Saturday, April 20, 2024

सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के बाद अब कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने कहा-वर्चुअल चुनाव प्रचार में भाजपा आगे

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने एक टीवी चैनल को दिए इंटरव्यू में सोशल मीडिया और वर्चुअल चुनाव प्रचार-प्रसार में भाजपा को आगे बताया है। उन्होंने कहा है कि – “भाजपा की सोशल मीडिया मशीनरी काफ़ी मजबूत है। वे काफ़ी दिनों से इस पर काम कर रहे हैं। मैं अखिलेश यादव के बयान से सहमत हूं। भाजपा को सोशल मीडिया पर चुनाव प्रचार में मदद मिलेगी।”

चुनाव आयोग ने 15 जनवरी तक किसी भी तरह की फिजिकल रैली, सभा, रोड शो आदि पर रोक लगा दी है। इसको लेकर अखिलेश यादव ने तीन दिन पहले कहा था कि भाजपा के लोग डिजिटल प्लेटफार्म पर क़ब्ज़ा जमाए हुए हैं। 

भाजपा से मुकाबले के लिए राजनीतिक दलों को पैसा दे आयोग: अखिलेश यादव

9 जनवरी को न्यूज एजेंसी ANIसे बातचीत में उन्होंने कहा है कि निष्पक्ष चुनाव की भूमि चुनाव आयोग को बनानी चाहिए। इसके साथ ही आयोग सभी दलों के लिए एक जैसा नियम बनाए। उन्होंने कहा कि कोरोना के समय में यह चुनाव कराए जा रहे हैं। अगर चुनाव आयोग वर्चुअल रैली कराना चाहता है तो उसे उन पार्टियों के बारे में भी सोचना चाहिए जो बहुत छोटी हैं और जिनके पास ज़रूरी इन्फ्रास्ट्रक्चर नहीं हैं।

इसके साथ ही सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने मांग किया कि चुनाव आयोग विपक्षी दलों को टीवी पर ज्यादा समय दे। क्योंकि बीजेपी के पास एक बड़ा इन्फ्रास्ट्रक्चर है, साथ ही साथ वह सत्ता में भी हैं। सबसे ज्यादा इलेक्शन बॉन्ड उन्हें मिलते हैं। विज्ञापन के लिए सरकारी धन भी उनके पास है।

समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने शनिवार को लखनऊ में प्रेस कांफ्रेंस में कहा था कि अगर चुनाव आयोग यूपी विधानसभा चुनाव 2022 में राजनीतिक दलों के लिए वर्चुअल रैलियों के पक्ष में है, तो आयोग को इसे सभी राजनीतिक दलों के लिए एक समान खेल मैदान बनाना चाहिए। अखिलेश यादव ने कहा, “पहली बार कोरोना के समय में इस तरह से चुनाव हो रहा है। आयोग ने कई तरह के नियम बनाए हैं। लेकिन वर्चुअल रैलियों की हम बात करें तो आयोग को उन पार्टियों के बारे में भी सोचना चाहिए, जिनके पास वर्चुअल रैली के लिए पर्याप्त इन्फ्रास्ट्रक्चर नहीं है।”

चुनाव आयोग द्वारा नई दिल्ली में चुनाव कार्यक्रम की घोषणा से कुछ घंटे पहले लखनऊ में एक संवाददाता सम्मेलन में, अखिलेश यादव ने कहा था कि- “चुनाव आयोग को राजनीतिक दलों को कुछ फंड देना चाहिए ताकि राजनीतिक दल एक कदम आगे बढ़ें, बुनियादी ढांचा तैयार करें। क्योंकि हम भाजपा के बुनियादी ढांचे के साथ मुकाबला नहीं कर सकते। इसलिए हम अपील करते हैं कि चुनाव आयोग को राजनीतिक दलों को सरकार से कुछ फंड दिलवाना चाहिए ताकि लोकतांत्रिक व्यवस्था में सभी राजनीतिक दल जिनके पास भाजपा की तरह मजबूत नहीं है, वे मुकाबला करने में सक्षम हों।”

प्रचार हेतु टीवी पर मुफ़्त समय की मांग

अखिलेश यादव ने निर्वाचन आयोग से कहा है कि, “चुनाव आयोग को विपक्षी दलों को टीवी पर अधिक समय देना चाहिए और यह फ्री में मिलना चाहिए। भाजपा के पास पहले से ही बहुत इन्फ्रास्ट्रक्चर है। इलेक्शन बॉन्ड भी उन्हें ही सबसे ज्यादा मिलते हैं। विपक्षी पार्टियों को भी कहीं न कहीं स्पेस मिलना चाहिए।” भाजपा पर तीखा हमला बोलते हुए अखिलेश यादव ने कहा, “पंचायत चुनाव में लोगों ने देखा था कि भाजपा के कार्यकर्ता अधिकारी बन गए थे। कोरोना के काल में लोगों ने देखा था कि कैसे लोगों के परिजनों को ऑक्सीजन नहीं मिले और बिस्तर नहीं मिले। चुनाव आयोग को सख्ती सरकार के लिए रखनी चाहिए। वही मनमानी करती है। 10 मार्च को भाजपा का सफाया हो जाएगा।”

बता दें कि चुनाव आयोग ने फैसला किया है कि 15 जनवरी तक लोगों की शारीरिक रूप से मौजूदगी वाली कोई जनसभा, पदयात्रा, साइकिल रैली, बाइक रैली रोड शो की अनुमति नहीं होगी। इसके बाद चुनाव आयोग कोविड महामारी की स्थिति की समीक्षा करेगा और इसके मुताबिक निर्देश जारी करेगा। और कोरोना के बढ़ते रफ्तार और रोज़ाना डेढ़ लाख से अधिक केसों को देखते हुए पूरी आशंका है कि निर्वाचन आयोग राजनीतिक दलों को फिजिकल रैली की आज्ञा नहीं देगी।

भाजपा के पास पर्याप्त इन्फ्रास्ट्रक्चर

भाजपा ने बूथ स्तर तक अपनी आईटी विंग तैयार कर ली है तो कुछ अभी तार जोड़ने की तैयारी में हैं। ‘डिजिटल वॉर’ के लिए भाजपा की तैयारी दो साल से चल रही थी। पार्टी पूरी तरह से डिजिटल चुनाव के लिए तैयार है।

बीजेपी की वर्चुअल रैली पर यूपी के डेप्युटी सीएम केशव प्रसाद मौर्या ने कहा कि हमारे हर बूथ पर 50 से ज्यादा कार्यकर्ता डिजिटल से जुड़े हैं। इसमें बड़ी संख्या युवाओं और महिलाओं की है। सभी डिजिटल रैली के लिए तैयार हैं।

केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने पिछले महीने कहा था कि बीजेपी वर्चुअल रैली के लिए पूरी तरह तैयार है।

वर्चुअल रैली बीजेपी के लिए यह पहला अनुभव नहीं होगा। इससे पहले बंगाल के चुनाव में भी वर्चुअल रैली आयोजित की गई थीं। कोविड के दौरान जब दुनिया की सभी राजनीतिक पार्टियां पूरी तरह निष्क्रिय थीं उस समय भी BJP के कार्यकर्ता और पार्टी के सभी लोग वर्चुअल प्लेटफॉर्म पर काम कर रहे थे। चुनावी रैली पर लगी रोक के बाद एक बार फिर से बीजेपी वर्चुअल रैली करने में जुट गई है।

राजनीतिक दलों के वर्चुअल इन्फ्रास्ट्रक्चर पर एक नज़र –

 भारतीय जनता पार्टी

उत्तर प्रदेश के सभी जिलों में मौजूद भाजपा दफ्तरों में अलग से आईटी दफ्तर तैयार कर लिए गए हैं। हर बूथ पर आईटी सेल से जुड़े एक कार्यकर्ता को तैनात किया जा रहा है तो हर जिले के पास आधुनिक सॉफ्टवेयर का अपना लाइसेंस है तो पूरे प्रदेश को ‘वर्चुअल कनेक्ट’ करने के संसाधन मौजूद हैं। अब थ्री डी मैक्स स्टूडियो जैसे साफ्टवेयर की मदद से बड़ी रैलियां करने की तैयारी है।

भाजपा आईटी सेल के संयोजक कामेश्वर मिश्रा का दावा है कि अब तक हम एक बार में 50 हजार लोगों को जोड़ने का प्रयोग कर चुके हैं, आगे की तैयारी डेढ़ लाख तक लोगों को जोड़कर बड़ी वर्चुअल रैली करने की है। इसमें सभी बड़े नेताओं की अलग-अलग बड़ी रैलियां होंगी।

बीजेपी की योजना 3डी स्टूडियो मिक्स तकनीक का इस्तेमाल करने की है, जिसके जरिए दो अलग-अलग जगहों पर बैठे नेताओं को पोडियम पर दिखाया जा सके। कुछ समय तक इसी तरह के संदेश भाजपा समर्थकों के व्हाट्सएप ग्रुप और ट्विटर हैंडल पर देखे जा सकते थे। पार्टी के पास पहले से ही प्रत्येक राज्य में 1.5 लाख से अधिक बूथ स्तर के व्हाट्सएप ग्रुप हैं, जिनका उपयोग इन वर्चुअल रैलियों को आयोजित करने के लिए किया जाएगा। भाजपा के पास स्थानीय स्तर पर प्रचार के लिए वॉर रूम भी हैं। वहां बैठी टीमें सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म जैसे फेसबुक, ट्विटर, व्हाट्सएप, इंस्टाग्राम आदि की मदद से अपनी पार्टी के पक्ष में जनता का समर्थन जुटा रही हैं।

समाजवादी पार्टी

समाजवादी पार्टी का मुख्य हथियार सोशल मीडिया है। इसके अलावा सपा वर्चुअल रैलियों की योजना बना रही है। सपा के मुताबिक, वे लंबे समय से स्वयं सेवकों को डिजिटल रूप से प्रशिक्षण दे रहे हैं और 2017 के विधानसभा चुनाव के दौरान भी पार्टी का सोशल मीडिया वॉर रूम सक्रिय था। सपा ने एक लिंक ट्वीट कर लोगों को राज्य के 400 से अधिक विधानसभा क्षेत्रों में पार्टी कार्यकर्ताओं द्वारा चलाए जा रहे व्हाट्सएप ग्रुप में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया है। पार्टी के मुताबिक, वे गांव-गांव जाने की योजना बना रहे थे, लेकिन अब फेसबुक, ट्विटर और यूट्यूब के जरिए लोगों तक पहुंचेंगे।

वहीं सपा सहयोगी सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (SBSP) के अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर ने कहा कि राजभर समाज जब से सरकार में था तब से चुनावी मूड में था और बूथ स्तर तक तैयारी की है। राजभर का मानना ​​है कि वर्चुअल होने से कोई खास फर्क नहीं पड़ेगा। पार्टी अब फेसबुक, ट्विटर और यूट्यूब के माध्यम से अपने मतदाता आधार तक पहुंचने की योजना बना रही है।

पार्टी के अनुसार, राजभर का यूट्यूब हैंडल पार्टी के मतदाताओं के बीच सबसे ज्यादा पसंद किया जाने वाला है और वर्चुअल प्रचार के लिए एक प्राथमिक उपकरण होगा।

कांग्रेस

प्रियंका गांधी ने अपने वर्चुअल प्रचार की शुरुआत शनिवार से पार्टी के फेसबुक, यूट्यूब और अन्य सोशल मीडिया हैंडल पर प्रसारित एक कार्यक्रम के जरिए की है। ‘प्रियंका के साथ लाइव कार्यक्रम में पार्टी फेसबुक लाइव सत्र आयोजित करती है जहां कांग्रेस महासचिव लोगों के साथ बातचीत करते हैं।

बहुजन समाज पार्टी

बहुजन समाज पार्टी अपने विरोधियों की तुलना में वर्चुअल प्रचार के खेल में पिछड़ रही है। बसपा के वरिष्ठ नेता सतीश चंद्र मिश्रा वर्तमान में लाइव रैलियां करने के लिए फेसबुक का उपयोग कर रहे हैं, लेकिन पार्टी में अपने प्रतिद्वंद्वी दलों द्वारा अपनाई गई आक्रामक सोशल मीडिया रणनीति का अभाव है। शनिवार को चुनाव आयोग की घोषणा के बाद बसपा अब सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म और व्हाट्सएप ग्रुप के माध्यम से डिजिटल प्रचार का विस्तार करने की योजना बना रही है। इनके अलावा, सभी पार्टियां राज्य भर में, खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में एलईडी स्क्रीन के साथ वैन और ट्रकों का उपयोग करके वीडियो दिखाने की योजना बना रही हैं।

आम आदमी पार्टी

आम आदमी पार्टी ही वो पहली पार्टी है जिसने सोशल मीडिया के बूते न सिर्फ सत्ता हथियाने में कामयाब रही वरन भाजपा के तमाम दुष्प्रचारों को मुंहतोड़ जवाब देने में भी आम आदमी पार्टी कामयाब रही है।

आप नेता व राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने 8 जनवरी को वाराणसी में वर्चुअल रैली में फेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम और यूट्यूब के जरिए लोगों को संबोधित किया था। पार्टी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का उपयोग करके और अधिक वर्चुअल रैलियां करने की योजना बना रही है। पार्टी की योजना डोर-टू-डोर प्रचार के जरिए भी जनता तक पहुंचने की है।

(जनचौक के विशेष संवाददाता सुशील मानव की रिपोर्ट।)

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