Sunday, April 28, 2024

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रावण का पुतला जलाने को लेकर बवाल! छत्तीसगढ़ के कई इलाकों में मुश्किल में पड़ा दशहरा

रायपुर। छत्तीसगढ़ में रावण दहन को लेकर बवाल खड़ा हो गया है। यहां के आदिवासियों ने रावण के पुतले के दहन पर रोक लगाने के लिए प्रशासन से गुहार लगाई है। प्रदेश के महासमुंद, रायगढ़, राजनंदगांव, गरियाबंद, कवर्धा आदि...

“गुफ्तगू” के सफर का नया पड़ाव, 300वें एपिसोड में आज मौजूद होंगे एक्टर नसीरुद्दीन शाह

नई दिल्ली। राज्यसभा टीवी पर प्रसारित होने वाले साप्ताहिक कार्यक्रम “गुफ्तगू” ने दर्शकों के दिलो-दिमाग पर न केवल अपनी अलग छाप छोड़ी है बल्कि भारतीय टेलीविजन के इतिहास में उसने अपना अलग स्थान बना लिया है।  सिनेमा, गीत और संगीत...

#MeToo अभियान के फलक को करना होगा व्यापक

हॉलीवुड के बड़े निर्माताओं में शामिल हार्वी वेंस्टीन पर कई महिलाओं द्वारा यौन उत्पीड़न और बलात्कार का आरोप लगाए जाने के  बाद अक्तूबर 2017 में शुरू हुआ #MeToo अभियान अब भारत में पहुंच गया है। इसके माध्यम से महिलाएं...

जेएनयूएसयू चुनाव: छात्र राजद प्रत्याशी जयंत सामाजिक न्याय का नया सितारा है या फिर लाठी पर टंगी लालटेन?

जनचौक ब्यूरो (जेएनयू छात्रसंघ चुनाव के अध्यक्षीय भाषण में छात्र राजद के प्रत्याशी जयंत जिज्ञासु का भाषण बेहद चर्चित रहा है। सवाल-जवाब के सत्र में भी उनका प्रदर्शन अच्छा बताया जा रहा है। सोशल मीडिया से लेकर जेएनयू से संबंध...

111 दिनों के अनशन के बाद भी जब नहीं जागी सरकार तो गंगा सफाई के सपने के साथ विदा हो गए प्रो. अग्रवाल

नई दिल्ली। गंगा की सफाई के लिए पिछले 111 दिनों से अनशन पर बैठे पर्यावरण एक्टिविस्ट जीडी अग्रवाल उर्फ स्वामी सानंद का निधन हो गया है। आईआईटी कानपुर में प्रोफेसर रहे अग्रवाल ने आज ऋषिकेश स्थित एम्स में अंतिम...

शीरोज कैफे पर सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत,एसिड हमला पीड़ितों को दिया 9 महीने का समय; पेश है पीड़ितों की पूरी दास्तान

नई दिल्ली। एसिड हमला पीड़ितों को सुप्रीम कोर्ट से राहत मिल गई है। लखनऊ में शीरोज कैफे हटाने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने 9 महीने का वक्त दिया है। इस बीच इलाहाबाद हाईकोर्ट को मामले को सुलझाने को कहा...

मनुष्यता के विध्वंस की शब्दावली है कामर्शियल और प्रोफेशनल!

भूमंडलीकरण का अर्थ है मनुष्य का ‘वस्तुकरण’। मानव उत्क्रांति का सबसे विध्वंसक दौर है भूमंडलीकरण। अभी तक मनुष्य की लड़ाई थी ‘इंसान’ बनने की ‘इंसानियत’ को बढ़ाने की यानी मनुष्य अपनी ‘पशुता’ से संघर्ष करता रहा है और जीतता...

नागरिकता के न्यूनतम अधिकारों से महरूम दर-बदर जिंदगियों का सच

गुजरात से मार-मार कर खदेड़े जा रहे बिहारियों और पुरबियों का कोई नहीं है। वह बिहार और पूर्वी उत्तर प्रदेश भी नहीं, जहां से निकल कर भूख, बेगारी और अपमान की आग में झुलसते हुए ये लोग दुनिया भर में...

मंटो आज के हिंदुस्तान के बारे में क्या सोचते

अभिनेत्री और निर्देशक नंदिता दास की फ़िल्म ‘मंटो’ (2018, रंगीन, 112 मिनट) को देखते हुए कुछ सवाल दिमाग़ में कौंधने लगते हैं। यह फ़िल्म हिंदुस्तान और पाकिस्तान के एक अत्यंत महत्वपूर्ण उर्दू लेखक सादत हसन मंटो (1912-1955) के जीवन...

विचारधारा के आवेग में नहीं बल्कि तथ्यों के आइने में चीजों को देखने की जरूरत: दिलीप सिमियन

नई दिल्ली। इतिहासकार और दिल्ली विश्वविद्यालय के पूर्व प्रोफेसर दिलीप सिमियन ने शनिवार को पेरिस छात्र आंदोलन के विभिन्न पक्षों और विचारधारा पर विस्तार से चर्चा की। मौका था पेरिस छात्र आंदोलन की 50वीं बरसी का। प्रोफेसर सिमियन ने...

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वकीलों के हड़ताल से न्याय के शत्रु खुश होते हैं

मऊ, ‘‘तारीख पे तारीख...!’‘ ‘लेकिन इंसाफ नहीं मिलता है।’  फिल्म ‘दामिनी’ का डायलॉग कोर्ट कचहरी को लेकर बहुत मशहूर...