Wednesday, April 24, 2024

नफ़रत की राजनीति में केजरीवाल का प्रवेश

“तिरंगा भारत में नहीं तो क्या पाकिस्तान में फहराया जायेगा। दिल्ली में नहीं तो क्या इस्लामाबाद में फहराया जायेगा”- उपरोक्त बातें 10 मार्च बजट सत्र के तीसरे दिन दिल्ली विधानसभा में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा है। 

नहीं चौंकिए मत। तिरंगा, राष्ट्रगान जैसे प्रतीकों के जरिये राष्ट्रवादी और हिंदुस्तान-पाकिस्तान जैसे बाइनरी तैयार करके और अयोध्या राम मंदिर तक बुजुर्गों को मुफ़्त दर्शन कराने ले जाने के वायदे करके केजरीवाल आरएसएस भाजपा की सांप्रदायिक, नफ़रती राजनीति को हाईजैक करने की दिशा में लगातार आगे बढ़ रहे हैं। 

जय श्री राम का नारा हिंदुस्तान में नहीं तो क्या पाकिस्तान में बुलंद होगा।

आम आदमी पार्टी उस नफ़रती हिंदुत्ववादी एजेंडे पर न सिर्फ़ आगे बढ़ रही है, बल्कि लगातार उस तरह के विभाजक विमर्श भी तैयार कर रही है। पार्टी प्रवक्ता लगातार विभाजक बातों को टीवी पर बोल रहे हैं।13 फरवरी को आप प्रवक्ता राघव चड्ढा ने आज तक और एनडीटीवी समेत तमाम चैनलों पर रिंकू शर्मा हत्याकांड पर बोलते हुए बयान दिया कि ‘जय श्री राम का नारा हिंदुस्तान में नहीं बुलंद होगा को क्या पाकिस्तान में होगा ‘

दिल्ली में ‘रामराज्य’ लायेंगे केजरीवाल

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा है कि वो दिल्ली में रामराज्य लायेंगे। पिछले साल फरवरी, 2020 में दिल्ली में जिस तरह से सांप्रदायिक हिंसा को अंजाम दिया गया और बतौर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने जांच के लिए जिस तरह से हिंसा में शामिल दिल्ली पुलिस को ही अप्रोच किया उससे पता चलता है दिल्ली में रामराज्य लाने के लिए केजरीवाल कमर कस चुके हैं। 

और इसका विधानसभा में बाकायदा एलान करते हुए अरविंद केजरीवाल ने रामराज्य की अवधारणा पर आम आदमी पार्टी सरकार के 10 सिद्धांत भी गिनाए और घोषणा किया कि अयोध्या में भव्य राम मंदिर बनने के बाद दिल्ली के बुजुर्गों को राम मंदिर के दर्शन कराने ले जाएंगे। 

आगे अरविंद केजरीवाल ने कहा कि प्रभु श्रीराम हम सभी के आराध्य हैं। मैं व्यक्तिगत तौर पर हनुमान जी का भक्त हूं। हनुमान जी, रामचंद्र जी के भक्त हैं तो उस नाते मैं हनुमान जी और श्री रामचंद्र जी दोनों का भक्त हूं। प्रभु श्रीराम जी अयोध्या के राजा थे। कहते हैं कि उनके शासनकाल में सब कुछ बहुत अच्छा था। सब लोग सुखी थे, किसी को किसी प्रकार का दुख नहीं था, हर तरह की सुविधा थी, उसे रामराज्य कहा गया। 

सीएम ने कहा कि प्रभु श्रीराम से प्रेरणा लेकर उनके रामराज्य की अवधारणा को दिल्ली के अंदर पूरी साफ सुथरी नियत से लागू करने के लिए पिछले 6 साल से हम लोग प्रयासरत हैं।

दीपावाली पर सरकरी पैसे का इस्तेमाल अपनी ‘हिंदुत्ववादी’ ब्रांडिंग करने में किया

इससे पहले केजरीवाल ने दीपावली के मौके पर सरकारी धन का दुरुपयोग करके दीपावली के दिन पूरे कैबिनेट संग अक्षरधाम मंदि में भव्य पूजा आरती और उसका प्रसारण करवाया था। 

इसके लिए दो सप्ताह पहले से तमाम टीवी न्यूज़ चैनल, अखबारों और सोशल मीडिया पर विज्ञापन दिये गये। इन विज्ञापनों पर करोड़ों रुपये खर्च किये गये। 

विचार हीन राजनीति के प्रवक्ता

केजरीवाल ने जब नई नवेली पार्टी बनाई तो उसमें प्रशांत भूषण जैसे लेफ्ट ओरिएंटेड, योगेंद्र यादव जैसे समाजवादी, राजेंद्र सिंह जैसे पर्यावरणविद से लेकर तमाम लिबरल और दक्षिणपंथी झुकाव वाले लोग पार्टी का हिस्सा थे। तब जब भी पार्टी की विचारधारा पर सवाल उठता केजरीवाल समेत तमाम नेता पार्टी की कोई विचारधारा न होने की बात करते। लेकिन फिर धीरे-धीरे दक्षिणपंथ विरोधी लोगों को केजरीवाल एंड कंपनी ने किनारे लगा दिया। दक्षिणपंथी कुमार विश्वास को भी किनारे लगा दिया क्योंकि उनका कद पार्टी के भीतर लगातार केजरीवाल को चुनौती दे रहा था। ये सब अरविंद केजरीवाल के अथॉरटेरियन चरित्र को उजागर करता है। विचारधारा किसी भी दल की नीति और पक्ष, प्राथमिकता की नियामक होती है। 

विचारहीन पार्टी का हश्र आम आदमी पार्टी की तरह फासीवाद की राह पर जाता है। 

(सुशील मानव जनचौक के विशेष संवाददाता हैं।)

जनचौक से जुड़े

0 0 votes
Article Rating
Subscribe
Notify of
guest
0 Comments
Inline Feedbacks
View all comments

Latest Updates

Latest

Related Articles