क्या जातिव्यवस्था भारतीय समाज के लिए एक वरदान है? आरएसएस के मुख्यपत्र पांचजन्य में छपे एक लेख से तो ऐसा…
पेट्रो-डॉलर की जगह पेट्रो-युआन: वैश्विक तेल बाज़ार में बढ़ रही है अंतर्साम्राज्यवादी होड़
अमेरिका के बाद चीन दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है। वह सैन्य और आर्थिक सभी क्षेत्रों में अमेरिका…
नोम चोम्स्की से क्यों भयभीत है भाजपा सरकार?
एवरम नोम चोम्स्की एक प्रमुख भाषा वैज्ञानिक, दार्शनिक, राजनीतिक, एक्टिविस्ट लेखक एवं व्याख्याता हैं। सम्प्रति वे अमेरिका में मेसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट…
क्या ‘कल्याणकारी राज्य’ के सिद्धांत वापसी से मेहनतकश वर्ग की ज़िंदगी बदल सकती है ?
पिछले कुछ वर्षों से भारत सहित दुनिया के कई अन्य देशों में आम बजट लागू होने या इससे पहले भी…
ज्वालामुखी के मुहाने पर दुनिया: चार दशकों में सबसे अधिक बढ़ी अमीरों और ग़रीबों के बीच असमानता
अमीर-ग़रीब के बीच की आर्थिक खाई दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है। पूंजीवादी व्यवस्था में अमीर-ग़रीब में असमानता, मेहनतकश आबादी का…
पिछड़े, दलित, आदिवासी और मुस्लिम कैदियों की संख्या सर्वाधिक: जेलों में होता है जातिगत भेदभाव
मेरी टाइलर एक ब्रिटिश महिला पत्रकार थीं। 70 के दशक में जब भारत के एक बडे़ भाग में; विशेष रूप…
महाराष्ट्र सरकार का काला कानून: शहरी नक्सलवाद का दमन करने के नाम पर विधेयक पेश
भाजपा सरकार के आने के बाद केन्द्र सरकार तथा भाजपा शासित राज्य सरकारें जनआंदोलनों का दमन करने के लिए अनेक…
यूनिसेफ रिपोर्ट 2024: बच्चों की भुखमरी के मामले में भारत बांग्लादेश,नेपाल,पाकिस्तान और श्रीलंका से भी आगे
एक ओर भारत विश्वगुरु होने और दुनिया की तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था बनने के दावे कर रहा है। जहां एक पूंजीपति…
बढ़ते राजनीतिक और आर्थिक संकटों के ख़िलाफ़ पश्चिमी देशों में क्यों संगठित हो रहे हैं मज़दूर
पश्चिमी देशों के बारे में यह धारणा प्रचलित है कि वहां के लोग ऊंचे वेतन, सरकारी सुविधाओं और स्थायी नौकरियों…
भारतीय जेलों में विचाराधीन कैदियों की दयनीय हालत
“जेल को एक ऐसी जगह के रूप में जहां मुक़द्दमे के बाद दोषी ठहराए गए व्यक्तियों को सज़ा के तौर…