Author: राम पुनियानी
संयुक्त भारतीय राष्ट्रवाद या द्विराष्ट्र सिद्धांत
दक्षिण एशिया की सबसे बड़ी त्रासदियों में एक थी द्विराष्ट्र सिद्धांत का प्रतिपादन, जो औपनिवेशिकता-विरोधी भारतीय राष्ट्रवादी आंदोलन के खिलाफ था। इससे ब्रिटिश उपनिवेशवादियों को [more…]
आंबेडकर और भाजपा का एजेंडा: सिर के बल खड़ा सच
इस 14 अप्रैल (2025) को देश ने अम्बेडकर जयंती मनाई। कई लोग इस दिन को ‘समानता दिवस‘ के रूप में मनाते हैं, जो पूरी तरह [more…]
वक्फ अधिनियम में संशोधन : पहले वे कम्युनिस्टों के लिए आए…
वक्फ अधिनियम को संशोधित कर दिया गया है।संसद के दोनों सदनों द्वारा पारित किए जाने और राष्ट्रपति का अनुमोदन हासिल होने के बाद ‘यूनिफाइड वक्फ [more…]
आरएसएस मुख्यालय में मोदी: क्या यह संघम शरणं गच्छामि है?
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी हाल में नागपुर-स्थित आरएसएस मुख्यालय पहुंचे। वहां उन्होंने आरएसएस के संस्थापक डॉ के।बी। हेडगेवार और द्वितीय सरसंघचालक माधव सदाशिव गोलवलकर को श्रद्धांजलि [more…]
इतिहास से सबक सीखें या अतीत की घटनाओं का हिसाब-किताब करें?
संघ परिवार द्वारा 1992 में बाबरी मस्जिद ढहाए जाने के बाद से जो सैकड़ों साल पहले हुआ था वह अचानक समाज में चर्चा का मुख्य [more…]
लोकतंत्र को सशक्त बनाने के प्रयास और संवैधानिक मूल्य
वी-डेम इंस्टीट्यूट की भारत के संबंध में रपट, जो द हिंदू में प्रकाशित की गई है, में कहा गया है कि “यह रेखांकित करते हुए कि लोकतंत्र के [more…]
लोकतंत्र को सशक्त बनाने के प्रयास और संवैधानिक मूल्य
वी-डेम इंस्टिट्यूट की भारत के संबंध में रपट, जो द हिंदू में प्रकाशित की गई है, में कहा गया है कि “यह रेखांकित करते हुए [more…]
औरंगजेब, छावा और इकतरफा इतिहास
इतिहास का इस्तेमाल राजनीति में करने से साम्प्रायिक नफरत बढ़ रही है और पिछले कुछ सालों में इसमें कई नए मुद्दे जोड़ दिए गए हैं। [more…]
हिंदू त्यौहार और साम्प्रदायिक राष्ट्रवादी राजनीति
संघ परिवार का हिंदू राष्ट्र का एजेंडा तरह-तरह के नैरेटिव्स को अलग-अलग तरह से बुनने और उन्हें अलग-अलग मंचों से प्रस्तुत करने पर आधारित है। [more…]
आरक्षण या सकारात्मक कार्यवाही: धार्मिक अल्पसंख्यकों की माली हालत में सुधार कैसे हो?
जो लोग न्याय और बराबरी के आदर्शों में यकीन रखते हैं उनके लिए अल्पसंख्यकों, विशेषकर मुसलमानों, की माली हालत गंभीर चिंता का विषय है। भारत [more…]