Author: रामशरण जोशी
कश्मीर: शासकों की सत्ता-प्रयोगशाला व जीवन रेखा
सर्वप्रथम, कश्मीर के पहलगाम में पर्यटक त्रासदी के मृतकों को श्रद्धांजलि। संभवतः आतंकियों की गोलियों का शिकार हुए करीब ढाई दर्जन मृतक अपने परिजनों की [more…]
मोदीराज का विवेचन पार्ट-3 : नेहरूकालीन धर्मनिरपेक्ष लोकतंत्र की जड़ पर प्रहार
15 अगस्त,’ 47 से लेकर राजीव गांधी के शासन काल (1989) तक नेहरू काल की वैचारिक व शासन विरासत का डंका कम- अधिक बजता रहा [more…]
मोदीराज का विवेचन पार्ट-2: मोदी-शाह की हीनता ग्रन्थि
मोदी-शाह ब्रांड शासन शैली की विशेषता यह भी है कि इसमें सामंती-महाजनी पूंजीवादी शैली की अंतर्धारा बहती रहती है।दोनों नेता राजसत्ता को ‘वैयक्तिक जागीर’ के [more…]
मोदीराज का विवेचन पार्ट-1: निर्वाचित एक तंत्रीय मोदी
“हमें मालूम है कि सभी समाजों, यहां तक कि स्वस्थ लोकतांत्रिक व्यवस्था, में भी समय समय पर अतिवादी जनोत्तेजक नेता जन्म लेते रहते हैं। …….. [more…]
भागवत उवाच: राजनैतिक स्वतंत्रता बनाम सच्ची प्राण-प्रतिष्ठा स्वतंत्रता!
राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के छठे सरसंघ चालक मोहन भागवत के उवाच में भारत को वास्तविक स्वतंत्रता अयोध्या में राम जन्मभूमि मंदिर की प्राण-प्रतिष्ठा के [more…]
आप पार्टी: क्या केजरीवाल के हाथों से इतिहास फिसल चुका है?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूर्व मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल को विवादों -आरोपों के कटघरे में खड़ा करते हुए मुख्यमंत्री -निवास पर ‘शीशमहल’ होने का तमगा चस्पा [more…]
राहुल गांधी: शकुनि चक्रव्यूह में, क्या भेदने में सफल रहेंगे?
अभूतपूर्व हंगामों, धक्का-मुक्की और एफआईआर बाज़ी के साथ 18 वीं लोकसभा के पहले शीतकालीन सत्र का अंत हुआ। 25 नवंबर से 20 दिसंबर तक चले [more…]
साईबाबा मरते नहीं जन संघर्षों में ज़िंदा रहते हैं
“अधिकार खैरात में दिये नहीं जाते हैं। ताक़त से इन्हें हासिल किया जाता है।” नोम चोम्स्की। हैरत होती है जब विराट हजारभुजी राजसत्ता शारीरिक तौर पर [more…]
अर्जुन सिंह : धर्मनिरपेक्ष भारत का विलुप्त सैनिक!
“इतिहास किसी का इंतज़ार नहीं करता है।” (अर्जुन सिंह) बेशक़, मध्य प्रदेश से राष्ट्रीय स्तर के राजनेता अर्जुन सिंह कोई क्रांतिकारी नेता नहीं थे। लेकिन, उत्तर [more…]
कमला हैरिस या डोनाल्ड ट्रम्प: दोनों में चाहे जो जीते, अमेरिका का मूल चरित्र वैसा ही रहेगा
अमेरिका से लौट चुका हूँ। करीब एक महीने के प्रवास के बाद। लेकिन, अब भी अमेरिका के राष्ट्रपति का चुनाव की गहमागहमी भूत की तरह [more…]