Friday, March 29, 2024

बादल सरोज

मध्यप्रदेश  के मधुबन में नफरत की ताड़का नाचे रे !!

हिजाब के नाम पर कर्नाटक से भाजपा की साम्प्रदायिक ध्रुवीकरण की अगली लहर जिस बेहिसाब तरीके से बेहिजाब हुई इसे देश ही नहीं सारी दुनिया ने देखा है। इस बेतुके और बेहूदे मुद्दे को ऐन यूपी चुनाव के पहले...

फासिस्टी मनोरोग के एप्प्स : बुल्लीबाई और सुल्ली डील्स

नए साल की शुरुआत हिन्दुस्तानी फासिस्टों के एक और घिनौने कर्म के उजागर होने के साथ हुयी। जनवरी की पहली तारीख को ही सोशल मीडिया के जरिये जहरीले काम कर रहा "बुल्ली बाई" एप्प पकड़ा गया।  यह अपराध तब सामने...

हरिद्वार वाया चंपावत; बेनकाब होता हिन्दुत्व

हरिद्वार के अधर्म हिन्दुत्वी जमावड़े में जो हुआ और भिन्न तीव्रता के साथ जिसे छत्तीसगढ़ के रायपुर में हुयी ऐसी एक शोर भरी जमावट में दोहराया गया वह आजाद भारत में अभूतपूर्व और असाधारण बात है। हरिद्वार में "उनकी...

हिन्दुत्व की काशी करवट

बनारस में पूरी धजा में था हिंदुत्व। डूबता, उड़ता, तैरता, तिरता, घंटे-घड़ियाल बजाता, शंखध्वनियों में मुण्डी हिलाता, दीपज्योतियों में कैमरों को निहारता, झमाझम रोशनी में भोग लगाता खुद पर खुद ही परसादी चढ़ाता, रातबिरात घूमता; पूरी आत्ममुग्ध धजा में...

65 साल बाद भी जीवंत और प्रासंगिक हैं बाबा साहेब

1956 में आज ही के दिन - 6 दिसंबर को - नहीं रहे थे बाबा साहेब डॉ भीमराव अम्बेडकर ; मगर कमाल ही है उनका व्यक्तित्व और कृतित्व, जिसके चलते वे आज साढ़े छः दशक बाद भी न सिर्फ...

मुनव्वर से बरास्ते वीर दास, कुणाल तक गहरे होते अंधेरे से मुक़ाबिल उजाले

पिछले सात साल में दो मामलों में मार्के का विकास हुआ है। एक ; मोदी राज की उमर बढ़ी है, बढ़कर दूसरे कार्यकाल का भी आधा पूरा कर चुकी है। दो ; रचनात्मकता को कुचल देने और सर्जनात्मकता को...

वे तो शहीद हुए हैं, मरा तो कुछ और है ! कृषि मंत्री के चुनिंदा स्मृति-लोप की क्रोनोलॉजी

तीन कृषि कानूनों की वापसी के लिए लड़ते लड़ते किसान आंदोलन में शहीद हुए  सातेक सौ किसानों के बारे में संसद में दिए जवाब में केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा है कि ; "कृषि मंत्रालय के पास इस...

गाँव बसने से पहले ही आ पहुँचे उठाईगीरे

19 नवम्बर की भाषणजीवी प्रधानमंत्री के तीनो कानूनों को वापस लेने की मौखिक घोषणा पर कैबिनेट ने 5 दिन बाद 24 नवम्बर को मोहर लगाई और संसद में बिना कोई चर्चा कराये  29 नवम्बर को उन्हें संसद के दोनों में...

रानी कमलापति या आदिवासियों का धृतराष्ट्र आलिंगन!

संघी कुनबे को भारत के मुक्ति आंदोलन के असाधारण नायक बिरसा मुण्डा की याद उनकी शहादत के 122वें वर्ष में आयी। अंग्रेजों से लड़ते हुए और इसी दौरान आदिवासी समाज को कुरीतियों से मुक्त कराते हुए महज 24 साल...

आसमां पै है खुदा और जमीं पै ये

हर तीन महीने में होने वाली भाजपा कार्यकारिणी की बैठक दो वर्ष के लम्बे अंतराल के बाद मात्र एक दिन के लिए हुयी और "तेरे नाम पै शुरू तेरे नाम पै ख़तम"  भी हो गयी। बिना किसी व्यवधान के पृथ्वी के सूरज के चारों...

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बेरोजगारी का विकराल रूपः सरकार ने डाल दिए हथियार

तो नरेंद्र मोदी सरकार की तरफ से यह दो टूक कह दिया गया है कि बेरोजगारी जैसी समस्याओं से...