“कुछ वाकई में मनोरोगी जैसे दिख रहे थे। लोगों का बहुलांश चिथड़े लपेटे और निरक्षर किसानों का था, जो तुत्सी…
कैसा होना चाहिए हमारे दौर का नायक?
घेरेबन्दी में पड़े अपने शहर के हालात को लेकर अपने जमाने का शायर कैसी प्रतिक्रिया देता है? अचानक इस बारे…
केन्द्रीय विश्वविद्यालय: वर्चस्वशाली जातियों के नए ठिकाने ?
क्या हम कभी जान सकेंगे कि मुल्क के चालीस केन्द्रीय विश्वविद्यालयों में नियुक्त उपकुलपतियों के श्रेणीबद्ध वितरण- अर्थात वह किन…
दलित: मौत के बाद भी अपमान का अन्त नहीं !
क्या कोई जानता है 21 वीं सदी की शुरुआत में चकवारा के दलितों के एक अहम संघर्ष को। याद है…
रणवीर सेना: अचानक बनती सुर्खियों के क्या मायने हैं ?
पिछले दिनों उसने अपने सोशल मीडिया पेज पर भीम आर्मी के बिहार प्रमुख गौरव सिराज और एक अन्य कार्यकर्ता वेद…
कर्नाटक हाईकोर्ट को अपने फैसले से हटानी पड़ी रेप पीड़िता के खिलाफ की गयी टिप्पणी
अन्ततः कर्नाटक उच्च न्यायालय के न्यायाधीश कृष्णा दीक्षित को अपनी उस विवादास्पद टिप्पणी को हटाना पड़ा जो उन्होंने बलात्कार के…
साझी शहादत-साझी विरासत: वसंत राव और रजब अली को याद करना क्यों जरूरी है ?
अहमदाबाद के जमालपुर के पास स्थित वसन्त-रजब चौक कितने लोगों ने देखा है? देखा तो कइयों ने होगा, और आज…
मनु कब इतिहास बनेंगे?
कितने लोगों ने डॉ. अम्बेडकर की अगुआई में छेड़े गए पहले ‘दलित विद्रोह’ अर्थात महाड़ सत्याग्रह (1927) के बारे में…
वर्णमानसिकता की वैधता के साये में रंगभेद
दारेन सैमी, (Darren Sammy) क्रिकेट प्रेमियों के लिए यह नाम किसी परिचय का मोहताज नहीं है। सेन्ट लुसिया, वेस्ट इंडीज…
महात्मा अय्यनकली : ब्राह्मणवादी वर्चस्व को चुनौती देने वाला दक्षिण का पहला बाग़ी
( 28 अगस्त 1863 – 18 जून 1941 : केरल के दलितों शोषितों को नयी राह दिखाने वाले, संघर्षों में ही…