंहार को रोकने के लिए भारतीय सेना भेजी...

‘ह्यूस्टन स्टेडियम में 60 हजार लोगों के कान के परदे फाड़ देने वाला हल्ला भी नहीं दबा सका कश्मीर का सन्नाटा’

धार्मिक अल्पसंख्यकों पर खुले हमलों के अतिरिक्त आज हम जिससे गुजर रहे हैं वह यह है कि वर्ग और जाति युद्ध विकराल रूप ले रहा है। 26 सितम्बर 2019 को भारत नियंत्रित कश्मीर के श्रीनगर में कश्मीरी पुरुषों ने मशाल जुलूस निकाला।...

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गैर-बराबरी के मुद्दे पर गुमराह करने में जुटे मोदी

इस बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने धन के पुनर्वितरण की सोच को निशाने पर लिया है। वे तथ्यों का...