मोदीराज का विवेचन पार्ट-3 : नेहरूकालीन धर्मनिरपेक्ष लोकतंत्र की जड़ पर प्रहार
15 अगस्त,’ 47 से लेकर राजीव गांधी के शासन काल (1989) तक नेहरू काल की वैचारिक व शासन विरासत का डंका कम- अधिक बजता रहा [more…]
15 अगस्त,’ 47 से लेकर राजीव गांधी के शासन काल (1989) तक नेहरू काल की वैचारिक व शासन विरासत का डंका कम- अधिक बजता रहा [more…]
मोदी-शाह ब्रांड शासन शैली की विशेषता यह भी है कि इसमें सामंती-महाजनी पूंजीवादी शैली की अंतर्धारा बहती रहती है।दोनों नेता राजसत्ता को ‘वैयक्तिक जागीर’ के [more…]
“हमें मालूम है कि सभी समाजों, यहां तक कि स्वस्थ लोकतांत्रिक व्यवस्था, में भी समय समय पर अतिवादी जनोत्तेजक नेता जन्म लेते रहते हैं। …….. [more…]
राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के छठे सरसंघ चालक मोहन भागवत के उवाच में भारत को वास्तविक स्वतंत्रता अयोध्या में राम जन्मभूमि मंदिर की प्राण-प्रतिष्ठा के [more…]
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूर्व मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल को विवादों -आरोपों के कटघरे में खड़ा करते हुए मुख्यमंत्री -निवास पर ‘शीशमहल’ होने का तमगा चस्पा [more…]
अभूतपूर्व हंगामों, धक्का-मुक्की और एफआईआर बाज़ी के साथ 18 वीं लोकसभा के पहले शीतकालीन सत्र का अंत हुआ। 25 नवंबर से 20 दिसंबर तक चले [more…]
“अधिकार खैरात में दिये नहीं जाते हैं। ताक़त से इन्हें हासिल किया जाता है।” नोम चोम्स्की। हैरत होती है जब विराट हजारभुजी राजसत्ता शारीरिक तौर पर [more…]
“इतिहास किसी का इंतज़ार नहीं करता है।” (अर्जुन सिंह) बेशक़, मध्य प्रदेश से राष्ट्रीय स्तर के राजनेता अर्जुन सिंह कोई क्रांतिकारी नेता नहीं थे। लेकिन, उत्तर [more…]
अमेरिका से लौट चुका हूँ। करीब एक महीने के प्रवास के बाद। लेकिन, अब भी अमेरिका के राष्ट्रपति का चुनाव की गहमागहमी भूत की तरह [more…]
आज दुनिया के हर कोने में सत्ताधारियों के लिए उदार लोकतांत्रिक व्यवस्थाएं असहनीय बनती जा रही हैं। उनका झुकाव निरंकुशता की तरफ बढ़ने लगा है; [more…]