Author: प्रफुल्ल कोलख्यान
पहलगाम की आतंकी घटना और राष्ट्रीय एकता का सवाल
जाति के नाम पर आक्रमणकारी संगठन बनाने की संवैधानिकता पर अविलंब विचार करना आवश्यक हो गया है। करणी सेना जैसे संगठनों की कानूनी स्थिति क्या [more…]
सामाजिक न्याय के आईने में दलितों की हत्या के कुछ ऐतिहासिक मामले
सामने 2025 में बिहार विधानसभा का चुनाव है। उस के बाद पश्चिम बंगाल, असम, तमिलनाडु केरल और पुदुचेरी में 2026 में चुनाव होना है। 2027 [more…]
आरएसएस की पूरी विचारधारा अप्रासंगिक है भाजपा राजनीतिक नहीं चुनावी पार्टी है
ब्रिटिश हुकूमत से आजादी मिलने के दिन, यानी 15 अगस्त 1947 की बीच रात में भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने कहा था, आधी [more…]
भारत की राजनीति में अभी कई मकाम आयेंगे तमाशबीन बनना खतरनाक
सामने बिहार विधानसभा का चुनाव है। लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी को 240 पर समेट देने के बाद इंडिया गठबंधन में राजनीतिक उत्साह का [more…]
राहुल गांधी की राजनीति और सामाजिक न्याय के सवाल
कांग्रेस आखिर किसकी पार्टी है! हिंदू को लगता है, कांग्रेस मुसलमानों की पार्टी है! मुसलमानों को लगता रहा है, कांग्रेस हिंदू पार्टी है! पूंजीपतियों को [more…]
जीत के जश्न और हार की समीक्षा के बीच जनादेश का संदेश
साधारण लोगों के लिए न तो राजनीतिक दलों की ‘जीत के जश्न’ में कोई दिलचस्पी होती है और न ‘हार की समीक्षा’ में कोई खास [more…]
तो क्या जनता को भंग करने की तरफ लपकेगी सरकार
तयशुदा कार्यक्रम के अनुसार दिल्ली विधानसभा के चुनाव प्रचार का समय समाप्त हो चुका है। 5 फरवरी 2025 को मतदान होगा। दिल्ली विधानसभा में अरविंद [more…]
दिल्ली विधानसभा का चुनाव और राहुल गांधी महू में!
इधर दिल्ली विधानसभा का चुनाव गरम हो गया है। उधर राहुल गांधी दिल्ली विधानसभा चुनाव के गरम राजनीतिक माहौल से बाहर महू में क्या कर [more…]
भारत की अनसुनी आवाजों का मर्म और भारत के लोगों का भविष्य
आज 25 जनवरी भारत में राष्ट्रीय मतदाता दिवस है। सच पूछा जाये तो मतदाता ही किसी संविधान सम्मत लोकतांत्रिक व्यवस्था में देश का स्व-परिभाषित मालिक [more…]
संविधान, सुरक्षा और सम्मान का मर्म, मतलब और मर्यादा
दिल्ली विधानसभा का चुनाव राजनीतिक रूप से गर्म हो गया है। संख्या के लिहाज से नहीं लेकिन प्रभाव के लिहाज से इस चुनाव के नतीजे [more…]