ट्विटर ने आईटी मंत्री रविशंकर प्रसाद का हैंडल एक घण्टे के लिए बंद करके मोदी सरकार को खुली चुनौती दे दी है कि वह अमेरिकी कानून से चलेगा मोदी सरकार के निर्देशों के अनुरूप नहीं। अब मोदी सरकार के पाले में गेंद है कि क्या ट्विटर की इस धृष्टता के लिए उसे दण्डित किया जाए? मानवाधिकार, लोकतंत्र से लेकर कश्मीर तक के मुद्दों पर अंतरराष्ट्रीय दबावों से घिरी मोदी सरकार के लिए ट्विटर को दंडित करना आसान नहीं है।
ट्विटर ने रविशंकर प्रसाद का हैंडल शुक्रवार सुबह एक घंटे के लिए ब्लॉक कर दिया। इसकी वजह ये बताई गई कि उन्होंने अमेरिका के डिजिटल मिलेनियम कॉपीराइट एक्ट का उल्लंघन किया है। हालांकि बाद में ट्विटर ने चेतावनी देते हुए रविशंकर प्रसाद का हैंडल फिर से खोल दिया।
आईटी मंत्री पर सोशल मीडिया कंपनी की ये कार्रवाई ऐसे समय में सामने आई है जब केंद्र सरकार और ट्विटर के बीच नए आईटी नियमों को लेकर विवाद चल रहा है। इस मामले में पिछले हफ्ते आईटी मिनिस्ट्री से जुड़ी संसदीय समिति के सामने ट्विटर के प्रतिनिधियों की पेशी हुई थी। समिति ने कंपनी के अधिकारियों से पूछा कि क्या आप देश के कानून का पालन करते हैं?
कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने इस पर रिएक्शन देते हुए कहा है, ‘दोस्तों! आज बहुत अजीब घटना हुई। ट्विटर ने मेरे अकाउंट को एक घंटे के लिए ब्लॉक कर दिया।’ प्रसाद ने पहले देसी माइक्रोब्लॉगिंग और सोशल नेटवर्किंग साइट कू के जरिए और फिर ट्विटर के जरिए यह जानकारी शेयर की है।
ट्विटर पर अकाउंट ब्लॉक होने के बाद रविशंकर प्रसाद ने सोशल मैसेजिंग ऐप कू पर अपनी बात लिखी। उन्होंने लिखा कि…फ्रेंड्स! आज बहुत ही अनोखी घटना हुई। ट्विटर ने लगभग एक घंटे तक मेरे अकाउंट तक एक्सेस रोक दी। बताया गया कि कथित तौर पर अमेरिका के डिजिटल मिलेनियम कॉपीराइट एक्ट का उल्लंघन हुआ है। बाद में उन्होंने मुझे अकाउंट एक्सेस करने की परमिशन दे दी।
ट्विटर की कार्रवाई इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी (इंटरमीडियरी गाइडलाइंस एंड डिजिटल मीडिया एथिक्स कोड) रूल 2021 के नियम 4(8) का उल्लंघन है। उन्होंने मुझे अपने अकाउंट तक एक्सेस से रोकने के पहले कोई सूचना नहीं दी। यह साफ है कि ट्विटर की मनमानी पर मेरे बयानों खास तौर पर टीवी चैनलों पर मेरे इंटरव्यूज की क्लिप्स शेयर करने से ट्विटर तिलमिला गया है
अब यह भी साफ है कि ट्विटर इंटरमीडियरी गाइडलाइंस का पालन करने से इंकार क्यों कर रहा है, क्योंकि अगर ट्विटर इसका पालन करता है, तो वह किसी के भी अकाउंट तक एक्सेस से मनमाने ढंग से इंकार नहीं कर पाएगा और यह उनके एजेंडे के मुताबिक नहीं है।
इसके अलावा, पिछले कई साल में किसी भी टीवी चैनल या किसी एंकर ने सोशल मीडिया पर शेयर किए गए मेरे इंटरव्यू के क्लिप के बारे में कॉपीराइट उल्लंघन के बारे में कोई शिकायत नहीं की है।
ट्विटर के इस कदम से संकेत मिलता है कि वे फ्री स्पीच के हिमायती नहीं हैं, जिसका वे दावा करते हैं। वे सिर्फ अपना एजेंडा चलाने में रुचि रखते हैं। इस धमकी के साथ कि यदि आप उनकी खींची गई रेखा का पालन नहीं करते हैं, तो वे आपको अपने प्लेटफॉर्म से मनमाने ढंग से हटा देंगे। कोई भी प्लेटफॉर्म हो कोई फर्क नहीं पड़ता, उन्हें नए आईटी नियमों का पूरी तरह से पालन करना होगा और उस पर कोई समझौता नहीं होगा।
गौरतलब है कि डिजिटल मिलेनियम कॉपीराइट एक्ट अमेरिका का कॉपीराइट कानून है। अक्टूबर 1998 में उस वक्त के अमेरिकी राष्ट्रपति बिल क्लिंटन ने इस कानून को लागू किया था। क्लिंटन ने तब कहा था कि इस कानून को बनाने का मकसद किसी कंटेंट को चोरी होने से बचाना है और चोरी होने पर आरोपी के खिलाफ कार्रवाई करने में मदद करना है। इसके तहत सभी तरह के डिजिटल प्रोडक्ट जैसे ऑडियो, वीडियो, टेक्स्ट, कंटेंट आते हैं। ज्यादातर ब्लॉग लिखने वाले या कंटेंट क्रिएटर अपने कंटेंट को प्रोटेक्ट करने के लिए इस कानून का सहारा लेते हैं। कोई भी व्यक्ति यदि बिना परमिशन के किसी का कंटेंट कॉपी करता है तो उसकी शिकायत की जा सकती है।
(वरिष्ठ पत्रकार जेपी सिंह की रिपोर्ट।)