पूंजीवाद के इंजन को हमेशा के लिए बंद करना ही हमारा काम: अरुंधति रॉय

कोरोनावायरस की महामारी ने पूंजीवाद के इंजन को रोक दिया है। परन्तु यह एक अस्थाई स्थिति है। आज जब पूरी…

दिखावे बहुत हो चुके ! अब ज़रूरत है दिल, दिमाग और जवाबदेही से योजना बनाने की: अरुंधति रॉय

भारतीय अभिजात मीडिया और सत्ता-प्रतिष्ठान की बेनाम प्रवासी मजदूरों की  आकस्मिक और हृदय को छू जाने वाली त्रासदी की खोज…

यह वैश्विक महामारी एक नई दुनिया का प्रवेश द्वार है: अरुंधति रॉय

अंग्रेजी में “वायरल होना” (किसी वीडियो, संदेश आदि का फैलना) शब्द को सुनते ही अब किसको थोड़ी सिहरन नहीं होगी?…

लोगों से पटी हिंदुस्तान की सड़कें ही दे सकती हैं सब कुछ खत्म न होने का भरोसा

भारत सरकार को बांग्लादेश के मुक्ति युद्ध में अपनी भूमिका पर बहुत फख्र है। तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने पाकिस्तान…

‘ह्यूस्टन स्टेडियम में 60 हजार लोगों के कान के परदे फाड़ देने वाला हल्ला भी नहीं दबा सका कश्मीर का सन्नाटा’

धार्मिक अल्पसंख्यकों पर खुले हमलों के अतिरिक्त आज हम जिससे गुजर रहे हैं वह यह है कि वर्ग और जाति…