Thursday, March 28, 2024

अरुण कुमार त्रिपाठी

विलास सोनवानेः समता और स्वतंत्रता के योद्धा

विलास भाई नहीं रहे। विलास भाई यानी विलास सोनवाने। वे 69 वर्ष के थे। उनसे पहली बार सन 2001 में मिला था और आखिरी मुलाकात तकरीबन छह साल पहले पानीपत में सर्वोदयी कार्यकर्ता राम मोहन राय की ओर से...

वे लालू-मुलायम से चिढ़ते हैं या समाजवाद से!

दिल्ली प्रवास कर रहे लालू प्रसाद दो दिन पहले मुलायम सिंह यादव से मिलने क्या गए कि ट्रॉल करने वालों की मौज आ गई। लालू प्रसाद का दोष इतना था कि उन्होंने कह दिया कि देश पूंजीवाद और सांप्रदायिकता...

ममता का दिल्ली दौराः धीरे-धीरे होई विपक्षी एकता

पश्चिम बंगाल की अग्निकन्या ममता बनर्जी का विपक्षी एकता के निमित्त पांच दिनों के दिल्ली दौरे के बारे में यही कहा जा सकता है कि उम्मीद जगी है लेकिन मकसद बहुत धीरे धीरे ही पूरा होता दिख रहा है।...

रोशनी चुराने वालों से सावधान रहने की जरूरत

आज दैनिक भास्कर और भारत समाचार पर सच दिखाने के नाते डाले गए आयकर के छापों ने चौंतीस साल पहले के उन झगड़ों की याद ताजा कर दी जो प्रचंड बहुमत से सत्ता में आई राजीव गांधी के नेतृत्व...

EXCLUSIVE: किसान मोर्चा नहीं हटाएंगे, महेंद्र सिंह टिकैत के आंदोलन स्थलों पर जाएंगे-राकेश टिकैत

भारतीय किसान यूनियन के नेता और सात महीने से चल रहे किसान आंदोलन के मजबूत स्तंभ बनकर उभरे चौधरी राकेश सिंह टिकैत से जिस समय दिल्ली और उत्तर प्रदेश के गाजीपुर बार्डर पर बातचीत हुई उससे ठीक पहले भारतीय...

जेपी की संपूर्ण क्रांति और आज का समय

भारतीय नागरिक और उसकी लोकतांत्रिक संस्थाएं आज पतन के जिस दौर में हैं उसमें स्वाधीनता सेनानी और आजादी की दूसरी लड़ाई का नेतृत्व करने वाले लोकनायक जयप्रकाश नारायण की संपूर्ण क्रांति की अवधारणा पर सबसे ज्यादा बहस की जरूरत...

पुरानी इमारत में संसद नहीं तो पुराने कानून से राजद्रोह कैसे?

सोमवार को जब केंद्रीय शहरी विकास मंत्री हरदीप पुरी पत्रकारों को समझा रहे थे कि जो पुराना संसद भवन है वह आजाद भारत के लिए नहीं बना था, उसी समय देश का सर्वोच्च न्यायालय राजद्रोह के अपराध को परिभाषित...

नेहरूः एक समन्वयवादी युगान्तकारी

पंडित जवाहर लाल नेहरू की पुण्य तिथि पर उनका स्मरण जोर शोर से किया जाना चाहिए। ऐसा इसलिए क्योंकि आज पूरी मानवता एक महामारी की चपेट में है और उससे निपटने का तरीका वैज्ञानिक अनुसंधान और दृष्टि ही है।...

बांग्ला साहित्य की विद्रोही दलित चेतना का हिंदी दीप

जब बांग्ला साहित्य और समाज की उदार और विद्रोही चेतना को हिंदी इलाके के संकीर्ण राष्ट्रवाद और बंगाल में पहले से मौजूद हिंदू चेतना से पराजित करने का राजनैतिक अभियान और सांस्कृतिक आख्यान अपने चरम पर हो तब प्रोफेसर...

विद्यार्थी की जयंती पर विशेष: उनके लिए गांधी और भगत सिंह में भेद नहीं था

गणेश शंकर विद्यार्थी का जन्म 26 अक्तूबर, 1890 को अपनी नानी गंगा देवी के घर अतरसुइया इलाहाबाद (प्रयागराज) में हुआ था। उनका नाम उनकी नानी ने पहले ही चुन लिया था जब उन्होंने अपनी पुत्री यानी गणेश शंकर की...

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