वैचारिक दरिद्रता और शासक वर्ग की नैतिकता का भ्रम

समाज में नैतिकता, विवेक और इंसानियत की मान्यताओं को संजोने की हमारी कोशिशें हमेशा से ही महत्वपूर्ण मानी जाती हैं।…

टेक्नो-फ्यूडलिज़्म: पोस्ट कैपिटलिज्म दुनिया के नए क्लाउड लॉर्ड्स

हाल के वर्षों में डिजिटल तकनीकों और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) की तेजी से वृद्धि ने हमें कैपिटलिस्ट दुनिया से निकाल…

ईएमआई, कर और मुद्रास्फीति का जाल: विलासिता और बुनियादी जरूरतों का संघर्ष

वर्तमान में, भारत की अर्थव्यवस्था विचित्र स्थिति में है। एक तरफ देश की आबादी का बड़ा हिस्सा मुद्रास्फीति, बढ़ते करों…

पेंशन व्यवस्था का पतन और पूंजीवादी क्रूरता: काम के बाद जिंदा रहना भी महंगा

पूंजीवादी व्यवस्था की बुनियादी संरचना मुनाफे पर आधारित होती है और इसका हर पहलू मानव जीवन को मुनाफे के संदर्भ…

अमेरिकी डॉलर का प्रभुत्व, BRICS और तीसरी दुनिया: आर्थिक संघर्ष और वैश्विक संतुलन

वैश्विक अर्थव्यवस्था में अब तक का सबसे शक्तिशाली प्रतीक अमेरिकी डॉलर रहा है। द्वितीय विश्व युद्ध के बाद स्थापित ब्रेटन…

दक्षिणपंथी विचारों का उदय: सामाजिक असुरक्षा और सांस्कृतिक राष्ट्रवाद

वर्तमान वैश्विक और भारतीय परिप्रेक्ष्य में विचारधाराओं का अनोखा और चिंताजनक बदलाव देखा जा रहा है। जहां एक ओर आर्थिक…

प्राचीन युग की ओर लौटने की चाह: यथार्थ और कल्पना का संघर्ष

मानव समाज में प्राचीन काल की पुनर्रचना की आकांक्षा प्रमुख विचारधारात्मक प्रवृत्ति रही है, जो समाज के वास्तविक परिवर्तन के…

फासीवादी राष्ट्रवाद का असली चेहरा: स्वार्थ, संपत्ति और सत्ता की भूख

राष्ट्रवाद, ऐसा शब्द जो समय-समय पर सत्ता के खेल में सबसे प्रभावशाली हथियार बनकर उभरता है। इतिहास गवाह है कि…

विज्ञापन और स्टार्टअप्स का अनकहा सच: आर्थिक असमानता का जाल

आज की दुनिया में विज्ञापन और स्टार्टअप्स का प्रचार नई ऊंचाई पर पहुंच चुका है। बड़ी कंपनियों और स्टार्टअप्स द्वारा…

भारत में फासीवाद का उभार: मध्यमवर्गीय असुरक्षाओं की राजनीति

फासीवाद, जो कि 20वीं सदी में यूरोप में उभरी राजनीतिक परिघटना थी, आज के भारतीय राजनीतिक परिदृश्य में नए रूप…