इलाहाबाद/लखनऊ। उत्तर प्रदेश में 69000 शिक्षकों की भर्ती में समुचित तरीके से आरक्षण लागू न करने के विरोध में पूरे घोषित आह्वान के तहत आज छात्रों ने उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के आवास पर प्रदर्शन किया। शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन कर रहे छात्र- छात्राओं पर पुलिस ने बर्बर लाठीचार्ज किया है। जिसमें कई छात्रों को गंभीर चोटे आयी हैं। बाकी बचे तमाम छात्रों को पहले गिरफ्तार किया गया और फिर उन्हें इको गार्डेन में ले जाकर छोड़ दिया गया।
आंदोलन में शामिल विजय यादव, मनोज प्रजापति, मनोज चौरसिया, राहुल मौर्य, सुशील कश्यप, अमरेंद्र बाहुबली, ज्योति यादव, सावित्री पटेल, प्रवीण पाल ने कहा कि सरकार आरक्षण लागू नहीं कर रही है और हमारे समाज के उप मुख्यमंत्री के आवास पर वार्ता करने के लिए जाने पर बातचीत नहीं लाठी मिल रही है। पिछड़ा वर्ग आयोग द्वारा आरक्षण लागू नहीं होने की बात कहने के बावजूद भी सरकार मानने को तैयार नहीं है। इससे साबित होता है कि सरकार संवैधानिक संस्थाओं की भी अनदेखी कर रही है। उन्होंने कहा कि जब तक समुचित आरक्षण नहीं मिलेगा तब तक हमारा आंदोलन अनवरत जारी रहेगा।
लाठीचार्ज व गिरफ्तारी की कड़े शब्दों में निंदा करते हुए छात्रों ने कहा कि 69000 शिक्षक भर्ती में हुआ आरक्षण घोटाला सरकार की सुनियोजित साजिश का हिस्सा है। इसीलिए शुरू से ही योजनाबद्ध तरीके से आरक्षण खत्म करने की योजना बनाई गई और अन्य पिछड़ा वर्ग आयोग की रोक के बावजूद भर्ती आगे बढ़ाई गयी।
उन्होंने कहा कि सामान्य यानि ओपेन कटऑफ 67.11 के बाद 49.50% सीट आरक्षित वर्ग (ओबीसी, एससी, एसटी) वर्ग को मिलना चाहिए, जो नहीं मिली। इस भर्ती में आरक्षण के नियमों का समुचित तरीके से पालन नहीं किया गया है, जिससे आरक्षित वर्ग को लगभग 20000 सीटों का नुकसान हुआ है। 69000 शिक्षक भर्ती में आरक्षण लागू न करने के चलते ओबीसी-एससी-एसटी के छात्रों में बेहद आक्रोश है। इस आरक्षण घोटाले के ख़िलाफ़ 30 जून को लखनऊ में होने वाले आंदोलन का इंकलाबी नौजवान सभा समर्थन करने का फैसला लिया है।
प्रदर्शन में शामिल इंकलाबी नौजवान सभा (इनौस) के प्रदेश सचिव सुनील मौर्य ने कहा कि “उप्र की योगी सरकार 69000 शिक्षक भर्ती में समुचित आरक्षण लागू न कर आरक्षित वर्ग के छात्रों को रोजग़ार के हक़ से वंचित कर रही है और सामाजिक न्याय के नाम पर चुनाव में वोट हासिल करना चाहती है जो भाजपा के दोहरे चरित्र को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि सरकार लगातार नौकरियों में नियम व पारदर्शिता की बात कर रही है जो कहीं भी दिखाई नहीं देती। 69000 शिक्षक भर्ती में आरक्षण घोटाले के खिलाफ शुरू से ही अभ्यर्थियों द्वारा सरकार को आगाह किया था लेकिन आरक्षण की अनदेखी करके मनमाने तरीके से भर्ती प्रक्रिया की गई”।
छात्रों ने 69000 शिक्षक भर्ती में आरक्षण लागू करते हुए नई मेरिट लिस्ट जारी करने, आरक्षण घोटाले में शामिल अधिकारियों को दंडित करने, आरक्षण घोटाले के जिम्मेदार शिक्षा मंत्री सतीश द्विवेदी व कार्मिक मंत्री योगी आदित्यनाथ के इस्तीफ़ा की मांग की।