यह बड़ा विचित्र संयोग है कि जब दुनिया मानव सभ्यता की सबसे खतरनाक महामारी के आतंक से जूझ रही है तब देश की सबसे पुरानी राजनीतिक पार्टी भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस भी अपने अस्तित्व के संकट से जूझ रही है।...
(नब्बे के दशक में एक शोध पुस्तक की श्रृंखला प्रकाशित हुई थी। जिसमें लालू यादव पर अंबरीश कुमार ने लिखा था। तब लालू की धमक भी थी। उस पुस्तक का तब वीपी सिंह को विमोचन करना था पर अचानक...
वीरेंद्र कुमार बरनवाल के निधन की सूचना वरिष्ठ पत्रकार और बड़े भाई जयशंकर गुप्त जी की पोस्ट से मिली। अचानक मुलाकात की बारह साल पुरानी स्नेहिल स्मृतियां कौंध गईं। 10 नवंबर 1945 को आजमगढ़ में जन्मे बरनवाल जी हीरक...
संपूर्ण क्रांति का काम पार्टियां करेंगी या उसके लिए समर्पित युवाओं के संगठन और उनके कंधों पर खड़ा एक व्यापक आंदोलन? यह प्रश्न 5 जून 1974 को उस समय भी था जब जयप्रकाश नारायण ने बिहार के राज्यपाल को...
लद्दाख में चीनी सैनिकों की दादागीरी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का अपुष्ट दावा कि उनकी भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बात हुई और वे इससे बहुत प्रसन्न नहीं हैं, एक ऐसी स्थिति को प्रदर्शित करता है जहां...
आज हिंदी पत्रकारिता 194 वर्ष पुरानी हो गई। 30 मई 1826 को कलकत्ते से हिंदी के पहले साप्ताहिक अखबार `उदंत मार्तंड’ का प्रकाशन हुआ था। संपादक थे पंडित जुगल किशोर शुकुल। इस शब्द का अर्थ है समाचार-सूर्य। यह अखबार...
निश्चित तौर पर यह बात बेहद चिंताजनक है कि मुंबई में 32 हजार से ज्यादा कोरोना पॉजिटिव मरीज पाए गए हैं और पूरे महाराष्ट्र में यह संख्या 50 हजार से ज्यादा है। लेकिन उतनी ही चिंताजनक है वहां की...
जब कोरोना महामारी के प्रसार को रोकने के लिए सरकार की ओर से बिना विचारे किए गए लॉकडाउन के कारण लाखों मजदूर घनघोर कष्ट सहकर शहरों से गांवों की ओर पलायन कर रहे हों और कई राज्य सरकारें वर्षों...
किसी ने ठीक ही कहा है कि कोरोना महामारी में नया कुछ नहीं हो रहा है। बल्कि जो चीजें हो रही थीं उनकी गति तेज हो गई है। इसे हम श्रम कानूनों के साथ भी घटित होता देख सकते...
रामकथा को घर-घर पहुंचाने वाले तुलसीदास के भूख और गरीबी के अनुभव का जिक्र वे नहीं करते जिन्हें उनसे राजनीतिक और धार्मिक लाभ लेना है। लेकिन जब भी हम इन पंक्तियों को पढ़ते या सुनते हैं कि `आग बड़वाग्नि...