Monday, May 29, 2023

विजय शंकर सिंह

सड़क पर घिसटता आत्मनिर्भर भारत

हज़ार हज़ार किमी की पैदल कष्टप्रद यात्राओं के चित्र जो देशभर के अखबारों और सोशल मीडिया में छप रहे हैं, यह सारे चित्र उस आत्मनिर्भर, एक भारत श्रेष्ठ भारत के हम भारत के लोगों के हैं, जो स्वेच्छा से अपने...

गिद्धों के लिए भी एक अवसर ही होती हैं आपदायें

पीएम नरेंद्र मोदी ने भले ही लॉकडाउन से प्रभावित अर्थव्यवस्था को संकट से उबारने के लिए 20 लाख करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज का ऐलान किया है, लेकिन वास्तव में करीब 8.04 लाख करोड़ रुपये का ऐलान भारतीय रिजर्व...

एक खतरनाक संकेत है श्रम कानूनों का निलंबन

श्रम कानूनों के निलंबन का निर्णय जो कुछ सरकारों द्वारा किया गया है जिसमें यूपी, एमपी और गुजरात है, एक टेस्टिंग निर्णय है। यह सरकार द्वारा पूंजीपतियों के पक्ष में किया गया एक फैसला है, जिसका आधार यह दिया...

अपनी जड़ों से उजड़ कर जिसके सपनों के महल खड़े किए, उसी ने दिखा दिया ठेंगा

रेल की पटरी पर मज़दूरों के क्षत विक्षत शव और फैली हुयी रोटियों ने हमारी व्यवस्था, नीति, नीयत, और संवेदनशीलता की पोल खोल कर रख कर दी है। दुनियाभर ने पटरियो पर बिखरे मांस पिंड और चंद रोटियों के...

एक ज़िंदा कसक का नाम है मंटो, जो हमेशा बनी रहेगी

आज, 11 मई को उर्दू के अनोखे अफसानानिगार सआदत हसन मंटो का जन्मदिन है। उन्हें याद करते हुए पहले उनकी कहानियों के कुछ सियाह हाशिये पढ़िये। इस्लाह --------  “कौन हो तुम?”  “तुम कौन हो?”  “हर-हर महादेव – हर-हर महादेव – हर हर महादेव।”  “सबूत क्या...

जयंती पर विशेष: टैगोर की दृष्टि में, देशभक्ति और राष्ट्रवाद

गुरुदेव रवींद्र नाथ टैगोर का व्यक्तित्व अंतरराष्ट्रीय था। बंगाल के कुछ बेहद सम्पन्न लोगों में उनका परिवार आता था। उनके बड़े भाई सत्येंद्र नाथ टैगोर, देश के प्रथम हिंदुस्तानी आईसीएस थे। वे 1864 बैच के आईसीएस थे। अपने माता-पिता...

कर्नाटक और गुजरात की सरकारों ने प्रवासी मज़दूरों को बनाया बंधक!

जैसा कि खबरें आ रही हैं और रेलवे का एक सर्कुलर बता रहा है, उसके अनुसार तो कर्नाटक के प्रवासी मज़दूर न फंसे हैं, न तो छिपे हैं, वे कंपनियों और सरकारी तंत्र की मिलीभगत से बंधक बनाए जा...

प्रशासनिक रूप से अक्षम है मोदी सरकार

नोटबन्दी से लेकर लॉक डाउन तक, सरकार ने अपनी प्रशासनिक अक्षमता के ही प्रमाण दिए हैं। निर्णय और नीतिगत विकलांगता तो मोदी सरकार के कई फैसलों में आप को दिख जाएगी पर अपने ही निर्णयों को प्रशासनिक रूप से...

हिटलर और उसकी नाटकीयता

30 अप्रैल के ही दिन 1945 ई में ज़र्मनी के तानाशाह एडोल्फ हिटलर ने आत्महत्या कर ली थी। हिटलर जिसे लगता था कि वह द्वितीय विश्वयुद्ध में इटली और जापान के साथ धुरी राष्ट्र का एक गुट बनाकर दुनिया...

प्रतिबद्ध से पिछलग्गू न्यायपालिका में तब्दील हो गया है सुप्रीम कोर्ट!

सुप्रीम कोर्ट के बारे में कुछ भी कहने के पूर्व यह जान लेना आवश्यक है कि संविधान के अनुच्छेद 142 में सुप्रीम कोर्ट को सुप्रीम अधिकार प्राप्त हैं। यहां तक कि अगर किसी मामले में कोई कानून नहीं है...

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घर में नहीं हैं दाने, मामा चले हवाई तीर्थ कराके वोट भुनाने

बहुत ही घबराए और बिल्लियाये हुए हैं शिवराज सिंह चौहान और उतनी ही सिड़बिल्याई हुयी है भाजपा और जनादेश...