भाजपा की सहयोगी जेडीयू ने कहा- कृषि कानूनों को अनिश्चितकाल के लिए कर देना चाहिए स्थगित

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केंद्र और बिहार में भाजपा सरकार की सहयोगी पार्टी जनता दल यूनाइटेड के राष्ट्रीय महासचिव केसी त्यागी ने कहा है कि तीनों कृषि कानूनों को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर देना चाहिए और एमएसपी किसानों का संवैधानिक अधिकार बने। एक न्यूज चैनल को दिए इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि हमें उम्मीद है कि दोनों पक्ष इसे स्वीकार करेंगे। न तो सरकार को और न ही किसान संगठनों को इसे अपनी प्रतिष्ठा का प्रश्न बनाना चाहिए।

जब दोनों प्रतिष्ठा का सवाल नहीं बनाएंगे तभी रास्ता निकलेगा। जहां बातचीत खत्म हुई है और जो प्रस्ताव केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने रखे हैं, उस पर किसान संगठनों को जवाब देना चाहिए। उन्होंने डेढ़ साल के लिए कानूनों को टालने का प्रस्ताव रखा है, जो एक स्वागत योग्य कदम है। सरकार एमएसपी पर लिखित आश्वासन देने को भी तैयार है।

वहीं एमएसपी के सवाल पर केसी त्यागी ने कहा, “एमएसपी को कानून बनाने की मांग बिलकुल जायज है। इसमें कुछ भी गलत नहीं है। सरकारी खरीद है, लेकिन उसके बाहर सरकार द्वारा घोषित एमएसपी किसानों को नहीं मिलता है। इसकी वजह से उसको आर्थिक नुकसान होता है। लिहाजा सबसे पहले जरूरी है कि इसको संवैधानिक अधिकार बनाया जाए। इसको संवैधानिक जामा पहनाया जाए। वैसे भी सरकार एमएसपी को लेकर किसानों की मांग पर लिखित आश्वासन देने को तैयार है।”

NGT के फैसले से खफा टिकैत बोले- उसके दफ्तर पर भी दौड़ेंगे ट्रैक्टर
वहीं किसान नेता राकेश टिकैत ने ग़ाज़ीपुर बॉर्डर पर दिल्ली-एनसीआर के उन किसानों से मुलाकात की, जो नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) के फैसले से नाराज हैं। NGT ने 10 साल पुराने डीजल वाहनों पर बैन लगाने को कहा है और इनमें ट्रैक्टर भी शामिल हैं।  किसानों से मुलाकात के बाद राकेश टिकैत ने कहा, “खेतों में चलने वाले ट्रैक्टर अब दिल्ली में NGT के दफ्तर पर भी दौड़ेंगे। अब तक तो ये लोग नहीं पूछते थे कि कौन सी गाड़ी दस साल पुरानी है। अब इनका क्या प्लान है? 10 साल से पुराने ट्रैक्टरों को बाहर करो और कॉरपोरेट्स की मदद करो? लेकिन 10 साल से पुराने ट्रैक्टर भी दौड़ेंगे और आंदोलन मजबूत होगा।”

किसानों को कैंप में रुकने के लिए देनी होगी आधार कार्ड की कॉपी
सुरक्षा के लिहाज से यूपी गेट पर आंदोलन स्थल में किसानों को भी कैंप में रुकने के लिए आधार कार्ड की कॉपी के साथ पांच जमानती देने होंगे। यूपी-उत्तराखंड में हिंसा के इनपुट मिलने पर भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कैंपों में रुकने वालों की पड़ताल कराने का निर्णय लिया है।

ट्रैक्टर परेड में रूट बदलने वाले दो संगठन निलंबित
गणतंत्र दिवस की ट्रैक्टर परेड के दौरान दिल्ली में बवाल के बाद संयुक्त किसान मोर्चा ने बड़ा फैसला लिया है। संयुक्त किसान मोर्चा ने ट्रैक्‍टर परेड के दौरान रूट बदलने वाले दो संगठनों को निलंबित कर दिया है। इसके साथ ही इन दोनों किसान संगठनों के खिलाफ जांच के लिए कमेटी भी बनाई गई है। जांच कमेटी इस मामले में अपनी रिपोर्ट पेश करेगी कि दोनों किसान संगठनों के पदाधिकारी भटककर दूसरे रूट पर गए थे या फिर उन्‍होंने जानकर खुद रूट बदला था।

भाकियू क्रांतिकारी सुरजीत फूल गुट के अध्यक्ष सुरजीत सिंह फूल और आजाद किसान कमेटी के हरपाल सिंह सांगा को अभी निलंबित किया गया है। रुलदू सिंह मानसा ने बताया कि ट्रैक्टर परेड के दौरान जितने भी संगठन के लोग अन्य रूट पर गए थे, उनके खिलाफ कमेटी जांच कर रही है और इसलिए ही अभी उनको निलंबित किया गया है।

इसके साथ ही संयुक्‍त किसान मोर्चा के नेताओं ने सवाल उठाया है कि भाकियू के प्रवक्‍ता राकेश टिकैत ने संयुक्त किसान मोर्चा से बातचीत किए बिना ही आंदोलन की रणनीति कैस बदल ली और यूपी और उत्‍तराखंड में चक्‍का जाम को क्‍यों वापस ले लिया गया।

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