बड़ी संख्या में लोग मानने लगे हैं कि भारतीय लोकतंत्र एक संकट के दौर से गुज़र रहा है। लोकतान्त्रिक संस्थाओं…
कांग्रेस की उहापोह: माथे पर हो भस्म या फिर रहे नमाजी टोपी
कांग्रेस पार्टी वालों, ज्यादा देर न करो।जल्दी फैसला करो। करो देश के कोने अतरे में पद यात्रा और लोगों को…
कोई और नहीं आप खुद बनिए अपना गुरू
(गुरु पूर्णिमा के मौके पर चैतन्य नागर का आया यह लेख किन्हीं कारणों से प्रकाशित होने से रह गया था।…
शिक्षा में हो स्नेह और सम्मान
कॉलेज में एमए के आखिरी वर्ष में पढ़ने वाली उस छात्रा के आंसू थम ही नहीं पा रहे थे। उसकी…
क्या उदयपुर से होगा नई समझ का उदय?
राजस्थान के उदयपुर में जो हुआ, उसके बारे में कोई लिखे भी तो क्या! इस देश की दुर्दशा कहाँ तक…
बेस्टसेलिंग आइटम बन गया है ‘योगा’
योग को सामान्यतः एक हिन्दू धार्मिक अभ्यास के रूप में देखा जाता है। अन्य धर्म के लोगों ने शुरू में…
धर्म पर सवाल करने से परहेज क्यों
अच्छा बनने के लिए धार्मिक बनने की जरूरत नहीं। नेक बनने के लिए बस उन बातों को देखने, समझने और…
कुदरत के साथ दोस्ती
मित्रता के भाव में लिए बुद्ध ने ‘मेत्ता’ शब्द का प्रयोग किया। उन्होंने हमेशा अपने शिष्यों से कहा कि वे…
लोकतान्त्रिक लिबास में ‘राजा’
पूरे पचहत्तर साल बाद भी हमारा लोकतंत्र अपने शैशवकाल में ही है। अक्सर पालने में पड़ा-पड़ा ‘अहंकार विसर्जन’ करता, अपने…
सांस्कृतिक सड़ांध की उपज है अमेरिका का शस्त्र प्रेम
टेक्सस, अमेरिका के युवाल्डे शहर के रॉब एलिमेंट्री स्कूल में एक 18 वर्षीय बंदूकधारी सेल्वडोर रॉमोस ने जिस तरह गोलियों…