Author: राम जन्म पाठक
इंदिरा जयसिंह समेत 13 वरिष्ठ वकीलों ने सीजेआई को पत्र लिखकर की जस्टिस यादव के खिलाफ एफआईआर की मांग
सुप्रीम कोर्ट की वरिष्ठ वकील इंदिरा जयसिंह, अस्पी चिनॉय, नवरोज सीरवाई, आनंद ग्रोवर समेत 13 अन्य वकीलों ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के जस्टिस शेखर कुमार यादव [more…]
पांचवीं अर्थव्यवस्था का मिथक और महंगाई से बेजार आम आदमी
क्या भारत सचमुच पांचवीं अर्थव्यवस्था बनने की ओर अग्रसर है ? अगर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी टोली के बड़बोले दावों पर यकीन करें तो [more…]
अमौसा का मेला
प्रयागराज (इलाहाबाद) में महाकुंभ का औपचारिक आरंभ 14 जनवरी यानी मकर संक्रांति पर्व पर अमृत स्नान के साथ हो जाएगा। कहा जाता है कि यह [more…]
सूचनाधिकार को कुचलने की साजिश: अरसे से 8 आयुक्तों के पद खाली, 23 हजार अपीलें लटकीं
केंद्र सरकार लोकतंत्र और जनाधिकार का गला घोंटने में कितनी ढिठाई से पेश आ रही है, इसका जीता-जागता एक सबूत सूचनाधिकार की अनदेखी करना है। [more…]
मणिपुर: ‘रासुका’ की लगाम से हिंसा को कैसे काबू करेंगे नए राज्यपाल!
करीब बीस महीने से जातीय हिंसा में जल रहे मणिपुर में बीते पखवारे में दो बड़ी घटनाएं हुई हैं। पहला, नए साल की पूर्व संध्या [more…]
मुजफ्फरनगर दंगा मामला : 11 साल बाद पूर्व केंद्रीय मंत्री बालियान व सांसद मलिक समेत 27 लोगों के खिलाफ आरोप तय
मुरादाबाद। दिल्ली सीमा से सटे उत्तर प्रदेश के जिले मुजफ्फरनगर में अगस्त, 2013 में हुए भयावह दंगे के एक मुकदमे में आरोप तय होने में [more…]
दादरी के अखलाक़ से लेकर मुरादाबाद के शाहेदीन तक जारी है भीड़-हत्या का सिलसिला
उत्तर प्रदेश के दादरी के बिसाहड़ा गांव में 28 सितंबर, 2015 को मोहम्मद अखलाक़ की गौकशी के शक में की गई भीड़-हत्या का खूनी सिलसिला [more…]
केंद्र सरकार पारदर्शी चुनाव से डरती क्यों है!
गोदी मीडिया के तमाम प्लेटफॉर्म चुनाव संचालन नियमों में किए बदलाव को चुनाव आयोग की कारस्तानी बता रहे हैं, जबकि यह सब केंद्र सरकार ने [more…]
‘छिपी हुई अर्जियों’ वाले बुद्धिजीवी
वैसे तो 2014 के बाद अंग्रेजी और हिंदी (और शायद दूसरी भाषाओं) के भी कुछ ”बुद्धिजीवियों” ने अपनी विचार-पीठिका से पाला-बदल किया है। जिस विचारधारा [more…]
प्रधान न्यायाधीश और प्रधान सेवक के बीच बहती अंत:सलिला!
क्या भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारत के प्रधान न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ के बीच कोई अंत:सलिला बहती है? क्या सचमुच कहीं कोई जुगलबंदी है? [more…]