
जल, जमीन, आकाश, सबकी फ़िक्र बढ़ाती है मृत देह
इन दिनों देश में पितृ पक्ष चल रहा है और सनातन धर्म से जुड़े लोग अपने मृत पूर्वजों को याद कर रहे हैं। मृत परिजनों [more…]
इन दिनों देश में पितृ पक्ष चल रहा है और सनातन धर्म से जुड़े लोग अपने मृत पूर्वजों को याद कर रहे हैं। मृत परिजनों [more…]
सांस्कृतिक और सामाजिक मूल्य इस कदर बदलते जा रहे हैं कि कभी देवता और गुरु जी कह कर पूजे जाने वाले शिक्षक खिसकते-खिसकते अब सामाजिक [more…]
बच्चों की शिक्षा के प्रश्न को बस शिक्षाविदों, नीतिनिर्धारकों और समाजशास्त्रियों पर नहीं छोड़ देना चाहिए। विशेषज्ञता के अपने फायदे हैं पर इसकी वजह से [more…]
खेलकूद में बच्चों की एक स्वाभाविक रुचि होती है। वे हर समय खेलना चाहते हैं, पर अपने अनुभवों से दबे-पिसे वयस्क उनको पढ़ाई-लिखाई पर अधिक [more…]
आजादी के पचहत्तर वर्ष पूरे होने का जश्न एक तरफ बड़े उत्साह और कहीं-कहीं उन्मत्तता के साथ भी मनाया गया, वहीं हाल ही में ऐसी [more…]
यह एक विडम्बना है कि जिस देश की जड़ें तथाकथित आध्यात्मिकता में रहीं हैं, उसके धर्म और आध्यात्मिक ज्ञान उसे नैराश्य और अवसाद का सामना [more…]
आज विश्व मच्छर दिवस है। आम भाषा में मच्छर की औकात ज्यादा नहीं समझी जाती, पर इस अति सूक्ष्म, पंखधारी, विषैले प्राणी की ताकत को भूल कर [more…]
‘बोल कि लब आज़ाद हैं तेरे/बोल ज़बाँ अब तक तेरी है/तेरा सुतवाँ जिस्म है तेरा/…जिस्म-ओ-ज़बाँ की मौत से पहले/बोल कि सच ज़िंदा है अब तक/बोल [more…]
15 अगस्त, 1947 को जब देश की आजादी का ऐलान हुआ, वह गाँधी जी के लिए जश्न का दिन नहीं था। इधर देश उत्सव में [more…]
दोस्ती की समझ में आने वाली कोई वजह नहीं होती। दोस्ती न होने या दोस्ती टूट जाने की वजह होती है। दोस्ती अगर किसी वजह [more…]