Author: शैलेंद्र चौहान
हिंदी की साहित्यिक पत्रकारिता और प्रतिरोध
जैसा कि विदित है, हिंदी पत्रकारिता के इतिहास में भारतेंदु युग 1873 से 1900 तक माना जाता है। इस युग के एक छोर पर भारतेंदु [more…]
अन्वेषा वार्षिकांक : प्रतिकूल समय में एक जरूरी रचनात्मक हस्तक्षेप
अन्वेषा का वार्षिकांक आए हुए कई दिन हो गए। यह प्रवेशांक बहुत भारी-भरकम अंक है। 544 पृष्ठ, आकार भी पुराने जमाने की धर्मयुग और साप्ताहिक [more…]
महाकुंभ-2025: भीड़ की गिनती करने की कोई सटीक विधि नहीं
प्रयागराज में महाकुंभ मेले के पहले स्नान पर्व मकर संक्रांति पर 3.5 करोड़ से भी ज्यादा लोगों के संगम पर स्नान करने का दावा है। [more…]
पत्रकारिता और पत्रकारों के जोखिम को दिखाती भारतीय फिल्में
गत वर्षों में भारत में निर्मित अनेक फिल्मों में पत्रकारों की दुनिया को दिखाया गया है। इनमें से कुछ फिल्में पूरी तरह से पत्रकारिता के [more…]
किताबों से युवा पीढ़ी की बढ़ती दूरी चिंताजनक
भारत में खासकर कोरोना के समय से ऑनलाइन पढ़ने-पढ़ाने और डिजिटल बुक्स का चलन लगातार बढ़ रहा है। देश में लगभग हर जगह इंटरनेट की [more…]
भोपाल गैस त्रासदी : रिसाव के चार दशक
2-3 दिसंबर 1984 की रात को भारत के मध्य प्रदेश के भोपाल में यूनियन कार्बाइड इंडिया लिमिटेड (यूसीआईएल) कीटनाशक संयंत्र में हुई एक रासायनिक दुर्घटना [more…]
नेतन्याहू के खिलाफ आईसीसी का गिरफ्तारी वारंट
अंतरराष्ट्रीय अपराध अदालत आईसीसी ने इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू और पूर्व रक्षा मंत्री योआव गालांत के खिलाफ गिरफ्तारी का वारंट जारी किया है। हमास के [more…]
अनुरा कुमार दिसानायके की पार्टी को दो-तिहाई बहुमत हासिल
श्रीलंका में समय से पहले कराए गए संसदीय चुनावों में मार्क्सवादी रुझान वाले राष्ट्रपति अनुरा कुमार दिसानायके की पार्टी ने दो-तिहाई बहुमत हासिल कर लिया [more…]
ट्रंप की जीत : विश्वभर के उग्र दक्षिणपंथी नेताओं और फासीवादियों में गजब का उत्साह
नेतन्याहू से ओर्बन तक, वैश्विक दक्षिणपंथी नेताओं ने ट्रम्प की जीत का जश्न मनाया। फासीवादी चेहरे वाले ये नेता उस व्यक्ति को बधाई देने के [more…]
प्रदूषण को दरकिनार करता भारतीयों का पटाखा प्रेम
एक और दिवाली बीत गई। एक बार और दिल्ली एनसीआर स्मॉग की चादर से ढक गया। पटाखों पर बैन सिर्फ कागज पर रहा। लोगों ने [more…]