Estimated read time 1 min read
राजनीति

मोदीराज का विवेचन पार्ट-3 : नेहरूकालीन धर्मनिरपेक्ष लोकतंत्र की जड़ पर प्रहार

15 अगस्त,’ 47 से लेकर राजीव गांधी के शासन काल (1989) तक नेहरू काल की वैचारिक व शासन विरासत का डंका कम- अधिक बजता रहा [more…]

Estimated read time 1 min read
राजनीति

मोदीराज का विवेचन पार्ट-2: मोदी-शाह की हीनता ग्रन्थि

मोदी-शाह ब्रांड शासन शैली की विशेषता यह भी है कि इसमें सामंती-महाजनी पूंजीवादी शैली की अंतर्धारा बहती रहती है।दोनों नेता राजसत्ता को ‘वैयक्तिक जागीर’ के [more…]

Estimated read time 1 min read
राजनीति

मोदीराज का विवेचन पार्ट-1: निर्वाचित एक तंत्रीय मोदी

“हमें मालूम है कि सभी समाजों, यहां तक कि स्वस्थ लोकतांत्रिक व्यवस्था, में भी समय समय पर अतिवादी जनोत्तेजक नेता जन्म लेते रहते हैं। …….. [more…]

Estimated read time 1 min read
राजनीति

भागवत उवाच: राजनैतिक स्वतंत्रता बनाम सच्ची प्राण-प्रतिष्ठा स्वतंत्रता!

राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के छठे सरसंघ चालक मोहन भागवत के उवाच में भारत को वास्तविक स्वतंत्रता अयोध्या में राम जन्मभूमि मंदिर की प्राण-प्रतिष्ठा के [more…]

Estimated read time 1 min read
राजनीति

आप पार्टी: क्या केजरीवाल के हाथों से इतिहास फिसल चुका है?

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूर्व मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल को विवादों -आरोपों के कटघरे में खड़ा करते हुए मुख्यमंत्री -निवास पर ‘शीशमहल’ होने का तमगा चस्पा [more…]

Estimated read time 1 min read
राजनीति

राहुल गांधी: शकुनि चक्रव्यूह में, क्या भेदने में सफल रहेंगे? 

अभूतपूर्व हंगामों, धक्का-मुक्की और एफआईआर बाज़ी के साथ 18 वीं लोकसभा के पहले शीतकालीन सत्र का अंत हुआ। 25 नवंबर से 20 दिसंबर तक चले [more…]

Estimated read time 1 min read
बीच बहस

साईबाबा मरते नहीं जन संघर्षों में ज़िंदा रहते हैं

“अधिकार खैरात में दिये नहीं जाते हैं। ताक़त से इन्हें हासिल किया जाता है।” नोम चोम्स्की। हैरत होती है जब विराट हजारभुजी राजसत्ता शारीरिक तौर पर  [more…]

Estimated read time 1 min read
बीच बहस

अर्जुन सिंह : धर्मनिरपेक्ष भारत का विलुप्त सैनिक!

“इतिहास किसी का इंतज़ार नहीं करता है।” (अर्जुन सिंह)   बेशक़, मध्य प्रदेश से राष्ट्रीय स्तर के राजनेता अर्जुन सिंह कोई क्रांतिकारी नेता नहीं थे। लेकिन, उत्तर [more…]

Estimated read time 1 min read
राजनीति

कमला हैरिस या डोनाल्ड ट्रम्प: दोनों में चाहे जो जीते, अमेरिका का मूल चरित्र वैसा ही रहेगा

अमेरिका से लौट चुका हूँ। करीब एक महीने के प्रवास के बाद। लेकिन, अब भी अमेरिका के राष्ट्रपति का चुनाव की गहमागहमी भूत की तरह [more…]

Estimated read time 2 min read
बीच बहस

विश्व: डगमगाता लोकतंत्र, उभरती निरंकुश सत्ताएं!

आज दुनिया के हर कोने में सत्ताधारियों के लिए उदार लोकतांत्रिक व्यवस्थाएं असहनीय बनती जा रही हैं। उनका झुकाव निरंकुशता की तरफ बढ़ने लगा है; [more…]